भारतीय वैज्ञानिक के नाम और उनके आविष्कार



Bharat Ke Vaigyanik : देश में पैदा होने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से अपनी तरक्की के साथ ही साथ अपने देश की तरक्की के लिए भी काम करता है। हर व्यक्ति अलग-अलग फिल्ड में देश को आगे बढ़ाने में योगदान देता है। बात करें अगर भारतीय वैज्ञानिकों की तो भारत में कुछ ऐसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल करके भारत देश को अलग-अलग क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

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फिर चाहे साइंटिस्ट प्रफुल्ल चंद्र राय की बात हो या फिर वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर बाबा की बात हो। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे भारतीय वैज्ञानिकों से परिचित करवाने वाले हैं, जिन्होंने देश के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान दिया हुआ है। आइए “भारतीय वैज्ञानिकों के नाम और उनके आविष्कार” की जानकारी प्राप्त करते हैं।

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भारतीय वैज्ञानिक के नाम और उनके आविष्कार 

जिस प्रकार से दुनिया भर के विभिन्न वैज्ञानिकों के द्वारा साइंस की फील्ड में अपना योगदान दिया गया है उसी प्रकार से भारतीय वैज्ञानिकों के द्वारा भी साइंस की फील्ड में अलग-अलग प्रकार की रिसर्च की गई है और विभिन्न प्रकार के आविष्कार भी किए गए हैं।



जिनका इस्तेमाल देश के अलावा भी देशों के लोग भी कर रहे हैं हमारे देश में भी ऐसे ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं उन्होंने ऐसी चीज खोजी हुई है जो आज काफी काम की साबित हो रही है इसके लिए हमें उन वैज्ञानिकों का आभार मानना चाहिए।

10 भारतीय वैज्ञानिक और उनके आविष्कार

List of Indian Scientist with Invention : वैसे तो हमारे देश में कई वैज्ञानिक हो चुके हैं जिन्होंने अपने अपने स्तर पर अच्छा काम किया हुआ है। इसलिए हम किसी भी वैज्ञानिक के योगदान को जरा भी कम नहीं आक रहे हैं। हम आपको यहां पर 11 ऐसे भारतीय वैज्ञानिकों की जानकारी दे रहे हैं, जिनके बारे में अवश्य ही आपको पता होना चाहिए।

S.Noभारतीय वैज्ञानिक के नामआविष्कार
1जगदीश चंद्र बोसपौधों में वृद्धि को मापने के लिए क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार 
2एपीजे अब्दुल कलामभारत का पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) विकसित करने में अहम किरदार
3सी.वी रमनभौतिकी में रमन प्रभाव की खोज
4सत्येंद्र नाथ बोसबोस-आइंस्टीन सांख्यिकी और बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट के सिद्धांत के लिए नींव विकसित करने में अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ अहम साझेदारी
5सुब्रमण्यम चंद्रशेखरअविष्कार के रूप पता लगाया कि एक स्थिर सफेद बौने तारे का अधिकतम द्रव्यमान है
6होमी जे भाभाभाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के संस्थापक और भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख 
7प्रफुल्ल चंद्र रायनए यौगिक मर्क्यूरस नाइट्राइट की खोज की
8श्रीनिवास रामानुजन(Pi)पीआई, विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, निरंतर अंशों के लिए अनंत श्रृंखला पर निष्कर्ष
9एस.एस अभ्यंकरीबीजीय ज्यामिति के क्षेत्र में अहम योगदान
10हर गोबिंद खुरानाइन्होने पता लगाया कि न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड प्रोटीन के संश्लेषण को कैसे नियंत्रित करते हैं

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भारत के वैज्ञानिकों के नाम और उनके बारे में जानकारी

1: प्रफुल्ल चंद्र राय 

महान साइंटिस्ट प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म साल 1861 में हुआ था और उनकी मृत्यु साल 1944 में हुई थी। इन्हें केमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट की काफी अच्छी जानकारी थी। 

प्रफुल्ल चंद्र राय को हमारे भारत देश की पहली फार्मास्यूटिकल कंपनी, बंगाल केमिकल और फार्मास्यूटिकल के संस्थापक के तौर पर भी जाना जाता है। केमिस्ट्री और फार्मास्यूटिकल की फील्ड में इनके द्वारा जो योगदान दिया गया था, उनके लिए इन्हें हमेशा याद किया जाता जाता है। 

