पार्किंसन रोग क्या है



अधिकतर लोगो को पार्किसन रोग के विषय में जानकारी उपलब्ध नहीं है, बहुत से लोगो के लिए यह नया नाम हो सकता है | इस रोग की जानकारी न होने तथा लक्षणों की भी पहचान न होने के कारण इस बीमारी का इलाज होना भी मुश्किल हो जाता है | मिली जानकारी के अनुसार पार्किसन रोग से पीड़ित लोगो की संख्या 6.2 मिलियन है तथा इनमे से लगभग 117,400 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है | रोगियों के इन आकड़ो से पता लगाया जा सकता है, कि यह बीमारी कितनी जटिल तथा भयानक है तथा बहुत से लोग इस बीमारी से ग्रसित होते जा रहे है |



दुर्भाग्यवश लोग इस बीमारी से अनजान है, तथा इस रोग के प्रति जागरूकता नहीं है| इस बीमारी के तहत दिमाग न काम करना, हाथ पैरो का सुन्न होना या कापना आदि यह लक्षण पार्किसन रोग के है | यदि आप या आपके आस पास या सम्बंधित व्यक्ति में यह लक्षण नज़र आ रहे है, तो यहाँ आपको “पार्किंसन रोग क्या है, What is Parkinson’s disease in Hindi (Meaning)” इससे सम्बंधित जानकारी से अवगत कराया गया है |

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पार्किंसन रोग क्या होता है ? (What is Parkinson Disease)

यह एक प्रकार का मानसिक रोग होता है। यह तंत्रिका तंत्र से के द्वारा तीव्रता से फैलने वाला रोग है, यह आपके शरीर में धीरे धीरे विकसित होता है, तथा आपकी गतिविधियों को प्रभावित करता है | इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कंपन, चलने में परेशानी, कठोरता, तालमेल और संतुलन आदि की समस्याएं होती हैं | एक शोध के अनुसार सामने आया कि पार्किंसन रोग की शुरुआत साधारण रोग के ही समान होती है और कुछ समय के बाद यह गंभीर रूप में परिवर्तित हो जाता हैं। इस बीमारी के द्वारा शरीर को संचालित करने वाले हिस्से प्रभावित होते है इस रोग के कम लक्षणों के कारण इसे शुरुआत में पहचान पाना भी मुश्किल होता है |



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पार्किसन रोग के लक्षण (Symptoms of Parkinson Disease)

  • कपकपी होना- इस रोग का सबसे प्रमुख लक्षण शरीर में कपकपी होना है। उंगली, हाथ आदि शरीर के छोटे अंगों से इसकी शुरुआत होती है, और कुछ समय के बाद कपकपी पूरे शरीर में होने लगती है |
  • लिखने में परेशानी होना- पार्किंसन रोग होने पर लिखने में भी परेशानी उठानी पड़ती है, अगर आपको भी इस तरह की परेशानी हो रही है तो जल्द ही चिकित्सक से संपर्क करे |
  • कार्य क्षमता का कम होना– अगर आपकी कार्य क्षमता अचानक से धीरे -धीरे कम होती जा रही है तथा कार्य करने की गति भी कम हो गयी है तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए आपके पार्किसन रोग होने की सभांवना है |
  • मांसपेशियों में अकड़न होना- आपके मांसपेशियों में अकड़न या कठोरता शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है यह स्थिति आपके लिए दर्दनाक हो सकती है, जिसके लिए आपको दवा का सहारा भी लेना पड़ सकता है |
  • बोलने में परेशानी होना- आवाज का न निकलना , बोलने में दिक्कत होना तथा बोली में भी परिवर्तन होना आदि समस्याएं हो सकती है |
  • स्वचालित कार्यो में दिक्कत होना– इस बीमारी के कारण कुछ कार्य जैसे हसना, आँखे झपकना, चलते समय हाथों का हिलना इत्यादि में परेशानी होने लगती है |

