किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सबसे प्रथम सीढ़ी है आत्मविश्वाश (Self Confidence) | अगर आप में किसी भी लक्ष्य (Goal) को पाने का आत्मविश्वास नहीं है तो आप प्रतियोगी परीक्षा (Competition Exam) तो क्या, कोई भी चीज़ अपने जीवन में प्राप्त नहीं कर पायेंगे | किसी भी लक्ष्य को पाने के अनेक मार्ग हो सकते है, और सभी मार्गो से लक्ष्य भी प्राप्त किया जा सकता है | फिर भी कुछ कार्य प्रत्येक प्रक्रिया में सदैव समान रहते है और उनके बिना लक्ष्य प्राप्ति असंभव है |
जिंदगी के उन पड़ाव जहाँ सफलता (Success) हासिल करने के लिए बहुत कुछ दांव पर लगाना पड़ता है वही उस सफलता को हासिल करने के बाद उसे बनाये रखना भी कठिन कार्य है | जैसे कोई भी हमेशा नम्बर 1 नहीं रह सकता, ऐसे ही सफलता को आप लक्ष्य न बनाकर, एक यात्रा बना ले |
यात्रा पूरी होनी पर जैसे आराम करने से शरीर को सुख की प्राप्ति होती है, वैसे सफलता प्राप्त करने के बाद उससे आनंद प्राप्त होता है | लेकिन जीवन केवल उसी आनंद में न बिता कर, आगे बढ़ा जाए यह भी बहुत जरूरी है | इसलिए लक्ष्य को सफलता की यात्रा का पड़ाव (Steps) बनाए लेकिन वह रुके नहीं | आज इसी सफलता के विषय में अधिक से अधिक चर्चे करेंगे और कैसे आप अपने जीवन में प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से सफलता प्राप्त कर सकते है | इसके लिए निम्न चरणों पर ध्यान दे और उन्हें दोहराए-
अपने लक्ष्य को जाने | Know Your Goal
अपनी रुचि अनुसार अपने लक्ष्य का निर्धारण करे जैसे आप यदि आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनना चाहते है तो आईएएस से जुडी तमाम जानकारी के विषय में आपको मालूम होना चाहिए, यदि आपको मालूम नहीं है तो उसके बारे में जानकारी जुटाए चाहे उसके लिए आपको ऑनलाइन हेल्प लेनी हो या ऑफलाइन | एक बार लक्ष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद आपको अपने मार्ग का ज्ञान स्वयं ही हो जायेंगा | यही महत्वपूर्ण पड़ाव है और इस पर आपको ज्यादा समय भी देना चाहिए |
लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग | Way to Success
लक्ष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद दूसरा पड़ाव आता है मार्ग का निर्धारण | आप स्वयं विचार कीजिये कि यदि आपको आईएएस बनना है तो उसका एक सिलेबस (Syllabus), एग्जाम पैटर्न है तथा उसे पूरा करने में कितना समय लगेगा और फिर सोचिये अब उसके अनुसार आपको रोजाना कितना समय देना पड़ेगा |
आप यदि नौकरी या कॉलेज में पढ़ते है तो आपको समय का मैनेजमेंट (Management) भी बहुत अच्छे से करना पड़ेगा | इसके लिए आपको पड़ेगा कि इन सभी के बाद तैयारी के लिए आपके पास कितना समय है | उसी अनुसार आपको कोचिंग या स्वयं अध्ययन (Self-Study) में किसी एक चुनना होगा लेकिन दोनों ही विषय में आपको स्वयं अध्ययन तो करना ही पड़ेगा |
आईएएस का सिलेबस और जुडी जानकारी प्राप्त करने में किसी भी छात्र को कम से कम 1 वर्ष तो लग ही जाता है बाकी उस छात्र पर निर्भर करता है कि वह कैसे और किस शिक्षा विधि द्वारा अपने मार्ग पर चलेगा |
टाइम टेबल बनाकर | Time Table Concept
जब आपका मार्ग निर्धारित हो गया है तो अब आपके पास अगला पड़ाव है कैलेंडर या डेली रूटीन बनाना | इसके लिए आपको स्वयं से ही पूछना होगा कि आपके पास सामान्य कार्यो के अलग कितना समय है| जितना समय आपके पास शेष है उसी के अनुसार आपको टाइम टेबल बनाना होगा|
इसके लिए प्रात:काल भी उठाना आपके लिए जरूरी हो जाएगा, हालाकि सुबह उठने से सफलता का सीधा संबध नहीं लेकिन यह आदत अप्रत्यक्ष रूप से आपके जीवन में लाभ का कार्य करेंगी और आपको अपना कार्य संपन्न करने के लिए हमेशा ज्यादा समय मिलेगा | अगर आप नहीं कर सकते तो आप सोचिये उन छात्रों के बारे में जो यह कार्य करने के लिए तैयार है, प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना इतना आसान नहीं है |
सुबह जल्दी कैसे उठे और पढ़ाई कैसे करें
अपने टाइम टेबल में आप विषय अनुसार, भोजन व अन्य क्रियाकलाप को साथ में लेकर चले | मुस्किल विषय पर ज्यादा समय दे और हल्के विषय पर भी ध्यान दे | अपने टाइम टेबल आप योग अभियास, बॉडी कसरत आदि भी शामिल करे |
फोकस बनाये रखे | Be Focused
अब जब टाइम टेबल बन गया है तो आपके सामने समस्या होगी तो उसे सही प्रकार से जीवन में उतरने की| सम्भव है पहले 1-2 दिन आप रूटीन (Routine) फॉलो करे परन्तु उसके बाद आप वही पहले वाले रूटीन पर आ जाए और सब बिगड़ जाए | टाइम टेबल को फोकस और ईमानदारी से जीवन में उतरना ही आपके लिए अगली पड़ाव का मार्ग खोलेगा | उपरोक्त पड़ाव तो बहुत आसान थे परन्तु असली धैर्य और शौर्ये की परीक्षा तो उसे निभाने में है | यदि आप अपना रूटीन या टाइम टेबल सही प्रकार से निभा नहीं पाए तो फिर उपरोक्त पड़ाव में प्राप्त सफलता कुछ नहीं है | आपको मन शक्ति मजबूत करनी ही होगी, तभी आपके कर्म सफल हो पाएंगे |
योग अभियास व अन्य योगासनों द्वारा आप फोकस पर कार्य कर सकते है, आप विपश्यना के विषय में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है और इस अध्यातम विषय को अपने जीवन में उतार सकते है | कही न कही आपको भी यह मालूम हो गया होगा कि टाइम टेबल बनाने से मुस्किल कार्य उसे फॉलो करना है | और यह सत्य भी है इसी लिए आपको अपने फोकस पर कार्य करना होगा और उसमे सुधार लाना होगा |
निष्कर्ष | Conclusion
प्रत्येक परीक्षा में कुछ पड़ाव होते है वो चाहे जीवन की परीक्षा हो या सरकारी नौकरी के लिए | सफलता प्राप्त करने के लिए हमे प्रत्येक चरण में अलग से सफलता हासिल करनी ही होगी, तभी उस अंतिम पड़ाव पर पहुच पायेंगे जिसके बाद अगला लक्ष्य भी हमारे समक्ष होगा |
अब हमारे प्रिय पाठको को प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के विषय में सारी जानकारी प्राप्त हुई होंगी, ऐसा हमारा विश्वाश है और hindiraj.com का यह लेख अच्छा लगने पर आगे शेयर जरूर करे |