हनुमान जी के कितने नाम है



हनुमान जी के नाम: हनुमान जी ही एक ऐसे देवता हैं जो कलयुग में भी जागृत हैं और इसीलिए कहा जाता है कि जो सच्चे मन से हनुमान जी की सेवा करता है और उन पर विश्वास रखता है, हनुमान जी उसकी सभी प्रकार से रक्षा करते हैं। 



हनुमान जी को भूत, प्रेत, पिशाच,चंडाल का काल कहा जाता है। इसलिए हनुमान जी के पुजारी के आसपास या फिर हनुमानजी के भक्त के आसपास भूलकर भी भूत-प्रेत नहीं आते हैं।

हनुमान जी की स्तुति करने की अथवा हनुमान जी की आराधना करने के अलग अलग नियम है और अलग अलग नाम है। आप हनुमान जी के किसी भी नाम का उच्चारण करके हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं। इस लेख में हम हनुमान जी के कितने नाम है | All Names of Hanuman Ji in Hindi जानेंगे।

Hanuman Chalisa in Hindi

भगवान हनुमान जी के कितने नाम है ?

Table of Contents



Hanuman Ji Kitne Naam Hai: हनुमान जी के कुल 108 नाम है | महाबली, श्री राम के प्रमुख सेवक, लंका संघारक, भगवान श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी के कई नाम है। कोई इन्हें पवनपुत्र कहता है तो कोई इन्हें मारुति नंदन कहता है तो कोई इन्हें अंजनी का लाल तो कोई इन्हें शिव जी का अवतार कहता है। इस प्रकार जैसा जो आह्वान करता है भगवान श्री हनुमान उसे उसी रूप में दर्शन देते हैं।

भगवान हनुमान जी के सभी नामों की लिस्ट | All Names of Hanuman Ji in Hindi

  1. आंजनेया |
  2. महावीर |
  3. हनूमत |
  4. मारुतात्मज |
  5. तत्वज्ञानप्रद |
  6. सीतादेविमुद्राप्रदायक |
  7. अशोकवनकाच्छेत्रे |
  8. सर्वमायाविभंजन |
  9. सर्वबन्धविमोक्त्रे  |
  10. रक्षोविध्वंसकारक  |
  11. परविद्या परिहार |
  12. परशौर्य विनाशन  |
  13. परमन्त्र निराकर्त्रे  |
  14. परयन्त्र प्रभेदक  |
  15. सर्वग्रह विनाशी |
  16. भीमसेन सहायकृथे |
  17. सर्वदुखः हरा |
  18. सर्वलोकचारिणे |
  19. मनोजवाय |
  20. पारिजात द्रुमूलस्थ |
  21. सर्वमन्त्र स्वरूपवते |
  22. सर्वतन्त्र स्वरूपिणे |
  23. सर्वयन्त्रात्मक |
  24. कपीश्वर |
  25. महाकाय |
  26. सर्वरोगहरा |
  27. प्रभवे |
  28. बल सिद्धिकर |
  29. सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक |
  30. कपिसेनानायक |
  31. भविष्यथ्चतुराननाय |
  32. कुमार ब्रह्मचारी |
  33. रत्नकुण्डल दीप्तिमते |
  34. चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला |
  35. गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ |
  36. महाबल पराक्रम |
  37. काराग्रह विमोक्त्रे |
  38. शृन्खला बन्धमोचक |
  39. सागरोत्तारक  |
  40. प्राज्ञाय |
  41. रामदूत |
  42. प्रतापवते |
  43. वानर |
  44. केसरीसुत |
  45. सीताशोक निवारक |
  46. अन्जनागर्भसम्भूता |
  47. बालार्कसद्रशानन |
  48. विभीषण प्रियकर |
  49. दशग्रीव कुलान्तक |
  50. लक्ष्मणप्राणदात्रे |
  51. वज्रकाय |
  52. महाद्युत |
  53. चिरंजीविने |
  54. रामभक्त  |
  55. दैत्यकार्य विघातक  |
  56. अक्षहन्त्रे |
  57. कांचनाभ |
  58. पंचवक्त्र |
  59. महातपसी |
  60. लन्किनी भंजन |
  61. श्रीमते |
  62. सिंहिकाप्राण भंजन |
  63. गन्धमादन शैलस्थ |
  64. लंकापुर विदायक |
  65. सुग्रीव सचिव |
  66. धीर |
  67. शूर |
  68. दैत्यकुलान्तक |
  69. सुरार्चित |
  70. महातेजस |
  71. रामचूडामणिप्रदायक |
  72. कामरूपिणे |
  73. पिंगलाक्ष |
  74. वार्धिमैनाक पूजित |
  75. कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय |
  76. विजितेन्द्रिय |
  77. रामसुग्रीव सन्धात्रे |
  78. महारावण मर्धन |
  79. स्फटिकाभा |
  80. वागधीश |
  81. नवव्याकृतपण्डित |
  82. चतुर्बाहवे |
  83. दीनबन्धुरा |
  84. महात्मा |
  85. भक्तवत्सल |
  86. संजीवन नगाहर्त्रे |
  87. सुचये |
  88. वाग्मिने |
  89. दृढव्रता |
  90. कालनेमि प्रमथन |
  91. हरिमर्कट मर्कटा |
  92. दान्त |
  93. शान्त |
  94. प्रसन्नात्मने |
  95. शतकन्टमदापहते |
  96. योगी |
  97. रामकथा लोलाय |
  98. सीतान्वेषण पण्डित |
  99. वज्रद्रनुष्ट |
  100. वज्रनखा |
  101. रुद्रवीर्य समुद्भवा |
  102. इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक |
  103. पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने |
  104. शरपंजर भेदक |
  105. दशबाहवे |
  106. लोकपूज्य |
  107. जाम्बवत्प्रीतिवर्धन |
  108. सीताराम पादसेवक |

हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) क्या होती है

हनुमान जी के 108 नाम हिंदी में

1. आंजनेया 

हनुमान जी की माता का नाम अनजान है अतः इस नाम का मतलब अंजना का पुत्र होता है।

2. महावीर 

हनुमान जी के इस नाम का तात्पर्य है सबसे बहादुर। हनुमान जी के पास बावन वीरो, 10000 एरावत हाथी, 10,000 इंद्र से भी अधिक शक्तियां है।

3. हनुमत

इस नाम का मतलब है कि जिसके गाल फूले हुए हैं।

4. मारुतात्मज 

अर्थात जो वायु देव के लिए रत्न जैसे प्रिय हैं।

5. तत्वज्ञानप्रद 

हनुमान जी के इस नाम का मतलब बुद्धि देने वाला होता है।

6. सीतादेविमुद्राप्रदायक 

भगवान श्री राम को सीता जी की अंगूठी देने वाले |

7.  अशोकवनकाच्छेत्रे 

अशोक बाग को नष्ट करने वाले |

8.  सर्वमायाविभंजन 

छल का संहार करने वाले |

9.  सर्वबन्धविमोक्त्रे 

मोह माया को दूर भगाने वाले |

10.  रक्षोविध्वंसकारक 

राक्षसों का खात्मा करने वाले |

11.  परविद्या परिहार 

बुरी शक्तियों को खत्म करने वाले |

12.  परशौर्य विनाशन 

दुश्मन के पराक्रम को भी तहस-नहस देने वाले |

13.  परमन्त्र निराकर्त्रे 

भगवान श्री राम के नाम का जाप करने |

14.  परयन्त्र प्रभेदक 

शत्रु के मतलब को भी खत्म करने वाले |

15.  सर्वग्रह विनाशी 

हनुमान जी के इस नाम का मतलब ग्रहों के बुरे प्रभाव को भी खत्म करने वाला होता है।

16.  भीमसेन सहायकृथे 

भीम की सहायता करने वाले |

17.  सर्वदुखः हरा 

सभी प्रकार के दुखों को दूर हटाने वाले |

18.  सर्वलोकचारिणे 

सभी जगह हर जगह रहने वाले |

19.  मनोजवाय 

हनुमान जी के इस नाम का अर्थ उनसे है कि जिनकी हवा जैसी गति हो।

20.  पारिजात द्रुमूलस्थ 

प्राजक्ता पेड़ के नीचे रहने वाले अथवा निवास करने वाले |

21.  सर्वमन्त्र स्वरूपवते 

महावीर के इस नाम का मतलब होता है सभी मंत्रों के जानकार अथवा सभी मंत्रों के मालिक |

