एचआर (HR) क्या होता है ?



HR Kaise Bane – बिजनेस चाहे जो भी हो उसमें लोगों का होना बहुत जरूरी होता है और बिजनेस की सफलता के लिए जरूरी है कि योग्य कर्मचारी आपके व्यवसाय या बिजनेस से जुड़े रहे। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक करने का काम ह्यूमन रिसोर्स यानी HR का होता है।

HR Kaise Bane


वैसे हम अक्सर एचआर शब्द सुनते रहते हैं लेकिन सभी लोगों को HR के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होती है। इसलिए आज हम इस पोस्ट में एचआर (HR) क्या होता है ? फुल फॉर्म | HR Manager कैसे बने, HR Kaise Bane – योग्यता, सैलरी (वेतन) व करियर के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

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एचआर (HR) क्या होता है? HR Kaise Bane

Table of Contents

HR का संक्षिप्त नाम “Human resources” है जिसे हिंदी में “मानव संसाधन” कहा जाता है। एक कंपनी में ह्यूमन रिसोर्स यानी HR एक ऐसा विभाग है जो कर्मचारी से जुड़ी सभी जिम्मेदारी को संभालता है। कंपनी में नए लोगों की भर्ती करना, उन्हें दिशा निर्देश देना और कंपनी के प्रबंधन की जिम्मेदारी HR के पास होती है।



संक्षेप में कहें तो किसी कम्पनी में HR महत्त्वपूर्ण कार्यों जैसे कर्मचारियों की हायरिंग, फायरिंग, ट्रेनिंग और कर्मचारी को और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।

HR Full Form in Hindi | फुल फॉर्म इन हिंदी

HR Full Form – Human Resources. और हिंदी में इसे मानव संसाधन कहा जाता है|

HRM Full Form – Human Resources Management, और हिंदी में इसे कहा जाता है मानव संसाधन प्रबंधन |

एचआर (HR) का उद्देश्य

कोई भी कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन तभी सफल होती है जब उस ऑर्गेनाइजेशन में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को अच्छे से मैनेज किया जा सके। एचआर का उद्देश्य बिजनेस में कर्मचारियों का प्रबंधन करके उनसे बेहतर परफॉर्मेंस हासिल करना होता है।

इसके लिए एचआर कंपनी के लिए कर्मचारी हायर करते समय यह ध्यान रखता है कि वह कंपनी कल्चर के लिए अनुकूल हो और लंबे समय तक कंपनी से जुड़े रहना चाहता हो इसके साथ साथ वह अधिक प्रोडक्टिव हो।

एचआर (HR) का कार्य | एचआर रिस्पांसिबिलिटी

HR Kaise Bane, कंपनी को डेवलप करने में एचआर की भूमिका बेहद अहम होती है। नीचे एचआर के कार्य एवम जिम्मेदारियों के बारे में बताया गया है।

  • नए कर्मचारी को कंपनी में भर्ती करना |
  • अच्छे कर्मचारी की योग्यता की परख करना।
  • इंटरव्यू ऑर्गेनाइज करना और इंटरव्यू कंडक्ट करना |
  • कर्मचारी को सैलरी मैनेज करना या देना |
  • कर्मचारी के सभी सवालों को आसानी से जवाब देना |
  • कंपनी एवं कर्मचारी के डेवलपमेंट का रिपोर्ट तैयार करना |
  • कंपनी में छुट्टी के लिए पॉलिसी बनाना |
  • कर्मचारी को मोटिवेट करना |
  • कंपनी को अनुशासित रखना |
  • नए कर्मचारी को अच्छे से प्रशिक्षित करना |
  • कंपनी एवं कर्मचारी के हितों की रक्षा करना |

