भारतीय वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के आर्टिकल 280 के तहत संविधान लागू होने के दो वर्ष के अंतर्गत ही, 1951 में किया गया था | इस आयोग का निर्माण केंद्र और राज्य के बीच वित्तीय संबंधों को परिभाषित करने के उद्देश्य से किया गया था | वित्त आयोग के सदस्य को प्रत्येक पांच सालों में नियुक्त किया जाता है, जिसमें से अभी तक कुल 15 वित्त आयोगों को नियुक्त किया जा चुका हैं।
वहीं, वित्त आयोग का अधिकतम कार्यकाल 5 वर्ष का ही होता है | यदि आपको भी वित्त के आयोग के विषय में अधिक जानकरी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको वित्त आयोग (Finance Commission) क्या है – कार्य, सदस्य व अध्यक्ष की जानकारी प्रदान की जा रही है |
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वित्त आयोग (Finance Commission) का क्या मतलब होता है ?
आर्टिकल 280 (1) के तहत उपबंध है कि, वित्त आयोग राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाने वाले एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों से मिलकर ही बनाये जाने का प्रावधान उपलब्ध है | इसके साथ ही आर्टिकल 280 (2) के तहत संसद को वित्त आयोग का निर्धारण करने की शक्ति भी प्रदान की गई है | वित्त आयोग की शुरुआत इसी तरह से की गई है|
वित्त आयोग के कार्य
- देश के राष्ट्रपति प्रमुख रूप से संघ एवं राज्यों के बीच Tax की शुद्ध प्राप्तियों को कैसे वितरित किया जाना चाहिए और राज्यों के मध्य कैसे बजट का आवंटन किया जाये इस तरह के सभी कार्यों को करते है |
- आर्टिकल 275 के अंतर्गत राज्यों को संचित निधि में से अनुदान/सहायता प्रदान करने का आदेश पारित करते है |
- राज्य वित्त आयोग के द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर ही पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के संसाधनों की आपूर्ति करने के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाने के लिए जरूरी क़दमों की सिफारिश करना होता है ।
- राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई कोई अन्य विशिष्ट निर्देश, जो देश के सुदृढ़ वित्त के हित में किया जाना चाहिए |
वित्त आयोग का अध्यक्ष कौन होता है ?
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी प्रदान करने के बाद वित्त आयोग के अध्यक्ष का चुनाव कराया जाता है | जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है | वहीं, प्रथम वित्त आयोग का अध्यक्ष के.सी. नियोगी को नियुक्त किया गया था, और 15वे वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में 27 नवम्बर, 2017 को श्री एन.के. सिंह को चुना गया था , जिनका कार्यकाल 2025 तक होगा |
15वें वित्त आयोग के अन्य चार सदस्य
- शक्तिकांत दास |
- डॉ. अनूप सिंह |
- डॉ. अशोक लाहिड़ी (अशंकालिक)
- डॉ. रमेश चंद्र (अंशकालिक)
वित्त आयोग के सदस्यों की निर्धारित की जाने वाली शर्तें
- वित्त आयोग में ऐसे व्यक्ति को ही अध्यक्ष पद के लिए चुना जाता है, जिसे लोक मामलों की पूरी तरह से जानकारी प्राप्त होती है |
- वित्त आयोग में अन्य चार सदस्य ऐसे चुने जाते है, जिनमें उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की अर्हता हो या फिर उन्हें प्रशासन व वित्तीय मामलों की विशेष जानकारी प्राप्त हो या फिर अर्थशास्त्र का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त हो |
वित्त आयोग के संवैधानिक प्रावधान क्या है ?
- वित्त आयोग को भारतीय संविधान के आर्टिकल 280 और 281 के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किया गया है।
- वित्त आयोग (Finance Commission) एक अर्द्धन्यायिक एवं सलाहकारी निकाय है, जो देश की वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करता है |
अब तक के वित्त आयोग के अध्यक्ष की सूची
वित्त आयोग | नियुक्ति वर्ष | अध्यक्ष का नाम | कार्यकाल |
पहला | 1951 | केसी नियोगी | 1952-1957 |
दूसरा | 1956 | के संथानाम | 1957-1962 |
तीसरा | 1960 | एके चंद्रा | 1962-1966 |
चौथा | 1964 | डॉ पीवी राजमन्ना र | 1966-1969 |
पांचवां | 1968 | महावीर त्या गी | 1969-1974 |
छठा | 1972 | पी ब्रह्मानंद रेड्डी | 1974-1979 |
सातवां | 1977 | जेपी सेलट | 1979-1984 |
आठवां | 1982 | वाई पी चौहान | 1984-1989 |
नौवां | 1987 | एन केपी साल्वेग | 1989-1995 |
10वां | 1992 | केसी पंत | 1995-2000 |
11वां | 1998 | प्रो एएम खुसरो | 2000-2005 |
12वां | 2003 | डॉ सी रंगराजन | 2005-2010 |
13वां | 2007 | डॉ विजय एल केलकर | 2010-2015 |
14वां | 2012 | डॉ वाई वी रेड्डी | 2015-2020 |
15वां | 27 नवंबर 2017 | एन.के. सिंह | 2020-2025 |
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