मूडीज व फिच रेटिंग क्या है



मूडीज एक बड़ी एजेंसी है, यह एक ऐसी एजेंसी है, जो दुनिया की तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है। इसके अलावा दो अन्य रेटिंग एजेंसियों में फिच और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स एजेंसिया शामिल हैं, जो मूडीज की तरह बड़ी है | मूडीज एजेंसी की स्थापना 1908 में की गई थी। यह एजेंसी सरकारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा जारी बांड पर आधारित वित्तीय अनुसंधान करने का काम करती है और इसी आधार पर वह देश की क्रेडिट रेटिंग जारी करती है। कुल मिलाकर उसकी रेटिंग के आधार पर यह तय किया जाता है कि, अमुक देश में निवेश कितना सुरक्षित है।



इसके साथ ही मूडीज एएए से लेकर सी तक की रेटिंग जारी करती है। एएए सबसे बेहतर और सी सबसे खराब रेटिंग मानी जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी मूडीज इन्हे जारी करने का काम करती है | इसलिए यदि आपको मूडीज के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको  मूडीज व फिच रेटिंग क्या है | Fitch, Moody Rating Explained in Hindi | इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है | 

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मूडीज व फिच रेटिंग का क्या मतलब होता है ?

भारत की रेटिंग एक पायदान घटा दी है, जिसके अगले ही दिन मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2 जून को इंफोसिस, टीसीएस, ओएनजीसी के साथ -साथ आठ कंपनियों की रेटिंग घटा दी है | इसके साथ ही उसने स्टेट बैंक बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक और एक्जिम बैंक की रेटिंग भी घटा दी है, वहीं रेटिंग घटाने वाली कंपनियों में एनटीपीसी, एनएचएआई, गेल और अदाणी ग्रीन एनर्जी रिसट्रिक्टिड ग्रुप शामिल हैं | इसके अलावा मंगलवार को आईआरएफसी और हुडको की ‘इश्युअर रेटिंग’ को भी घटाया गया है | वहीं, मूडीज का कहना है कि,कोरोना वायरस की महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में पैदा हुआ व्यावधान और भारत की सॉवरेन रेटिंग में की गई कमी मंगलवार को उठाये गये इन कदमों की मुख्य वजह है |”



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इससे पहले सोमवार 1 जून को मूडीज ने 22 साल में पहली बार भारत की साख को ‘बीएए2’ से घटाकर ‘बीएए3’ कर दिया है | यह सबसे निचला निवेश योग्य रेटिंग होता है | इससे एक पायदान नीचे कबाड़ रेटिंग होती है | मूडीज ने कहा है, ”ओएनजीसी, एचपीसीएल, आयल इंडिया लिमिटेड, इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड, बीपीसीएल, पेट्रोनेट एलएनजी, टीसीएस और इन्फोसिस की दीर्घकालिक ‘इश्युअर रेटिंग’ को घटा दिया गया है. इन सभी रेटिंग के लिये परिदृश्य नकारात्मक है |”

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रेटिंग से सरकार और लोगों दोनों को फायदा हो सकता है

सस्ता और आसान कर्ज में लाभ 

देश में भी कर्ज सस्ता हो जाता है और इसके साथ ही भारतीय कंपनियों को भी सस्ता कर्ज प्रदान किया जाने लगता है| 

विदेशी कंपनियां लगा सकती है, भारत में पैसा

मूडीज की रेटिंग का बांड्स पर असर दिखाई देता है। दूसरी रेटिंग एजेंसियां भी भारत की रेटिंग बढ़ा सकती हैं। भारत पर विदेशी निवेशकों का भरोसा और अधिक बढ़ सकता है |

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आर्थिक विकास तेज हो सकता है

 रेटिंग में सुधार होने से लगता है कि, नोटबंदी और जीएसटी का असर कम हो सकता है।  

महंगाई घटने की उम्मीद

सुधार पर डटे रहने से विकास दर बढ़ा सकती है और महंगाई में कमी आ सकती है |

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