एचआर (HR) के लिए आवश्यक स्किल्स

  • किसी भी फील्ड में सफल होने के लिए डिग्री के अलावा कुछ व्यक्तिगत स्किल्स भी होना जरूरी होते हैं जो आप को सफल बनाने में सहायक साबित होते हैं। एचआर बनने के लिए आपके अंदर कुछ मुख्य गुणों का होना जरूरी है तभी आप कर्मचारी से बेहतर कार्य करवा पाएंगे।
  • आपके पास कम्युनिकेशन स्किल्स का होना जरूरी है क्योंकि एचआर के क्षेत्र में कर्मचारियों से बातचीत करना और उनके प्रॉब्लम को सॉल्व करना होता है ताकि कंपनी तरक्की करें अतः इसमें आपकी कम्युनिकेशन स्किल अहम भूमिका निभा सकती है।
  • एचआर (HR) के लिए फ्रेस माइंडेड और हसमुख होना बेहद जरूरी होता है। तभी कर्मचारियों से अच्छी बॉन्डिंग बन पाएगी।
  • एचआर डिपार्टमेंट में ईमानदार होना बेहद जरूरी है क्योंकि अपनी ईमानदारी के बदौलत कर्मचारियों का दिल जीतते हुए आप उनका बेस्ट परफॉर्मेंस निकलवा सकते है।

एचआर (HR) कोर्स के नाम

अगर आप एचआर डिपार्टमेंट में जॉब करना चाहते हैं तो इसके लिए उपयुक्त कोर्स के बारे में जानना भी जरूरी है, नीचे एचआर के टॉप कोर्स के बारे में बताया गया है।

डिप्लोमा कोर्स (Diploma in HR Management)

अगर आप HR मैनेजमेंट की कोर्स करना चाहते हैं तो 12वीं पास करने के बाद डिप्लोमा इन एचआर मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स को भारत के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज में कराया जाता है।

इस कोर्स को 6 महीने से लेकर 2 साल में पूरा किया जाता है। इस कोर्स के लिए आपको पॉलिटेक्निक जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है। जिसके बाद किसी भी सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन करवा सकते हैं।

बैचलर कोर्स

अगर आप एचआर बनने के लिए बैचलर कोर्स करना चाहते हैं तो इसमें सबसे ज्यादा दो कोर्स लोकप्रिय हैं। पहला कोर्स बीबीए इन एचआर और दूसरा बैचलर ऑफ आर्ट इन एचआर मैनेजमेंट। इन दोनों कोर्स की अवधि 4 साल की होती है। जिसमे इंटर्नशिप भी शामिल है।

इन सभी कोर्सो में दाखिला एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा दिया जाता है। आप इस कोर्स के लिए डीयू जेएटी, सिंबायोसिस एंट्रेंस टेस्ट (SET), इनपीएटी, आईपीएमएटी, एआईएमए यूजीएटी इत्यादि लोकप्रिय एंट्रेंस एग्जाम दे सकते है।

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के तहत एमबीए इन एचआर, पीजीडीएम इन एचआर और मास्टर ऑफ आर्ट इन एचआर मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स करने के लिए 12वीं में अच्छे अंक हासिल करने होंगे, इस कोर्स को 2 साल में पूरा किया जाता। इस कोर्स में भी एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा नामांकन दिया जाता है।

एचआर करने के लिए अन्य कोर्स

  • ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा |
  • ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा |
  • ह्यूमन रिसोर्स  में एम.बी.ए. |
  • ह्यूमन रिसोर्स  और संगठनात्मक विकास के मास्टर |
  • एचआर मैनेजमेंट में एम.टेक |
  • पर्सनल मैनेजमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा |
  • मानव संसाधन प्रबंधन में डिप्लोमा |

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स्पेशलाइजेशन कोर्स इन एचआर

पीजी कोर्स पूरा करने के बाद आप एचआर के क्षेत्र में उच्च योग्यता भी हासिल कर सकते हैं। स्पेशलाइजेशन करने से आपको उस क्षेत्र पर अच्छी पकड़ बन जाती है जिसके बाद आपको कंपनियां अच्छा जॉब ऑफर करती है।

