भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर क्या है



देश में ऐसे बहुत से उद्योग होते है, जिनके बिना देश को चलाना मुश्किल ही नाममुकिन होता है, जैसे कोयला, कच्‍चा तेल, उर्वरक, स्‍टील, पेट्रो रिफाइनिंग, बिजली और नेचुरल गैस ये उद्योग होते है,  ये ऐसे उद्योग होते है, जिन्हे प्रमुख रूप से किसी अर्थव्‍यवस्‍था की बुनियाद माना जाता है। यही आठ क्षेत्र होते है, जो कोर सेक्‍टर कहे जाते हैं। इनकी विकास दर में कमी या बढोत्‍तरी यह बताती है कि, किसी देश की अर्थव्‍यवस्‍था की बुनियाद की हालत कैसे है |

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इसी तरह भारतीय अर्थव्यवस्था में भी कोर सेक्टर के विषय में जाना जा सकता है, क्योंकि ऐसे बहुत से लोग होते है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर के विषय में जानना चाहते है | इसलिए यदि आपको भारतीय अर्थव्यस्था में कोर सेक्टर के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको  भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर क्या है , भारत में कितने कोर सेक्टर है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |

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भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर का क्या मतलब है ?

कोर सेक्टर वह उद्योग कहे जाते हैं, जो किसी  भी अर्थव्यवस्था के मुख्य उद्योग होते हैं और अर्थव्यवस्था में उनका हिस्सा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जिसमें इसका भार भी  शामिल होता है | कोर सेक्टर का भार : पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद (28.04%), विद्युत् उत्पादन (19.85%), स्टील उत्पादन (17.92%), कोयला उत्पादन (10.33%), कच्चा तेल उत्पादन (8.98%), प्राकृतिक गैस उत्पादन (6.88%), सीमेंट (5.37%), उर्वरक (2.63%)।



भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष जारी किये जाने वाले कोर सेकटर से भारतीय व्यवस्था को जाना जाता है | वहीं  जून 2018 में 8 कोर उद्योगों की विकास दर सात महीनों में सर्वाधिक 6.7% रही है । यह सीमेंट, रिफाइनरी और कोयला सेक्टर के अच्छे प्रदर्शक के कारण बेहतर रही। नवम्बर, 2017 में यह दर 6.9% थी, जबकि मई 2018 में यह 4.3% पहुंच गई थी | इसके अलावा जून 2018 में आठ कोर उद्योगों की विकास दर 6.7% पहुंच गई थी । जबकि अप्रैल से जून 2018 की कुल विकास दर 5.2 रही। कोर सेक्टर के ग्रोथ के दो मुख्य कारण हैं, पहला सरकार द्वारा अधोसंरचना परियोजनाओं को में निवेश करना और दूसरा कारण भारत से पेट्रोलियम पदार्थों का निर्यात करना है |  

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भारत में कितने कोर सेक्टर है ?

भारत में मुख्य रूप से 8 सेक्टर कोर है , जिनमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट व बिजली आदि शामिल है । यह कोर उद्योग औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक का 40.27% हिस्सा हैं।

कोर सेक्‍टर के आंकड़े

सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष कोर सेक्टर ग्रोथ के आंकड़े जारी किये जाते है। यह आंकड़े इन आठों सेक्टर्स में उत्पादन की तस्वीर सामने रखने का काम करते है । औद्योगिक उत्‍पादन मापने के सूचकांक आईआईपी में कोर सेक्टर की 38 फीसदी हिस्सेदारी है।

आधार भूत उद्योग क्षेत्रों में संशोधित भारांकन

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (28.04%), विद्युत उत्पादन (19 .85%), इस्पात उत्पादन (17.92%), कोयला उत्पादन (10.33%), कच्चा तेल उत्पादन (8.98%), प्राकृतिक गैस उत्पादन (6.88%), सीमेंट उत्पादन (5.37%), उर्वरक उत्पादन (2.63%) है |

यहाँ पर हमने आपको भारतीय अर्थव्यवस्था में कोर सेक्टर क्या है | इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है |  यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट के माध्यम से अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर दिया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

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