22.  सर्वतन्त्र स्वरूपिणे 

इस नाम का अर्थ है सभी भजन और मंत्रों के आकार के जैसा।

23.  सर्वयन्त्रात्मक 

इस नाम का मतलब होता है सभी यंत्रों में निवास करने वाले |

24.  कपीश्वर 

इस नाम का अर्थ होता है सभी बंदरो के देवता अथवा बंदरों के स्वामी |

25.  महाकाय 

जिनका रूप बड़ा है |

26.  सर्वरोगहरा 

सभी रोगों को हटाने वाले |

27.  प्रभवे 

सबसे प्रिय |

28.  बल सिद्धिकर 

 बलवान बनने की सिद्धि |

29.  सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक 

हनुमान जी के इस नाम का मतलब होता है बुद्धि देने वाले तथा ज्ञान देने वाले |

30.  कपिसेनानायक 

इस नाम का मतलब होता है वानर सेना के प्रमुख |

31.  भविष्यथ्चतुराननाय 

पवन पुत्र के इस नाम का मतलब होता है कि जो भविष्य की जानकारी रखता है।

32.  कुमार ब्रह्मचारी 

बजरंगी के इस नाम का मतलब युवा ब्रह्मचारी होता है।

33.  रत्नकुण्डल दीप्तिमते 

पवन पुत्र के इस नाम का अर्थ कानों में मणि युक्त कुंडल धारण करने वाला होता है।

34.  चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला 

इस नाम का तात्पर्य है कि जिनकी पूछ उनके सर से भी काफी ऊंची है।

35.  गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ

आकाशीय विद्या के जानकार |

36.  महाबल पराक्रम 

अद्भुत दमदार शक्तियों के स्वामी |

37.  काराग्रह विमोक्त्रे 

गिरफ्त से आजाद कराने वाले |

38.  शृन्खला बन्धमोचक

चिंता, तनाव, अवसाद इत्यादि को दूर हटाने वाले |

39.  सागरोत्तारक 

हनुमान जी के इस नाम का मतलब होता है सागर को उछल कर पार करने वाले।

40.  प्राज्ञाय 

विद्वान |

41.  रामदूत 

भगवान राम के राजदूत |

42.  प्रतापवते 

वीरता के लिए प्रसिद्ध |

43.  वानर 

बंदर |

44.  केसरीसुत 

केसरी के बेटे |

45.  सीताशोक निवारक

माता सीता के दुखों को खत्म करने वाले।

46.  अन्जनागर्भसम्भूता 

माता अंजनी के पेट से पैदा होने वाले |

47.  बालार्कसद्रशानन 

उगते हुए सूर्य की तरह चमक वान |

48.  विभीषण प्रियकर 

विभीषण के सहायक अथवा विभीषण के दोस्त |

49.  दशग्रीव कुलान्तक 

अहंकारी रावण के राजवंश का खात्मा करने वाले |

50.  लक्ष्मणप्राणदात्रे 

भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने वाले |

51.  वज्रकाय 

हनुमान जी के इस नाम का मतलब धातु की तरह मजबूत शरीर होता है।

52.  महाद्युत 

सबसे तेजस |

53.  चिरंजीविने 

अमर रहने वाले |

54.  रामभक्त 

भगवान श्री राम के परम भक्त |

55.  दैत्यकार्य विघातक 

राक्षसों के द्वारा की जाने वाली सभी असामाजिक गतिविधियों का नाश करने वाले |

56.  अक्षहन्त्रे 

घमंडी रावण के बेटे अक्षय का खात्मा करने वाले |

57.  कांचनाभ 

सुनहरे रंग का शरीर |

58.  पंचवक्त्र 

इस नाम का मतलब पांच मुंह वाला होता है।

59.  महातपसी 

महान तपस्वी |

60.  लन्किनी भंजन 

लंकिनी का वध करने वाले |

61.  श्रीमते 

प्रतिष्ठित |

62.  सिंहिकाप्राण भंजन 

सिंहिका के प्राण लेने वाले |

63.  गन्धमादन शैलस्थ 

इस नाम का मतलब गंधमादन पर्वत के उस पार रहने वाले होता है।