स्टाफ एंड रिक्रूटमेंट एचआर

एचआर डिपार्टमेंट में सबसे महत्वपूर्ण स्टाफ एंड रिक्रूटमेंट होता है। इस क्षेत्र में प्रवीणता हासिल करने के बाद आपको किसी भी कंपनी के लिए अच्छे एंप्लाइज को चुनने में विशेषज्ञ हो जाएंगे। किसी भी कंपनी के लिए बेस्ट परफॉर्मेंस करने वाला कर्मचारी हायर करने से कंपनी डेवलप करता है।

डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग एचआर

किसी भी कंपनी में कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर कर्मचारी को अच्छे से ट्रेनिंग दी जाती है जिससे वह कंपनी के लिए बेहतर परफारमेंस देते हैं। इसलिए इस क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करने के बाद आप अच्छे ट्रेनिंग देने में विशेषज्ञ हो जाएंगे।

सैलरी मैनेजमेंट एचआर और कंपनसेशन

इस क्षेत्र में महारथ हासिल करने के बाद आप एंप्लाइज के प्रदर्शन के आधार पर उनकी सैलरी तय करने विशेषज्ञ हो जाएंगे। जिसके बाद बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाले एंप्लॉय को रिवार्ड देकर उनसे अच्छा परफॉर्मेंस निकलवा पाएंगे।

लेबर और इंप्लायड रिलेशन एचआर

किसी भी कंपनी में कर्मचारी से अच्छा रिलेशन बनाने के बाद उनसे बेहतर परफॉर्मेंस ले सकते हैं। लेबर और इंप्लायड रिलेशन में स्पेशलाइजेशन करने के बाद आप कर्मचारी से अच्छा रिलेशन कैसे बनाते हैं इसमें विशेषज्ञ हो जाएंगे।

बेस्ट इंडियन कॉलेज फॉर एचआर कोर्स

एचआर कोर्स को पूरा करने के लिए कठिन मेहनत के साथ ज्यादा पैसा भी खर्च होता है। इसलिए नीचे भारत के टॉप कॉलेज जो एचआर कोर्स को करवाते हैं उनके बारे में बताया गया है इन कॉलेज में आपको कैंपस प्लेसमेंट, गुड इंफ्रास्ट्रक्चर और बेस्ट फैकेल्टी प्रदान किया जाता है।

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट बेंगलुरू |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेगमेंट कोझीकोड |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट नई दिल्ली |
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ |
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मुंबई |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट कोलकाता |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट रुड़की |
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट खड़गपुर |

टॉप जॉब प्रोफाइल इन एचआर

एचआर डिपार्टमेंट में बढ़ती मांग को देखते हुए भारत में इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है इस क्षेत्र में कई जॉब प्रोफाइल है जिसको नीचे दर्शाया गया है।

  • एचआर जनरलिस्ट |
  • एचआर रिक्रूटर |
  • एचआर स्पेशल |
  • एचआर मैनेजर |
  • कंपनसेशन मैनेजर |
  • एचआर स्पेशलिस्ट |
  • ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट मैनेजर |
  • एम्पलाई रिलेशन मैनेजर |
  • चीफ एचआर ऑफिसर |
  • एचआर एनालिस्ट स्पेशलिस्ट |
  • बेनिफिट मैनेजर |
  • इत्यादि |

