कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) सैटेलाइट क्या है



कार्टोसैट-3 सैटेलाइट ऐसी सैटेलाइट है जो अंतरिक्ष से भारत पर पूर्ण रूप से अपनी नजर बनाये रखने का काम करेगा | इसलिए इसे भारत की तीसरी आंख बताया जा रहा है | अब भारत आवश्यकता पड़ने पर  इस सैटेलाइट की मदद से  सर्जिकल या एयर स्ट्राइक भी  कर सकते है |   इस सैटेलाइट में आधुनिक और सबसे ताकतवर कैमरे का इस्तेमाल किया गया है |  यह ऐसा कैमरा है जिसमें, हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें क्लिक करने की क्षमता होती है |



यदि आप भी कार्टोसैट-3 सैटेलाइट के विषय में जानना चाहते है तो, यहाँ पर कार्टोसैट-3 सैटेलाइट क्या है, इसकी खासियत, वजन, जीवनकाल, पूरी जानकारी  दी जा रही है |

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कार्टोसैट-3 सैटेलाइट क्या है ?

यह कार्टोसैट-3 सैटेलाइट श्रृंखला का नौवां उपग्रह है, जिसे ISRO ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए और भारत में इतिहास रचते हुए  120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया था। इस सैटेलाइट में आधुनिक और सबसे ताकतवर केमरे का उपयोग हुआ है, जो जमीन पर 1 फीट से भी कम (9.84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर लेने में सक्षम है | यह ऐसा कैमरा है, जिससे काफी बारीक चीजें बहुत सपष्ट रूप से दिखाई देती है |



कार्टोसैट-3 सैटेलाइट की खासियत

कार्टोसैट-3 सैटेलाइट 3 बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि के उपयोग तथा भूमि कवर के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को सफलता पूर्वक पूरा कर सकता है ।  इसके साथ इसरो ने अंतिरक्ष में 13 नैनो सैटेलाइट  भी  भेजी  है  जिनमे,  से 12 Flock-4P सैटेलाइट हैं जो,  सैटेलाइट्स कॉमर्शियल  में उपयोग की जाती है | इसमें सबसे ख़ास बात यह है कि,Cartosat-3  में जिस कैमरे का इस्तेमाल किया गया है, वह आधुनिक कैमरा हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें क्लिक  करने में सक्षम हो सकता है। इसके साथ ही यह अंतरिक्ष में 509 मिलोमीटर की ऊंचाई से पृथ्वी पर ​स्पष्ट तस्वीरें क्लिक करने सक्षम हो सकता है | वही,  इससे पहले अमेरिका ने जियोआई-1 सैटेलाइट को लॉन्च किया था, जो कि केवल 16.14 इंच की ऊंचाई तक की ही तस्वीरें क्लिक करने  में सक्षम है |

कार्टोसैट-3 सैटेलाइट का वजन 

कार्टोसैट-3 सैटेलाइट का वजन 1,625 किलोग्राम है और यह 3 बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि के उपयोग तथा भूमि कवर के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को  पूरा करने का काम करेगा |

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कार्टोसैट-3 सैटेलाइट का जीवनकाल

इसरों ने जानकारी देते हुए बताया है कि, कार्टोसैट-3 का जीवनकाल पांच साल का  होगा | इसके अतिरिक्त कार्टोसैट-3 और 13 अन्य नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण बीते 22 जुलाई को चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण के बाद  किया जाएगा|

यहाँ पर हमने आपको कार्टोसैट-3 सैटेलाइट  के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप www.hindiraj.com पर विजिट कर सकते है | इसके साथ ही यदि आप दी गयी जानकारी के विषय में अपने विचार या सुझाव अथवा प्रश्न पूछना चाहते है, तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से संपर्क कर सकते हकें | हम आपके प्रश्न और सुझावी का इन्तजार कर रहें है |

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