64.  लंकापुर विदायक 

लंका को घूम घूम कर जलाने वाले |

65.  सुग्रीव सचिव 

सुग्रीव के मंत्री |

66.  धीर 

वीर |

67.  शूर 

साहसी |

68.  दैत्यकुलान्तक 

राक्षसों का खात्मा करने वाले |

69.  सुरार्चित 

देवताओं की पूजा पाने वाली |

70.  महातेजस 

अधिकतर दीप्तिमान |

71.  रामचूडामणिप्रदायक 

राम को सीता का चूड़ा देने वाले |

72.  कामरूपिणे 

अलग-अलग रूप रखने वाले |

73.  पिंगलाक्ष 

जिनकी आंखे गुलाबी है |

74.  वार्धिमैनाक पूजित 

मैनाक पर्वत द्वारा पूजनीय |

75.  कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय 

सूरज देवता को भी निगलने वाले |

76.  विजितेन्द्रिय 

इंद्रियों को शांत रखने वाले |

77.  रामसुग्रीव सन्धात्रे 

राम और सुग्रीव के बीच मध्यस्थ |

78.  महारावण मर्धन 

रावण का सर्वनाश करने वाले |

79.  स्फटिकाभा 

एकदम साफ और पवित्र |

80.  वागधीश 

प्रवक्ताओं के ईश्वर |

81.  नवव्याकृतपण्डित 

सभी प्रकार की विद्याओं में पारंगत |

82.  चतुर्बाहवे 

चार हाथ वाले अथवा चारभुजा वाले |

83.  दीनबन्धुरा 

दीन दुखियों के सहायक |

84.  महात्मा 

भगवान |

85.  भक्तवत्सल 

भक्तों की रक्षा करने वाले |

86.  संजीवन नगाहर्त्रे 

संजीवनी बूटी लाने वाले |

87.  सुचये 

शुद्ध |

88.  वाग्मिने 

वक्ता |

89.  दृढव्रता 

इस नाम का मतलब है कठोर तपस्या करने वाले |

90.  कालनेमि प्रमथन 

कालनेमि की जान लेने वाले |

91.  हरिमर्कट मर्कटा 

वानरों के भगवान |

92.  दान्त 

शांत |

93.  शान्त 

रचना करने वाले |

94.  प्रसन्नात्मने 

हंसमुख |

95.  शतकन्टमदापहते 

शतकंट के अहंकार का नाश करने वाले |

96.  योगी 

महात्मा |

97.  रामकथा लोलाय 

श्री राम जी की कहानी सुनने के पश्चात बेचैन |

98.  सीतान्वेषण पण्डित 

माता सीता की खोज करने वाले |

99.  वज्रद्रनुष्ट 

वज्र को धारण करने वाला।

100.  वज्रनखा 

वज्र की तरह मजबूत नाखून वाले |

101.  रुद्रवीर्य समुद्भवा 

भगवान महाकाल के अवतार |

102.  इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक 

इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र के प्रभाव को खत्म करने वाले |

103.  पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने 

अर्जुन के रथ पर सवार रहने वाले |

104.  शरपंजर भेदक 

तीरों के घोंसले को खत्म करने वाले |

105.  दशबाहवे 

10 हाथ वाले अथवा 10 भुजा वाले |

106.  लोकपूज्य 

ब्रह्मांड में रहने वाले सभी जीवो के द्वारा पूजनीय |

107.  जाम्बवत्प्रीतिवर्धन 

जाम्बवत के प्रिय |

108.  सीताराम पादसेवक 

सदा माता-पिता और भगवान राम की सेवा में अग्रसर रहने वाले |

भगवान शिव जी के कितने अवतार हैं

हनुमान जी के 12 नाम संस्कृत में

  1. आंजनेया |
  2. महावीर |
  3. हनूमत |
  4. मारुतात्मज |
  5. तत्वज्ञानप्रद |
  6. सीतादेविमुद्राप्रदायक |
  7. अशोकवनकाच्छेत्रे |
  8. सर्वमायाविभंजन |
  9. सर्वबन्धविमोक्त्रे |
  10. रक्षोविध्वंसकारक |
  11. परविद्या परिहार |
  12. परशौर्य विनाशन |

