अरुणाचल प्रदेश में कितने जिले हैं



ऊंचे- ऊंचे पहाड़, पर्वत, शांत झीलें अर्थात अपनी भौगोलिक अवस्था की वजह से अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। बता दें हिंदी में अरुणाचल का अर्थ ” उगते सूर्य का पर्वत होता है। बहरहाल आज हम इस लेख में आपके साथ अरुणाचल प्रदेश में कितने जिले हैं | Districts Name of Arunachal Pradesh (List) – अरुणाचल प्रदेश का नक्शा सांझा करेंगे।



इस राज्य की सीमाएं (Borders) असम और नागालैंड जैसे राज्यों के अलावा कुछ पड़ोसी देशों (Neighbourhood Countries) की  सीमाओं को छूती है। इसलिए अक्सर सीमा विवाद को लेकर भी यह राज्य चर्चा में रहता है। जनसंख्या के लिहाज से यह देश का 27वां सबसे बड़ा राज्य है आइए जानते है।

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अरुणाचल प्रदेश में कितने जिले हैं ?

वर्ष 2015 तक अरुणाचल प्रदेश में मौजूद कुल जिले की संख्या 19 थी और साल 2015 में 1 नया जिला अरुणाचल प्रदेश में बना करके शामिल किया गया। इसके पश्चात साल 2017 में भी 2 नए जिलों का निर्माण किया गया और फिर 3 और नए जिले साल 2018 में बनाए गए।



इस प्रकार से वर्तमान में साल 2022 में अरुणाचल प्रदेश में मौजूद कुल जिलों की संख्या 25 हो गई है। इस समय यहां तकरीबन 5616 गांव अरुणाचल प्रदेश में मौजूद है। अरुणाचल प्रदेश का हिंदी भाषा में अर्थ उगते सूरज का पर्वत होता है। इस राज्य की राजधानी ईटानगर है। यह हमारे देश के राज्यों में स्थित एक उत्तर पूर्वी राज्य है।

अरुणाचल प्रदेश के सभी जिलों के नाम

  • अन्जाव जिला  |
  • चांगलांग जिला |
  • पूर्वी कामेंग जिला |        
  • पूर्वी सियांग जिला |         
  • लोहित जिला | 
  • लोंगडिंग जिला |
  • लोअर सुबनसिरी |        
  • पापुम पारे जिला |
  • तवांग जिला | 
  • तिरप जिला |
  • लोअर दिबांग घाटी जिला |
  • ऊपरी सियांग जिला |     
  • अपर सुबानसिरी जिला |
  • पश्चिम कामेंग जिला |    
  • पश्चिम सियांग जिला | 
  • ऊपरी दिबांग घाटी जिला |
  • कुरुंग कुमेय जिला |     
  • नामसाई जिला |
  • करा दादी जिला |
  • पक्के केसांग |    
  • शि-योमीटटो  |    
  • सियांग  पंगीन 
  • निचला सियांग |
  • लेपा राडा |      
  • कामले  |

अरुणाचल प्रदेश का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला

महिला, पुरुषों और बच्चों को लेकर के अरुणाचल प्रदेश में पढ़ाई के मामले में सबसे अधिक साक्षरता दर पापुम पारे जिले की है। इस जिले की साक्षरता दर 79.95 प्रतिशत है। इसके बाद लोअर सुबांसीरी जिले का नाम आता है।

यहां की साक्षरता दर 74.35 प्रतिशत है। इसके पश्चात पूर्वी सियांग जिले का नंबर आता है। पूर्वी सियांग जिले की साक्षरता दर 72.54 प्रतिशत है। इसके बाद चौथे स्थान पर लोअर दिबांग घाटी जिले का स्थान आता है। यहां की साक्षरता दर 69.13 प्रतिशत है।

अरुणाचल प्रदेश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला

अरुणाचल प्रदेश में साल 2011 में सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना हुई थी। साल 2011 में हुई सामाजिक, जाति और आर्थिक जनगणना के हिसाब से अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या पापुम पारे जिले की है। यहां की कुल जनसंख्या 176573 है।

 इसके बाद दूसरे नंबर पर चांगलांग जिले का नाम आता है। चांगलांग जिले की टोटल जनसंख्या 148226 है। इसके बाद लोहित जिले का नाम आता है और उसके बाद पश्चिमी सियांग फिर तीरप और उसके बाद पूर्वी सियांग जिले का स्थान आता है।

लोहित जिले की कुल जनसंख्या 145726 है। पश्चिम सियांग जिले की कुल जनसंख्या 112274 है। जबकि पूर्वी सियांग जिले की कुल जनसंख्या 99214 है।

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अरुणाचल प्रदेश का सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला

अरुणाचल प्रदेश में महिलाओं और पुरुषों के मामले में सबसे बेहतरीन लिंगानुपात कुरग कुमै जिले का है। यहां का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 1032 महिलाएं हैं।

इसके अलावा पूर्वी कमिंग जिले का नाम अच्छे लिंगानुपात के मामले में दूसरे स्थान पर आता है। पूर्वी कामेंग जिले में प्रति एक हजार पुरुषों पर 1029 महिलाएं हैं। तीसरे नंबर पर ऊपरी सुबनसिरी जिले का नाम आता है। यहां का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 998 महिलाएं हैं।

अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक विकास दर वाला जिला

अरुणाचल प्रदेश का सबसे अधिक विकसित जिला कुरग कुमै है क्योंकि इस जिले की विकास दर 56% है। दूसरे नंबर पर सबसे अधिक विकसित जिले की लिस्ट में ऊपरी सुबनसिरी जिले का नाम आता है।

यहां की विकास दर 50.78% है। तीसरे स्थान पर लोअर सुबानसिरी जिले का नाम आता है। यहां की विकास दर 49.00 % है। चौथे स्थान पर पापूम पारे जिले का नंबर आता है। यहां की विकास दर 44.73% है।

अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक भूमि क्षेत्रफल वाला जिला

अरुणाचल प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा भूमि क्षेत्रफल दिबांग घाटी का है। यहां का भूमि क्षेत्रफल 9129 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद पश्चिमी सियांग घाटी का भूमि क्षेत्रफल 8325 वर्ग किलोमीटर है।

इसके बाद चौथे स्थान पर वेस्ट कामेंग जिले का नाम आता है, जहां का भूमि क्षेत्रफल 7422 वर्ग किलोमीटर है और चौथे स्थान पर ऊपरी सुबनसिरी जिले का नंबर आता है। यहां का भूमि क्षेत्रफल 7032 वर्ग किलोमीटर है।

अरूणाचल प्रदेश मानचित्र (नक्शा)

अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला

अरुणाचल प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व पापुम पारे जिले का है। यहां पर 51 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व है। दूसरे स्थान पर तीरप जिले का नाम आता है, जहां पर 47 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या का घनत्व है।

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अरुणाचल प्रदेश में घूमने की जगह | Tourist Places in Arunachal Pradesh

अरुणाचल प्रदेश में घूमने लायक कई शानदार जगह मौजूद है, जिनमें से कुछ प्रमुख जगह की जानकारी नीचे दी जा रही है।

भालुकपोंग

यह जगह अरुणाचल प्रदेश राज्य के कामेंग जिले में मौजूद है और काफी सुंदर जगह है। यहां के सुंदर वातावरण का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर खींचे चले आते हैं। यहां पर जाने के बाद आप रिवर राफ्टिंग, फिशिंग, हाइकिंग और कैंपिंग का आनंद उठा सकते हैं।

इस जगह को अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार भी कहते हैं। यहां पर आप सदाबहार जंगलों को घूम सकते हैं और टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क को भी घूम सकते हैं, जो की पंखुई टाइगर रिजर्व के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस जगह पर जाने के बाद आप भालूकपोंग फोर्ट, टीपी ऑर्किडेरियम को भी घूम सकते हैं।

बोमडिला

तकरीबन 8000 फीट की समुद्र तल की ऊंचाई पर मौजूद यह एक छोटा सा शहर है जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां पर बर्फ से ढकी हुई चोटियों को देख करके आपको अवश्य ही आनंद आएगा। यहां पर बहुत सारे बौद्ध मजहब के मठ और बौद्ध संस्कृति की परंपरा भी मौजूद है जो आपको बौद्ध मजहब के बारे में जानने के लिए प्रेरित करेंगी।

इसके अलावा यहां पर आरआर हिल नाम की एक बहुत ही सुंदर जगह है जिसे आप घूम सकते हैं। यहां पर जाने के बाद आप भूटान देश की साइड जानने वाली घुमावदार सड़कों को भी देख सकते हैं। इस जगह पर आप बोमडिला व्यू प्वाइंट, बोमडिला मठ, आर्केड अनुसंधान एवं डेवलपमेंट सेंटर जैसी जगहों को घूम सकते हैं।

दिरांग

यह एक बहुत ही सुंदर गांव है जो कि अरुणाचल प्रदेश राज्य के कमेंग जिले में मौजूद है। सैलानियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं होती है क्योंकि यहां पर बहुत ही मनमोहक दृश्य आपको देखने को मिलते हैं। इसलिए लोग यहां पर कई बार आना पसंद करते हैं। यहां पर अक्सर यात्रियों की और पर्वतारोहियों की भीड़ लगी हुई रहती है।

इस जगह पर आने के बाद आपको अपने चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है जो आपके मन को मोह लेती है।

यहां पर आपको कई घर ऐसे दिखाई देंगे जो 400 साल से भी अधिक पुराने पत्थरों के द्वारा बनाए गए होते हैं। इस जगह पर आप याक राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र,दिरांग दजोंग,सांगती वैली,कलाचक्र गोंपा जैसी जगह को घूम सकते हैं।

FAQ

अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य कब बना ?

20 फरवरी 1987

अरुणाचल प्रदेश की कुल साक्षरता दर कितनी है ?

66.95

अरुणाचल प्रदेश चाइना के साथ कितने किलोमीटर की सीमा को साझा करता है ?

1129 किलोमीटर

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी क्या है ?

ईटानगर

अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा शहर कौन सा है ?

ईटानगर

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