सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?



भारत में प्रदूषण के कारण कई बिमारियों का जन्म हो रहा है, जिससे आम जन मानस प्रभावित होता है | प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार ने कई बड़ी योजनाओं को शुरू किया है | भारतीय प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों को जागरूक करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने का आग्रह किया है |

सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कड़े कदम उठाये जा रहे है, अतः हमे सिंगल यूज प्लास्टिक के विषय में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है |

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सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) क्या है ?

दैनिक जीवन में हम प्रति दिन कई प्‍लास्टिक के प्रोडक्‍ट का प्रयोग करते है | एक बार प्रयोग करने के बाद हम उस प्‍लास्टिक को फेंक देते है | इस प्रकार की प्‍लास्टिक को सिंगल यूज प्‍लास्टिक कहा जाता है | सिंगल यूज प्‍लास्टिक को डिस्पोजेबल प्‍लास्टिक के नाम से भी जाना जाता है | यह प्‍लास्टिक हम प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, फूड पैकजिंग प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर्स और कॉफी के डिस्पोजेबल कप्स के रूप में प्रयोग करते है |

सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic)  से हानि (Loss)

वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन बहुत बड़ी समस्या बन कर विश्व के समक्ष प्रस्तुत हो रहा है | जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी के तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो रही है | तापमान वृद्धि से प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है जिससे जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है | भारत सहित विश्व में कई लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन किया जाता है | यह प्लास्टिक मिट्टी में क्षरण या नष्ट नहीं होता है जिससे प्लास्टिक से पैदा होने वाले प्रदूषण में अत्यधिक वृद्धि हुई है |

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सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रभाव (Effect)

सिंगल यूज प्‍लास्टिक के कुल उत्पादन का केवल 7.5 प्रतिशत ही रीसाइक्लिंग हो पता है | शेष बची प्लास्टिक मिट्टी के साथ मिलकर समुद्र में पहुंच जाती है | समुद्र में यह प्लास्टिक कुछ जहरीले रसायन में परिवर्तित हो जाते है | यह रसायन समुद्री जीव में पहुंचते है जिनसे उनकी मृत्यु हो जाती है | समुद्री जल का प्रयोग मानव भी करता है | इस प्रकार यह रसायन पानी और खाद्य सामग्रियों के द्वारा हमारे शरीर में पहुंच जाते है जिससे मानव शरीर रोगग्रस्त हो जाता है और सही उपचार न होने के कारण मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है | भारत में अभी लोग गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहे है | यह लोग मंहगा उपचार कराने में असफल रहते है जिससे इनकी मृत्यु हो जाती है या कोई अंग सही ढंग से कार्य नहीं करता है | जिससे परिवार को दयनीय आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है |

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