हनुमान जी के मंत्र जाप

  • आंजनेया – ॐ आञ्जनेयाय नमः।
  • महावीर- ॐ महावीराय नमः।
  • हनूमत- ॐ हनूमते नमः।
  • मारुतात्मज- ॐ मारुतात्मजाय नमः।
  • तत्वज्ञानप्रद – ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः।
  • सीतादेविमुद्राप्रदायक – ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः।
  • अशोकवनकाच्छेत्रे- ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः।
  • सर्वमायाविभंजन- ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।
  • सर्वबन्धविमोक्त्रे – ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः।
  • रक्षोविध्वंसकारक- ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः।
  • परविद्या परिहार- ॐ परविद्या परिहाराय नमः।
  • परशौर्य विनाशन- ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः।
  • परमन्त्र निराकर्त्रे – ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः।
  • परयन्त्र प्रभेदक – ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः।
  • सर्वग्रह विनाशी – ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः।
  • भीमसेन सहायकृथे – ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः।
  • सर्वदुखः हरा – ॐ सर्वदुखः हराय नमः।
  • सर्वलोकचारिणे- ॐ सर्वलोकचारिणे नमः।
  • मनोजवाय- ॐ मनोजवाय नमः।
  • पारिजात द्रुमूलस्थ – ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः।
  • सर्वमन्त्र स्वरूपवते- ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः।
  • सर्वतन्त्र स्वरूपिणे – ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः।
  • सर्वयन्त्रात्मक – ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः।
  • कपीश्वर – ॐ कपीश्वराय नमः।
  • महाकाय – ॐ महाकायाय नमः।
  • सर्वरोगहरा – ॐ सर्वरोगहराय नमः।
  • प्रभवे – ॐ प्रभवे नमः।
  • बल सिद्धिकर – ॐ बल सिद्धिकराय नमः।
  • सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक – ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः।
  • कपिसेनानायक – ॐ कपिसेनानायकाय नमः।
  • भविष्यथ्चतुराननाय – ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः।
  • कुमार ब्रह्मचारी- ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः।
  • रत्नकुण्डल दीप्तिमते – ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः।
  • चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला – ॐ 
  • चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः।
  • गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ – ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः।
  • महाबल पराक्रम – ॐ महाबल पराक्रमाय नमः।
  • काराग्रह विमोक्त्रे – ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः।
  • शृन्खला बन्धमोचक – ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः।
  • सागरोत्तारक – ॐ सागरोत्तारकाय नमः।
  • प्राज्ञाय – ॐ प्राज्ञाय नमः।
  • रामदूत- ॐ रामदूताय नमः।
  • प्रतापवते – ॐ प्रतापवते नमः।
  • वानर – ॐ वानराय नमः।
  • केसरीसुत – ॐ केसरीसुताय नमः।
  • सीताशोक निवारक – ॐ सीताशोक निवारकाय नमः।
  • अन्जनागर्भसम्भूता – ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः।
  • बालार्कसद्रशानन- ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः।
  • विभीषण प्रियकर – ॐ विभीषण प्रियकराय नमः।
  • दशग्रीव कुलान्तक – ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः।
  • वज्रकाय – ॐ वज्रकायाय नमः।
  • महाद्युत – ॐ महाद्युथये नमः।
  • चिरंजीविने – ॐ चिरञ्जीविने नमः।
  • रामभक्त – ॐ रामभक्ताय नमः।
  • दैत्यकार्य विघातक – ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः।
  • अक्षहन्त्रे – ॐ अक्षहन्त्रे नमः।
  • कांचनाभ – ॐ काञ्चनाभाय नमः।
  • लक्ष्मणप्राणदात्रे – ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
  • पंचवक्त्र- ॐ पञ्चवक्त्राय नमः।
  • महातपसी – ॐ महातपसे नमः।
  • लन्किनी भंजन – ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः।
  • श्रीमते – ॐ श्रीमते नमः।
  • सिंहिकाप्राण भंजन – ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः।
  • गन्धमादन शैलस्थ – ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः।
  • लंकापुर विदायक – ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः।
  • सुग्रीव सचिव – ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः।
  • धीर – ॐ धीराय नमः।
  • शूर – ॐ शूराय नमः।
  • दैत्यकुलान्तक – ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः।
  • सुरार्चित – ॐ सुरार्चिताय नमः।
  • महातेजस – ॐ महातेजसे नमः।
  • रामचूडामणिप्रदायक – ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः।
  • कामरूपिणे – ॐ कामरूपिणे नमः।
  • पिंगलाक्ष – ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः।
  • वार्धिमैनाक पूजित – ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः।
  • कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय – ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः।
  • विजितेन्द्रिय – ॐ विजितेन्द्रियाय नमः।
  • रामसुग्रीव सन्धात्रे – ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः।
  • महारावण मर्धन- ॐ महारावण मर्धनाय नमः।
  • स्फटिकाभा – ॐ स्फटिकाभाय नमः।
  • वागधीश – ॐ वागधीशाय नमः।
  • नवव्याकृतपण्डित- ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः।
  • चतुर्बाहवे -ॐ चतुर्बाहवे नमः।
  • दीनबन्धुरा – ॐ दीनबन्धुराय नमः।
  • महात्मा – ॐ मायात्मने नमः।
  • संजीवन नगाहर्त्रे – ॐ संजीवननगायार्था नमः।
  • सुचये – ॐ सुचये नमः।
  • वाग्मिने – ॐ वाग्मिने नमः।
  • दृढव्रता – ॐ दृढव्रताय नमः।
  • कालनेमि प्रमथन – ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः।
  • हरिमर्कट मर्कटा- ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः।
  • दान्त – ॐ दान्ताय नमः।
  • शान्त – ॐ शान्ताय नमः।
  • प्रसन्नात्मने- ॐ प्रसन्नात्मने नमः।
  • शतकन्टमदापहते – ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः।
  • योगी – ॐ योगिने नमः।
  • मकथा लोलाय – ॐ रामकथा लोलाय नमः।
  • सीतान्वेषण पण्डित – ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः।
  • वज्रद्रनुष्ट- ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः।
  • वज्रनखा – ॐ वज्रनखाय नमः।
  • रुद्रवीर्य समुद्भवा – ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः।
  • इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक – ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः।
  • पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने – ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः।
  • शरपंजर भेदक – ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः।
  • दशबाहवे – ॐ दशबाहवे नमः।
  • लोकपूज्य – ॐ लोकपूज्याय नमः।
  • जाम्बवत्प्रीतिवर्धन – ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धना |