प्रफुल्ल चंद्र राय को हिंदी भाषा के अलावा अंग्रेजी, फारसी और अरबी भाषा का भी अच्छा खासा ज्ञान था। इन्होंने ईश्वर चंद्र विद्यासागर से प्रभावित होकर के अपने गांव में एक प्राथमिक विद्यालय की भी स्थापना की थी। साल 1889 में इंग्लैंड देश से इन्होंने केमिस्ट्री की सबसे बड़ी डिग्री डीएसएससी को पास किया।

2: सलीम अली 

सलीम अली को पर्यावरण से काफी ज्यादा लगाव था और अपने इसी लगाव की वजह से इन्होंने पक्षीविज्ञान में काफी ज्यादा योगदान दिया। इसलिए सलीम अली को बर्ड मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी भारतीय भाषाओं में पढ़ाया जाता है। इन्होंने पक्षी विज्ञान को लेकर के विभिन्न प्रकार की रिसर्च और खोज की थी। 

पक्षियों के बारे में विस्तार से जानकारी पाने के लिए सलीम अली ने अपनी जिंदगी के तकरीबन 65 साल इसी काम में व्यतीत कर दिए और इन्होंने पक्षियों की गहराई से जानकारी प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। इन्हें भारतीय सरकार के द्वारा पद्म विभूषण अवार्ड भी दिया जा चुका है। इनका जन्म एक सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था।

3: श्रीनिवास रामानुजन् 

वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन का जन्म साल 1887 में हुआ था और इनकी मृत्यु साल 1920 में हुई थी। इन्हें सबसे ज्यादा गणित जैसे सब्जेक्ट की जानकारी थी। इसलिए इन्हें आज के आधुनिक जमाने का महान मैथमेटिशियन भी कहा जाता है। 

गणित में इन्होंने किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग प्राप्त नहीं की थी, परंतु इसके बावजूद गणित का विश्लेषण करने में और संख्या सिद्धांत के फील्ड में इन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। श्रीनिवास रामानुजन ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री प्राप्त की थी।

4: चन्द्रशेखर वेंकट रामन 

चंद्रशेखर वेंकटरमन का जन्म साल 1888 में हुआ था और उनकी मृत्यु साल 1970 में हुई थी। इनके द्वारा ही प्रकाश के प्रकीर्णन पर अच्छा काम किया गया था और इसी काम के लिए साल 1930 में इन्हें नोबेल पुरस्कार भौतिकी की फील्ड में विशेष योगदान देने के लिए दिया गया था। जीरो और दशमलव सिस्टम की खोज करने वाले साइंटिस्ट का नाम भी चंद्रशेखर वेंकटरमन ही है। 

चंद्रशेखर को पढ़ाई करने का इतना अधिक शौक था कि इन्होंने अपने घर में ही एक छोटी सी लाइब्रेरी का निर्माण कर लिया था। बिना किसी स्पेशल साधन का इस्तेमाल किए हुए इन्होंने डायनेमो बनाने में कामयाबी हासिल की थी। सिर्फ 11 साल की उम्र में ही इन्होंने दसवीं क्लास में पहला स्थान हासिल किया था।

5: होमी जहांगीर भाभा 

भारतीय वैज्ञानिक होमी जहांगीर यह हमारे भारत देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में शामिल हैं। होमी जहांगीर भाभा ही वह व्यक्ति थे जिनके द्वारा परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की गई थी। उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर के साल 1944 में मार्च के महीने में न्यूक्लियर एनर्जी पर विशेष रिसर्च की थी। होमी जहांगीर भाभा को टेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम भी कहा जाता है। 

जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था तब उन्होंने विदेशों में काम करने वाले भारतीय साइंटिस्ट से यह अपील की थी कि वह सभी अपने देश लौट आए और अपने देश के लिए काम करें। उनकी अपील पर कुछ भारतीय वैज्ञानिकों ने वापस भारत रवानगी की।

6: जगदीश चन्द्र बसु 

जगदीश चंद्र बसु का जन्म 1858 में 30 दिसंबर के दिन बीरमपुर में हुआ था जो कि अब वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद है। जगदीश चंद्र बसु के द्वारा ही रेडियो और माइक्रोवेव ऑप्टिक का आविष्कार किया गया था। इसके अलावा पेड़ और पौधे में भी जान होती है इसका सिद्धांत जगदीश चंद्र बसु के द्वारा ही दिया गया था।

एक भौतिक साइंटिस्ट होने के साथ ही साथ जगदीश चंद्र बसु एनिमल साइंटिस्ट, प्लांट साइंटिस्ट और एक बेहतरीन लेखक भी थे। रेडियो साइंस की फील्ड में उनके द्वारा दिए गए योगदान और रिसर्च को देखते हुए इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर के द्वारा उन्हें रेडियो साइंस के जनक में से एक माना गया। इनकी मृत्यु साल 1937 में हुई थी।

