पीपीपी मॉडल क्या होता है



हमारे देश में बहुत से ऐसे काम तथा योजनाये है, जो सरकार तथा निजी कंपनियों के परस्पर सहयोग से पूर्ण होती है, तथा सरकार को अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है, इसे सार्वजनिक-निजी साझेदारी कहते है | हमारे देश में सरकार तथा निजी कम्पनिया काफी समय से बहुत सारे प्रोजेक्ट पर कार्यरत रही है, जिसे पीपीपी (PPP) मॉडल का नाम दिया गया है | अधिकांश रेलवे से सम्बंधित प्रोजेक्ट पर पीपीपी के तहत कार्य हो रहा है |

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सरकार तथा निजी कंपनियों के सहयोग से बड़े से बड़े प्रोजेक्ट भी कम लागत तथा दिए गए समय पर पूर्ण करना संभव हो सका है | आज के समय में बहुत से लोग ऐसे है, जिन्हे पीपीपी (PPP) मॉडल के विषय में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है | इसलिए यहाँ आपको “पीपीपी मॉडल क्या होता है, PPP का फुल फॉर्म, मतलब क्या है” इसके विषय में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है |

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पीपीपी मॉडल का क्या मतलब होता है? (What is meaning of PPP Model in Hindi)

पीपीपी क्या है ?: सरलता पूर्वक नियत समय में पूर्ण किये जाने वाले कार्य की व्यवस्था के अनुबंध के लिए पीपीपी का प्रयोग किया जाता है| पीपीपी मॉडल यह एक विस्तृत शब्द है, जिसके अंतर्गत धन, योजना, भवन, परियोजना, संचालन तथा लगाई गयी पूंजी भी सम्मिलित है| बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पीपीपी की व्यवस्था की सहायता ली जाती है, इस व्यवस्था के तहत प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कार्य की योजना, कार्यकुशल मजदूर तथा पूंजी की आवश्यकता होती है |



भारत देश के बहुत से हाईवे इसी मॉडल पर बनाये गए है | इस निजी साझेदारी के द्वारा जनता की सेवा तथा प्रारंभिक ढांचे के विकास कार्य के लिए पूजी लगाई जाती है, तथा सरकार और निजी कंपनियों के द्वारा स्वयं के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर प्रोजेक्ट को पूरा करते है | वर्तमान समय में देश में बहुत से प्रोजेक्ट पर कार्य हो रहा है | यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल के तहत पूरे किये जा रहे है | इस प्रोजेक्ट में मॉडल के द्वारा काम किया जाता है, इसमें अधिकतर प्रोजेक्ट रेलवे विभाग से सम्बंधित है |

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पीपीपी का फुल फॉर्म (Full Form of PPP)

पीपीपी (PPP) का फुल फॉर्म “Public Private Partnership” (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) होता है | जिसे हिंदी में “सार्वजनिक निजी साझेदारी” कहते है |

पीपीपी मॉडल की आवश्यकता क्यों है? (Why PPP Model is Required)

जब सरकार के पास साधन तथा अधिक धन की व्यवस्था नहीं होती है, तब वह अपना करोडो के प्रोजेक्ट को पूरा कर सके, तब ऐसी स्थिति में सरकार निजी कंपनियों के साथ समझौता करती है प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए, निजी कम्पनिया तथा सरकार दोनों मिलकर प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम करती है जिसके लिए सरकार को निजी कंपनियों को भुगतान करना होता है |

इस साझेदारी में सरकार के द्वारा बड़े बड़े प्रोजेक्ट  में एयरपोर्ट, पावर प्लांट तथा टेलीकम्युनिकेशन के सिस्टम आदि के मॉडल तैयार कर योजनाओ को पूरा किया जाता है | वर्तमान समय में सरकार के साथ साझेदारी कर अधिकतर निजी कंपनिया अच्छी रकम प्राप्त कर रही है, तथा सरकार के द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट को पूरा कर रही है, इसे ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कहते है |

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पीपीपी मॉडल के लाभ (Benefit of PPP Model)

  • पीपीपी मॉडल के तहत प्रोजेक्ट सही समय तथा सही लागत में पूरे हो जाते है |
  • पीपीपी मॉडल के तहत सभी कार्यो को सरकार तथा निजी संस्थान दोनों क्षेत्रो में विभाजित कर लिया जाता है तथा दोनों को ही अपने-अपने क्षेत्र के कार्यो को पूर्ण करना उनकी जिम्मेदारी होती है |
  • पीपीपी मॉडल के तहत प्रोजेक्ट पूरा करने पर सरकार को बजट तथा कर्ज सम्बन्धी समस्या नहीं होती है |
  • इस मॉडल के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य निर्धारित योजना के अनुसार होता है, तथा सरकारी कार्य की तुलना में इस मॉडल के तहत किये गए कार्य की गुणवत्ता अच्छी होती है |
  • प्रोजेक्ट को समय से पहले पूरा करने में मुख्य भूमिका अर्थ व्यवस्था की होती है, जिसके आधार पर मजदूर, पूंजी संसाधन तथा उपयोग की जाने वाली सामग्री को बढाकर कर सकते है |
  • पीपीपी मॉडल के तहत कम लागत तथा समय में बेहतर कार्य समय से पूर्ण हो जाते है |

यहाँ आपको पीपीपी मॉडल (PPP Model) के विषय में जानकारी दी गई है, अब उम्मीद है कि आप इस जानकारी से संतुष्ट होंगे, यदि आप इससे संबंधित अन्य किसी जानकारी को प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करके अपना सुझाव दे, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

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