आईपीसी धारा 188 क्या है



भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना के मामलों बढ़ोत्तरी दिन प्रतिदिन होती जा रही है | किसी भी देश ने अभी तक इसके निवारण की दवाई या वैक्सीन नहीं बना सका है | परन्तु अन्य कुछ दवाइयों से इसका इलाज किया जा रहा है, जिससे भारत समेत कई देशों में कोरोना के मरीज ठीक भी हुए है | इसे देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन कर रखा है | लॉक डाउन का मुख्य कारण कोरोना के संक्रमण की चैन को रोका जा सके |



लॉक डाउन के कारण देश की अर्थ व्यवस्था पर फर्क पड़ेगा, परन्तु कोरोना के मरीजों में बढ़ने वाली संख्या को जरूर नियंत्रित किया जा सकता है | इसके साथ ही पूरे देश में केंद्र सरकार ने धारा 188 भी लागू कर रखा है | यदि देश में कोई इस धारा का उल्लंघन करता है तो उसके ऊपर सरकार द्वारा उचित करवाई भी की जाएगी | यदि आप भी आईपीसी धारा 188 क्या है, IPC 188 in Hindi , Dhara 188 Kya Hoti Hai इसके विषय में जानना चाहते है तो इसकी जानकारी दी जा रही है |

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आईपीसी धारा 188 (IPC 188 in Hindi)

महामारी कानून (Mahamari Act) 1897 के सेक्शन 3 में उल्लेख किया गया है कि अगर कोई भीं इन प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत दंडित किये जाने का प्रावधान है। यदि कोई भी नागरिक किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते है तो उनके खिलाफ धारा 188 लगाई जाती है, और कानूनी कार्यवाही होती है।



इस धारा को लगाने व कानूनी कार्रवाई करने हेतु यह जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़ने पर किसी का नुकसान हो या फिर नुकसान होने की संभावना हो। यदि कोई भी नागरिक सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों का पालन नहीं करता है, और उल्लंघन करता हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उसके ऊपर धारा 188 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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IPC की धारा 188 के प्रावधान

IPC धारा 188 के तहत दो प्रावधानों का उल्लेख संविधान में किया गया हैं, जिनकी जानकारी इस प्रकार दी जा रही है –

  1. पहले प्रावधान के अंतर्गत यदि आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा बनाये गए कानूनी नियमों या उनके आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, या फिर फिर आम नागरिक की किसी हरकत की वजह से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचता है, तो उसके लिए कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये तक के जुर्माने या दोनों की सजा एक साथ दिए जाने का नियम है |
  2. इसके दूसरे प्रावधान के अंतर्गत यदि कोई नागरिक सरकार के आदेशों का या उसके नियमों का उल्लंघन करने पर मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता हुआ पाया जाता है, तो इसके लिए कम से कम 6 महीने तक के लिए जेल या  फिर 1000 रुपये जुर्माना तथा इसके अलावा दोनों सजा देने का प्रावधान है।

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