7: विक्रम साराभाई

12 अगस्त साल 1919 में गुजरात के अहमदाबाद शहर में विक्रम साराभाई का जन्म हुआ था। विक्रम साराभाई की गिनती गुजरात और भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों में होती है। इनके द्वारा तकरीबन 86 साइंटिस्ट रिसर्च पेपर लिखे गए तथा 40 से भी अधिक इंस्टिट्यूट ओपन किए गए।

साइंस और टेक्नोलॉजी की फील्ड में विशेष योगदान देने के लिए भारतीय गवर्नमेंट के द्वारा पद्म भूषण अवार्ड इन्हें साल 1966 में दिया गया। इंडियन अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी इन्होंने अपना विशेष योगदान दिया था। इनके द्वारा ही भारत देश को अंतर्राष्ट्रीय नक्शे में स्थान दिलाया गया था। इसके अलावा दूसरी फील्ड जैसे कि कपड़े, एटम बम, इलेक्ट्रॉनिक में भी बराबर योगदान दिया।

8: अब्दुल कलाम 

15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम नाम की जगह में अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम अब्दुल कादिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम को हमारे देश में रॉकेटमैन भी कहा जाता है। यह हमारे भारत देश के राष्ट्रपति के पद पर भी विराजमान हो चुके हैं। 

अब्दुल कलाम जी भारत के राष्ट्रपति, जाने-माने साइंटिस्ट और इंजीनियर के तौर पर भी विख्यात है। इन्हें इंडियन मिसाइल और एटम बंब कार्यक्रम संचालित करने के लिए भी जाना जाता है। मेघालय राज्य के शिलांग शहर में साल 2015 में 27 जुलाई के दिन अब्दुल कलाम ने इस दुनिया को अलविदा कहा।

अब्दुल कलाम जी को भारतीय गवर्नमेंट के द्वारा साल 1981 में पद्मभूषण, साल 1990 में पद्म विभूषण और साल 1997 में भारत रत्न जैसा पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा भारतीय सरकार के द्वारा इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर नेशनल इंटीग्रेशन जैसा पुरस्कार उन्हें साल 1997 में दिया गया। साल 1998 में इन्हें वीर सावरकर अवार्ड और साल 2013 में इन्हें वन ब्राउन अवार्ड दिया गया है।

9: हरगोविन्द खुराना 

साइंटिस्ट हरगोविंद खुराना का जन्म साल 1922 में हुआ था और उनकी मृत्यु साल 2011 में हुई थी। हरगोविंद खुराना जी के द्वारा बायोकेमिस्ट्री की फील्ड में अपना विशेष योगदान दिया गया था। इसलिए इन्हें इस योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 

बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री साल 1943 में इन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। इन्होंने अपने आगे की पढ़ाई स्कॉलरशिप पाने के बाद इंग्लैंड में मौजूद लिवरपूल यूनिवर्सिटी से की। यहीं से इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त हुई।

10: श्रीराम शंकर अभयंकर 

श्री राम शंकर अभ्यंकर का जन्म 1930 में हुआ था। बीजगणित में इनके द्वारा विशेष तौर पर योगदान दिया गया था। बता दे कि बीजगणित, गणित की ही एक शाखा है। मुंबई यूनिवर्सिटी से इन्होंने साल 1951 में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इन्होंने 1952 में एएम की डिग्री प्राप्त की और 1955 में इन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की।

FAQ: 

भारत में कुल कितने वैज्ञानिक हुए हैं ?

भारत में वैज्ञानिकों की संख्या अनगिनत है। हालांकि अंदाज के तौर पर भारत में 1500 से भी ज्यादा साइंटिस्ट हैं।

भारत के प्रथम वैज्ञानिक का क्या नाम है ?

सर जगदीश चंद्र बोस को ही हमारे भारत देश का पहला वैज्ञानिक माना जाता है।

भारत के वैज्ञानिकों ने क्या क्या खोज की है ?

दशमलव, जीरो, सांप सीढ़ी, शतरंज, प्लास्टिक सर्जरी, स्याही जैसे अविष्कार भारतीय वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए हैं। इसके अलावा ऐसे कई आविष्कार है जिन्हें खोजा तो भारतीय वैज्ञानिकों ने परंतु उन पर पेटेंट विदेशी वैज्ञानिकों ने करवाया।

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