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पार्किसन रोग होने के कारण (Cause of Parkinson Disease)

  • यदि परिवार में किसी व्यक्ति को पार्किसन रोग है, तो उसे अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए यह रोग होने का जेनेटिक कारण भी हो सकता है|
  • अधिकतर पार्किसन रोग वायरस के संपर्क में आने के कारण से भी हो सकता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाई के द्वारा भी किया जा सकता है, इसके बाद भी स्वास्थ का ध्यान रखना चाहिए |
  • दिमाग की नस दबने के कारण भी पार्किसन रोग होने की संभावना काफी अधिक रहती है, इसलिए जल्द से जल्द अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए ताकि मरीज तुरंत ठीक हो सके |
  • सिर में कभी चोट लगने के कारण भी यह रोग होने की सम्भावना अधिक रहती है,किसी तरह की लापरवाही न कर चिकित्सक को दिखा लेना चाहिए |
  • यदि कोई व्यक्ति प्रदूषण, केमिकल युक्त इत्यादि वातावरण में रहता है, तो उसे पार्किसन रोग जैसी गंभीर बीमारियाँ होने की संभावना रहती है।

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पार्किसन रोग से बचाव एवम रोकथाम (Prevent & Rescue from Parkinson Disease)

बीमारी से सम्बंधित शोध के अनुसार बहुत से लोगों में पार्किंसन रोग पाया गया है, जिस कारणवश अनेक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है, यदि पीड़ित के द्वारा इन  5 बातों का अनुसरण किया जाता है, तो इस रोग की रोकथाम सरलता से की जा सकती है :-

  • ताज़ी सब्जियों का प्रयोग करें- आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस रोग की रोकथाम के लिए ताजी सब्जियों का सेवन करना एक बेहतरीन विकल्प है |
  • प्रतिदिन व्यायाम- प्रतिदिन योगा या व्यायाम  करना आपकी सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। जीवनशैली में परिवर्तन करके आप पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों से खुद को दूर रख सकते हैं |
  • ग्रीन टी का प्रयोग- पार्किंसन रोगियों को चिकित्सक के द्वारा यह सलाह दी जाती है कि वो ग्रीन टी का सेवन करना लाभकारी होता है, क्योकि इस में कैफीन काफी कम मात्रा में उपलब्ध होता है |
  • पेस्टीसाइज़ से दूरी बनाये- केमिकल युक्त वातावरण तथा पेस्टीसाइज़ जैसे केमिकल्स से दूरी बनाए रखनी चाहिए जिसके द्वारा आपकी सेहत पर इनका बुरा प्रभाव न पड़े |
  • स्वास्थ्य परिक्षण कराये- अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना आपकी जिम्मेदारी है, अतः समय-समय पर अपना स्वास्थ्य परिक्षण (Health Checkup) करवाना चाहिए |

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पार्किसन रोग के अन्य लक्षण (Symptoms of Parkinson’s disease in Hindi)

इस रोग के मुख्य लक्षणो के अतिरिक्त अन्य लक्षण भी पीड़ित में हो सकते है वह इस प्रकार हैं-

  • चिंता, असुरक्षा की भावना तथा तनाव होना |
  • निगलने में परेशानी होना |
  • सूंघने की शक्ति क्षीण हो जाना |
  • अत्यधिक पसीना आना |
  • सीधा दोष (ईडी) |
  • त्वचा संबंधी समस्याएं होना |
  • उलझन होना |
  • अनिद्रा होना |
  • ब्लड प्रेशर में परिवर्तन आना |
  • थकान होना |
  • यादाश्त में कमी आना |
  • डिमेंशिया (बुजुर्गों में अधिक आम) होना |
  • कब्ज होना |
  • डिप्रेशन |
  • धीमा, शांत भाषण, और मोनोटोन आवाज होना |
  • मूत्र अधिक मात्रा में होना |

यहाँ आपको पार्किंसन रोग (Parkinson’s) के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करके अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर दिया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

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