भगवान विष्णु के अवतार कितने हैं ?

भगवान हनुमान जी कौन है ?

Who is Lord Hanuman: कहानी के अनुसार एक बार भगवान भोलेनाथ का विष्णुजी के मोहिनी अवतार को देखकर वीर्य स्खलन हो गया। उसी वीर्य को कुछ ऋषि-मुनियों ने इकट्ठा कर लिया और उसे आगे चलकर के अंजनी माता के कान के माध्यम से उनके गर्भ में प्रवेश करवा दिया। इस प्रकार अंजनी माता गर्भवती हुई और जो संतान पैदा हुई उसे हनुमान जी का नाम दिया गया।

इसलिए हनुमान जी को रूद्र अवतार कहा जाता है। हनुमान जी की माता अंजनी और इनके पिताजी केसरी है। हनुमान जी को पवन पुत्र भी अपना बेटा मानते हैं, वही माता पार्वती भी इन्हें अपना बेटा और सीता माता भी इन्हें अपना बेटा मानती हैं।

हनुमान जी भगवान श्री राम के परम सेवक हैं। यह कलयुग के सबसे जागृत देवता हैं जिनकी भक्ति शीघ्र फलदायक होती है। हनुमान जी बल, बुद्धि, शौर्य, पराक्रम के देवता है।

यही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी आराधना करने से अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। हनुमान जी हमेशा दुर्गा जी के साथ चलते हैं, जहां जहां भी दुर्गा जी के मंदिर है वहां पर हनुमान जी और भैरव जी अवश्य विराजमान होते हैं।

FAQ

हनुमान जी के कितने नाम है ?

108

हनुमानजी के 12 नाम कौन कौन सा है ?

आंजनेया,महावीर,हनूमत,मारुतात्मज ,तत्वज्ञानप्रद,सीतादेविमुद्राप्रदायक,अशोकवनकाच्छेत्रे ,सर्वमायाविभंजन,सर्वबन्धविमोक्त्रे,रक्षोविध्वंसकारक,परविद्या परिहार,परशौर्य विनाशन |

हनुमान जी का दूसरा नाम क्या है ?

रूद्र अवतार, महावीर, बजरंगी, पवन पुत्र, अंजनी लाल, केसरी नंदन |

भगवत गीता श्लोक अर्थ

Leave a Comment