आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय क्या है



आईसीजे एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय कहा जाता है, जहाँ पर देशों के बीच के विवादों का समाधान करते हुए निपटारा किया जाता है | इसके साथ ही जब किसी देश की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन किया जाता है, तो ये सभी मामले भी न्यायालय के सामने पेश किये जा सकते है | वहीं, 18 अप्रैल 1946 को यू एन ओ के पांच प्रमुख संगठनों की स्थापना की गई थी, जिनमे से एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना भी हुई थी |

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अंतरराष्ट्रीय न्यायाल द्वारा ही देशों के बीच आपसी सम्बन्धों, झगड़ों तथा विवादों का निपटारा किया जाता है | वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय के 193 सदस्य देश है, जिसमें से अब्दुलकावि युसूफ वर्तमान अध्यक्ष है तथा अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी इनकी आधिकारिक भाषाएँ है | इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सामान्य सभा द्वारा 15 न्यायाधीश  मौजूद है और वर्तमान में भारतीय न्यायधीश दलवीर भंडारी भी हैं | यदि आप भी आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय क्या है | ICJ का फुल फॉर्म की जानकारी प्रदान की जा रही है |

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आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के बारे में जाने

आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय कोई मानवाधिकार न्यायालय नहीं है क्योंकि, इस न्यायालय में कोई भी व्यक्ति  व्यक्तिगत तौर पर अपील दाखिल नहीं कर सकता है | आईसीजे में जब किसी मामले की सुनवाई की जाती है, तो सबसे पहले कि उसमें देखा जाता है कि, क्या मामला न्यायालय के दायरे में आता है या नहीं  | इस प्रक्रिया से मामले की सुनवाई होगी या नहीं यह तय किया जाता है |



वहीं चार्टर के अनुच्छेद 92 में कहा गया है कि, “अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का मुख्य अंग हैं. जिसका मुख्यालय हेग में हैं. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को पूरी आजादी देता है कि वे अपने झगड़ों का निपटारा न्यायालय के अतिरिक्त दूसरी अदालतों में कर सकते हैं | इसके लिए उन्हें एक समझौता करना पड़ेगा, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के उन विषय निर्णयों को, जिनमें वे स्वयं भी शामिल होते हैं | मानने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं |”

ICJ का फुल फॉर्म क्या है 

ICJ का फुल फॉर्म “International Court of Justice” होता है, जिसे हिंदी भाषा में “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय” कहा जाता है | इसके साथ ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, संयुक्त राष्ट्र यानी UN का यह एक  न्यायिक अंग भी कहा जाता है | वहीं यदि हम इसकी स्थापना की बात करें तो, इसकी स्थापना 1945 में हॉलैंड के शहर हेग में की गई थी | इसके बाद फिर यह मामले को लेकर 1946 में काम करना भी प्रारम्भ कर दिया था | इसके अलावा इसे World Court, ICJ और The Hague भी कहते है |

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने अपनी Website पर बताया है कि, “वे कानूनी विवादों का निपटारा करते हैं और  United Nations के अंगों और Specialized agencies द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय भी देते हैं  |” वहीं, इस न्यायलय में चुने जाने वाले 15 न्यायधीशों का चुनाव संयुक्त  राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर करती  है  |

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न्यायधीशों का कार्यकाल

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायधीशों का पूरा कार्यकाल केवल 9 वर्ष का होता है | इसलिए वो इस न्यायलय में 9 साल तक कार्य कर सकते है, लेकिन इसके साथ ही हर 3 वर्ष बाद 5 न्यायधीश सेवानिवृत्त हो जाते हैं | इसके बाद न्यायधीश पुनः चुनाव भी लड़ सकते हैं | इसके अलावा राष्ट्रीय सरकारें न्यायधीशों को मनोनीत करने के लिए और उनके चुनाव में शामिल होने के लिए  होती है  |

आईसीजे (ICJ)  की शक्तियाँ एवं क्षेत्राधिकार (Powers & Jurisdiction)

ऐच्छिक क्षेत्राधिकार (Optional Jurisdiction) 

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को राज्यों के मुकदमों के संबंध में ऐच्छिक क्षेत्राधिकार प्रदान कर दिए जाते है | यानी, ऐसे मुकदमें जो राज्य किसी समझौते के अंतर्गत इसमें  शामिल करता है और किसी भी राज्य पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है कि वह अपने मुकदमें इसी न्यायालय में रखे | 

निवार्य क्षेत्राधिकार (Compulsory Jurisdiction)

अनुच्छेद 30 के तहत राज्य निम्नलिखित प्रकार के मुकदमों में इसके क्षेत्राधिकार को आवश्यक मान  सकते हैं, जो इस प्रकार से है- 

  1. संधि की व्याख्या
  2. अंतर्राष्ट्रीय कानून सम्बन्धी प्रश्न
  3. कोई भी वास्तविकता जो स्थापित हो चुकी हो, अंतरराष्ट्रीय दायित्व की शाखा बन जाएगी |
  4. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध को भंग करने की स्थिति में क्षतिपूर्ति का स्वरूप तथा सीमा |

सलाहकारी क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction)

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के महासभा, सुरक्षा समिति तथा महासभा द्वारा एक दूसरी विशिष्ट एजेंसियों का निर्माण किया गया था, जिन्हे प्रमुख रूप से कानूनी प्रश्नों पर सलाह देने का अधिकार प्रदान किया गया है | अंतरराष्ट्रीय न्यायालय अपनी सलाह लिखित निवेदन द्वारा ही प्रदान करता है, क्योंकि यह न्यायालय स्वयं ही अपना मत प्रकट नहीं  करता है | 

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यहाँ पर हमने आपको आईसीजे (ICJ) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.hindiraj.com पर विजिट करे |

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