परिसीमन (Delimitation) क्या होता है



परिसीमन शब्द का इस्तेमाल चुनाव आयोग में किया जाता हैं | हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हे परिसीमन के बारे में अच्छे से जानकारी नहीं होती है और ऐसे लोग जब इसके बारे में सुनते हैं तो अच्छे से समझ नहीं पाते है |



इसलिए यदि आप परिसीमन के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको परिसीमन (Delimitation) क्या होता है,  निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन कैसे होता है? इसकी जानकारी प्रदान की जा रही है |

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परिसीमन की परिभाषा

परिसीमन का प्रमुख अर्थ “सीमा निर्धारण” होता है, अर्थात जब किसी राज्य की लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण किया जाता है उसे परमीसन कहा जाता है | वहीं जिसका सरल शब्दों में अर्थ होता है कि, जब पूरे देश में निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा खीचने  के लिए राष्ट्रपति एक स्वतंत्र संस्था का गठन करते हैं, उसे परिसीमन आयोग कहते हैं | ऐसा आयोग होता है जो चुनाव आयोग के साथ मिलकर कार्य करता हैं | इसके अलावा परिसीमन आयोग प्रत्येक क्षेत्र की सरंचना को देखकर अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए क्षेत्रों को आरक्षित करने का काम करता है |



परिसीमन आयोग क्या होता है 

परिसीमन आयोग को भारतीय सीमा आयोग के नाम से भी जाना जाता हैं।  इस आयोग के अंतर्गत सीटों की संख्या के आवंटन और क्षेत्रों में उनके सीमांकन का काम  होता  है। वहीं, संविधान के अनुच्छेद 82 के मुताबिक, सरकार हर एक दशक (10 साल) बाद परिसीमन आयोग का गठन कर सकती है। इसके तहत जनसंख्या के आधार पर कई  विधानसभा व लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण भी किया जाता है। परिसीमन एक ऐसा आयोग है जिसके कारण  किसी भी राज्य से प्रतिनिधियों की संख्या नहीं  बदली जा सकती है, लेकिन जनसंख्या के मुताबिक़, अनुसूचित जाति जनजाति सीटों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है |

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परिसीमन आयोग का गठन 

भारत सरकार की  तरफ से परिसीमन अधिनियम के अन्तर्गत परिसीमन आयोग को  स्थापित  किया गया  है। जब भी इस आयोग गठन किया जाता है तो इसके लिए अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति  की ओर से जारी  होती है। इस आयोग का सबसे पहले 1952 में गठन किया गया था | इसके बाद 1962, 1972 और 2002 में इसका गठन हुआ है | कुल मिलकार अब तक चार बार परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है |

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आयोग के मुख्य कार्य 

  • अभी कुछ दिनों पहले ही की जाने वाली जनगणना के आधार पर देश के सभी लोकसभा और विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों की फिर से सीमाएं निर्धारित करने का काम करता है |
  • परिसीमन आयोग सीमाओं के पुनर्निर्धारण में राज्य में प्रतिनिधित्व को स्थिर रखने के साथ-साथ  चुने गए प्रतिनधियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं करता है |
  • परिसीमन आयोग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की स्थापना विधानसभा सीटों के निर्धारण क्षेत्र की गणना के  मुताबिक़, करता है |

परिसीमन आयोग के अध्यक्ष कौन हैं 

हम बात करते हैं परिसीमन आयोग के अध्यक्ष की परिसीमन आयोग का अध्यक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त होता है। वहीं वर्तमान समय में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा इस आयोग के अध्यक्ष हैं। वहीं, राज्य के चुनाव आयुक्त इसके सदस्य कहे जाते हैं |

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