सेस क्या होता है



आमतौर जब भी बजट पेश किये जाते है, तो साथ ही हर बजट में इनकम टैक्स की दरों के अलावा सेस और सरचार्ज की दरें भी जारी कर दी जाती हैं। वहीं कुछ नए करदाताओं को कई बजट बेहद परेशानी में डालने वाले होते है, क्योंकि अक्सर  ये तीन तरह के टैक्स (Income Tax, Cess, Surcharge) नए करदाताओं में कन्फ्यूजन उत्पन्न कर देते हैं लेकिन कई लोग ऐसे होते है, जिन्हे बजट के विषय में जानकारी होती है, परन्तु उन्हें सेस से संबंधित जाणारी नहीं होती है |



इसलिए यदि आपको भी सेस से सम्बंधित अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको सेस क्या होता है, Cess (उपकर) Explained in Hindi , कितने प्रकार का होता है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |

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सेस (CESS) का क्या मतलब होता है ?

सेस का मुख्य रूप से उपकर अर्थ होता है, सेक्स भी एक प्रकार  का टैक्स होता है, जो टैक्स के ऊपर लगकर अतिरिक्त शुल्क के वसूल किया जाता है | इसी वजह से सेक्स को उपकर कहा जाता है। इसके अलावा इस टैक्स को चुंगी या महसूल के नाम से भी संबोधित ककिया जाता है |



उपकर (CESS) किस पर लगता है

सेस एक प्रकार का कर होता है | यह एक ऐसा कर होता है, जो आपके मुख्य टैक्स के ऊपर अलग से लगा दिया जाता है। यह सामान्य टैक्स से कुछ अलग तरह का होता है, क्योंकि मुख्य टैक्स का पैसा सरकार अपनी जरूरत के हिसाब से किसी भी मद में खर्च कर सकती है, लेकिन सेस टैक्स से मिली रकम को सिर्फ उसी मद में खर्च किया जा सकता है, जिस मद के लिए वह सेस लिया गया है। वैसे तो यह कर बिना किसी मकसद के नहीं लगाया जाता है | इसका मतलब यह हुआ है, कि सेस किसी खास मकसद के लिए अलग से लगाया गया छोटा टैक्स या सहायक टैक्स या उपकर होता है । कभी कभी  ऐसा भी हो जाता है, कि यह कर किसी खास तरह के खर्चों या उपभोगों पर भी लगा दिया जाता है ।

उदाहरण स्वरूप, भारत सरकार ने आपसे जो इनकम टैक्स के रूप में जो पैसा लिया है, उसे वह सड़क, बिजली, परिवहन, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सभी क्षेत्रों को अपनी नीतियों के हिसाब से आवंटित और खर्च कर सकती है, लेकिन जो एजुकेशन सेस व​ह आपसे लिया है, उसे ​वह सिर्फ एजुकेशन पर ही खर्च कर सकती है। इस पैसे को और ​किसी भी मद में खर्च नहीं किया जा सकता है |

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सेस टैक्स की विशेषताएं ( Characteristics Of Cess)

  1. सेस भी एक प्रकार का कर होता है | 
  2. यह एक ऐसा कर है, जो मुख्य कर के अतिरिक्त होता है |
  3. इसे किसी खास मकसद से ही लगाया जाता है |
  4. इसे पूरी आमदनी पर कभी भी नहीं लगाया जाता है | 
  5. इस कर को केवल टैक्स देनदारी पर लगाया जाता है |
  6. इस कर को सभी करदाताओं को इसे चुकाना आवश्यक होता है | 
  7. इस कर को मुख्य रूप से टैक्स और सरचार्ज के कुल योग से तय किया जाता है |

सेस के प्रकार (Types of Cess in India)

अब 1 जुलाई 2017 से कुछ उपकारों को जीएसटी के अंदर समाहित कर दिया गया है | इसका अर्थ यह हुआ है कि, अब ये सेस देश में लगने बंद हो गये हैं, क्योंकि अब इसे जीएसटी में समाहित कर लिए गए है, जो इस प्रकार हैं;

  1. कृषि कल्याण उपकर |
  2. स्वच्छ भारत उपकर |
  3. स्वच्छ ऊर्जा उपकर |
  4. चाय, चीनी और जूट आदि पर उपकर |

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वर्तमान समय में केंद्र सरकार द्वारा निम्न 6 उपकर लगाये जा रहे हैं, जो इस प्रकार से है- 

  1. प्राथमिक शिक्षा उपकर |
  2. माध्यमिक शिक्षा उपकर |
  3. कच्चे पेट्रोलियम तेल पर उपकर
  4. रोड सेस |
  5. तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता उपकार |
  6. आयातित वस्तुओं पर शिक्षा उपकर |

सेस की गणना के उदाहरण (Example Od Cess Tax Calculation)

मान लीजिये कि, दिनेश एक बिजनेस मैन है, जिसकी सालाना आमदनी 60 लाख रुपए है और दिनेश की उम्र 45 वर्ष है।अब गणना में आसानी के लिए मान लेते हैं कि, दिनेश ने किसी भी प्रकार का कोई टैक्स सेविंग निवेश नहीं किया है।  ऐसी स्थिति में दिनेश पर 60 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए जारी इनकम टैक्स स्लैब लागू कर दिया जाएगा | इसके अलावा सामान्य टैक्स स्लैब (2018-19)  के मुताबिक, उसकी आमदनी पर इनकम टैक्स की गणना इस प्रकार की जा सकती है |  

Income Divided Into Slabs

Tax %

Income Tax

2.5 लाख रुपए से कम वाले हिस्से (Slab) पर

कोई टैक्स नहीं

 00000.00

2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से (Slab) पर

5%

10500.00

5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से (Slab पर

20%

100000.00

10 लाख रुपए से अधिक वाले हिस्से (Slab पर

30%

1500000.00

Total

 

1610500.00

यहाँ पर हमने आपको सेस (CESS) के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई हैं | यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करे और अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही निवारण किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

मौद्रिक नीति समिति (MPC)