एचआर मैनेजर कैसे बने? HR Kaise Bane

HR Kaise Bane

  • अगर आप एचआर डिपार्टमेंट के तहत एचआर मैनेजर बनना चाहते हैं तो नीचे दी गई प्रक्रिया को समझकर एचआर मैनेजर बन सकते है।
  • एचआर मैनेजर बनने के लिए सबसे पहले 50% से अधिक मार्क्स के साथ 12वीं पास करना बेहद जरूरी होता है।
  • आवेदक को 12वीं पास करने के बाद एचआर के क्षेत्र में बैचलर डिग्री प्राप्त करना होती है।
  •  एचआर बैचलर डिग्री के लिए कॉलेज में एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा बैचलर डिग्री प्रोग्राम में नामांकन करवाना होगा।
  • बैचलर डिग्री को प्राप्त करने के बाद किसी भी एचआर फर्म में इंटर्नशिप करनी होती है। इंटर्नशिप करने से आपको कंपनी या संस्था कैसे काम करती है इसकी जानकारी हासिल होती है।
  • बैचलर डिग्री के बाद भी एचआर मैनेजर की पोस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं लेकिन ज्यादातर कंपनी एचआर मैनेजर के लिए हायर डिग्री वाले व्यक्ति को वरीयता देते हैं।
  • इसलिए बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद 2 साल की मास्टर डिग्री जरूर पूरा करें।
  • मास्टर डिग्री पूरा करने के बाद आप किसी एक क्षेत्र में पीएचडी भी कर सकते हैं।

एचआर मैनेजर बनने की योग्यता

एचआर मैनेजर बनने के लिए कुछ योग्यता होनी चाहिए उन योग्यताएं को नीचे दर्शाया गया है।

  • 12 वीं पास होना आवश्यक है |
  • कंप्यूटर का नॉलेज अति आवश्यक |
  • इंग्लिश विषय में पकड़ मजबूत होनी चाहिए।
  • इंग्लिश में पढ़ने और बोलने में महारत हासिल करना पड़ेगा।
  • HR मैनेजर कोर्स फीस |

एचआर मैनेजर बनने के लिए यूनिवर्सिटी या कालेज के अनुसार अलग-अलग फीस निर्धारित की जाती हैं।

  • एचआर मैनेजर बनने में यूजी कोर्स के लिए अनुमानतः 11 लाख की फीस लग सकती है।
  • पीजी कोर्स पूरा करके एचआर मैनेजर बनने में आपको 20 लाख की फीस देनी पड़ सकती है।
  • PHD कोर्स की फीस की बात करें तो इसमें लगभग चार लाख प्रतिवर्ष फीस लग सकती है।
  • HR मैनेजर रॉल & रिस्पोनेब्लिटी |

कम्युनिकेशन स्किल क्या होता है ?

रिक्रूटमेंट एंड सिलेक्शन

नए कर्मचारी को हायर करते समय अच्छा Candidate कैसे चुन सकते हैं किस प्रकार का सवाल पूछना है ये सब HR मैनेजर की जिम्मेदारी के अंदर आता है। इसके अलावा एंप्लॉयज का क्या माइंडसेट है और क्या कर्मचारी का माइंडसेट हमारी कंपनी के अनुरूप या नहीं। इन सारे कार्यों को HR मैनेजर करता है।

पे रॉल

पे रॉल के तहत कर्मचारी की परफॉर्मेंस के आधार पर उनकी सैलरी तय करना एचआर मैनेजर का काम होता है। इसके अलावा कर्मचारी ने इस महीने कितना कार्य किया है इसकी भी रिपोर्ट तैयार करनी होती है।

परफारमेंस अप्रेजल

जब किसी कर्मचारी को कंपनी हायर करती है और उनके परफॉर्मेंस के आधार पर सैलरी नहीं मिलती है तो वह कंपनी छोड़ देते है। इससे कम्पनी के द्वारा दी गई टाइम और ट्रेनिंग बर्बाद हो जाता है। इसलिए एचआर मैनेजर वैसे कर्मचारी को परफॉर्मेंस के आधार पर उनको सैलरी में बढ़ोतरी करके कर्मचारी को रिटर्न करना होता है।

स्टेचुटरी कंप्लेंसेस

इस जिम्मेदारी के तहत एचआर मैनेजर को कंपनी में कार्य कर रहे सभी लोगों के लीगल डॉक्युमेंट को पूरा करना होता है ताकि कंपनी को कोई Issue फेस ना करना पड़े।

एम्पलाई इंगेजमेंट

एचआर मैनेजर को कंपनी के एंप्लॉय के साथ बॉन्डिंग क्रिएट करना होता है ताकि कंपनी के लिए भी अच्छा परफॉर्मेंस दे सके। एंप्लाइज से अच्छा बर्ताव करना जरूरी होता है।

एचआर मैनेजर कोर्स सिलेबस

एचआर मैनेजर कोर्स के सिलेबस की बात करें तो इनमें बिजनेस, अकाउंटिंग और फाइनेंस का विषय पढ़ाए जाते है नीचे कोर्स के सिलेबस को दर्शाया गया है।

  • प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट हेमंत रिसोर्स मैनेजमेंट बिजनेस कम्युनिकेशन फाइनेंसियल एकाउंटिंग |
  • मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट |
  • आर्गेनाईजेशन बिहेवियर |
  • इंडस्ट्रियल रिलेशंस एंड लेबर लॉ |
  • बिजनेस एनवायरमेंट |
  • प्रोडक्ट एंड ऑपरेशंस मैनेजमेंट |
  • इत्यादि |

रिक्रूटर्स फॉर एचआर

इस सेक्टर में डिमांड बढ़ने के कारण सभी कंपनीयां वर्तमान में एचआर डिपार्टमेंट के लिए जॉब ऑफर कर रही है। अगर आप एचआर का कोर्स पूरा कर चुके हैं तो नीचे दर्शाए गई कंपनीयों में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

  • एडोबी |
  • लेनेवो |
  • पेप्सिको |
  • आईबीएम |
  • केपीएमजी |
  • फेसबुक |
  • लिंकडिन |
  • टाटा |
  • माइक्रोसॉफ्ट |
  • एचपी |
  • मारुति |
  • इंफोसिस |
  • महिंद्रा |
  • अमेजॉन |
  • रिलायंस |
  • सूत्रा एचआर |
  • विप्रो |
  • टाटा कंसलटेंसी सर्विस |
  • टेली रिसोर्स |
  • ओबीओएक्स एचआर सोल्यूशन्स |
  • एसके मैनेजमेंट सॉल्यूशन |
  • वाइज ग्रुप |
  • एचआर फुटप्रिंट्स |
  • टीमलीज |
  • केली सर्विस |
  • डेविडसन ग्लोबल टेक्नोलॉजी |

एचआर मैनेजर करियर स्कोप

  • कम्पनी& सस्थाओं की सफलता का सीधा सम्बन्ध सीधे तौर पर HR से जुड़ा हुआ है |
  • क्योंकि जिस कंपनी में कर्मचारीयों के द्वारा कार्य किया जाता है उसमें एचआर डिपार्टमेंट होता है।
  • यही वजह है कर्मचारियों को मैनेज करने के लिए सभी कंपनियां एचआर का जॉब ऑफर कर रही है। आप सरकारी कंपनी, प्राइवेट फॉर्म्स, कॉलेज, इंस्टीट्यूट, हॉस्पिटल इत्यादि में एचआर की जॉब कर सकते हैं।

एचआर की सैलरी

एचआर डिपार्टमेंट में उनके पद और अनुभव के अनुसार सैलरी यानी वेतन दिया जाता है। नीचे एचआर डिपार्टमेंट की जॉब प्रोफाइल के अनुसार अनुमानित सैलरी दर्शाई गई है।

  • एचआर मैनेजर सेलरी – 8 से 10 लाख रुपया प्रीतिवर्ष |
  • एचआर एग्जीक्यूटिव सैलेरी – 4 से 5 लाख रुपए प्रति वर्ष |
  • एचआर असिस्टेंट सैलरी- 6 से 7 लाख रुपए प्रति वर्ष |
  • बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर सैलेरी- 5 से 7 लाख रुपए प्रति वर्ष |
  • एग्जीक्यूटिव रिक्रूटर सैलरी – 4 से 5 लाख रुपए प्रति वर्ष |
  • एचआर कंसलटेंट सैलेरी – 5 से 7 लाख रुपए प्रति वर्ष |
  • ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट मैनेजर सैलेरी – 8 से 10 लाख रुपए प्रति वर्ष |

मास कम्युनिकेशन क्या है ?

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