एक देश एक चुनाव क्या है



वन नेशन वन इलेक्शन

भारत देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश (Democratic Country) है जिसमे 130 करोड़ से भी ज्यादा लोग चुनाव में सहभागिता करते है | देश में इतनी बड़ी आबादी होने के कारण हमारा देश हर 1-2 साल में कही न कही चुनाव होते ही रहते है | निश्चित ही इससे देश के आर्थिक व विकास प्रगति पर तो असर पड़ता ही है और साथ चुनाव में भाग लेने वाले लोगो के लिए बहुत व्यस्तता का माहौल हो जाता है | चाहे वो शहर हो या गाँव-देहात, पंचायती चुनाव से लेकर विधानसभा (Assembly) और लोकसभा (Parliamentary) के चुनाव तो जरूर ही होते है |

देश में चुनाव प्रणाली में एक व्यापक सुधार हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हाल में संविधान दिवस (The Constitution Day) पर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ या ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर जौर दिया है | उन्होंने One Nation One Election को देश को जरुरत बताया और पीठासीन अधिकारियो की भूमिका पर भी चर्ची की| तो आज, हम इस व्यापक कांसेप्ट ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विषय में चर्चा करेंगे और साथ इसके बारे में आपको समस्त प्रकार की जानकारी उपलब्ध करायेंगे| ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ क्या है और इसका क्या मतलब है सहित अन्य बिन्दुओ पर गहन चर्चे करेंगे, साथ आपसे निवेदन की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख पूरा पढ़े|

निकाय या स्थानीय चुनाव क्या होते है

एक राष्ट्र, एक चुनाव’ क्या है | One Nation One Election

हमारे देश में केंद्र और राज्य सरकारों (State Government) द्वारा चुनाव कराने का प्रावधान है जिनमे देश के सभी राज्यों के चुनाव जिन्हें विधानसभा चुनाव (Assembly Election) कहते है, देश के हर एक राज्य में हर 5 साल में कराये जाते है और यही बात केंद्र सरकार के लिए भी है| राज्य और केंद्र स्तर पर होने वाले इस चुनाव की प्रक्रिया को एक साथ एक ही समय पर सम्पन्न कराने का उदेश्य ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ है| इससे देश में कई तरह के सुधार संभव है जिनके बारे में आगे चर्चे करेंगे |

एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के क्या लाभ है? | ONOE Benefits

देश में एक केंद्र और राज्य स्तर चुनाव करने पर निम्न प्रकार के लाभ लिए जा सकते है:-

  • केंद्र और राज्य स्तर के चुनाव के सरकार को अलग से अवकाश नहीं देना पड़ेगा |
  • देश में उत्पादन और कार्यशीलता बढ़ेगी |
  • आर्थिक (Financial) व विकास कार्य (Development) में चुनाव के कारण होने वाली समस्या नहीं आएगी |
  • समय (Time) और पूँजी (Capital) दोनों की बचत होंगी |
  • केंद्र और राज्य के समन्वय में सुधार होंगा जोकि पहले संभव नहीं था |
  • देश में चुनाव सुधार (Election Reformation) में व्यापक कदम होंगा जिसे विश्व स्तर पर जाना जाएगा |
  • देश राजनीति विवादों में कमी आएगी और विकास का माहौल बनेगा |
  • अनुचित प्रकार के प्रचार व समय की बर्बादी पर पूर्णता रोक लगेगी |

भारत के राष्ट्रपति की क्रमबद्ध सूची

नीति आयोंग  (Niti Aayog) ने 2024 से लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव साथ किया जाए, इसका आईडिया भी सरकार को दिया है जोकि अभी मंथन स्तर पर लंबित है| इससे पहले देश में 1950 से 1967 तक केंद्र व विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाते थे परन्तु राजनीतिक षडयंत्र व खरीद-फरोक्त के चलते इस प्रणाली को विराम दे दिया गया |

केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्या होती है

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के नुकसान | Cons of ONOE

  • सीमित संसाधन के कारण देश में छोटी छोटी क्षेत्रीय पार्टी (Regional Party) को नुकसान होंगा |
  • क्षेत्रीय पार्टी के सत्ता में आने से वहां के स्थानीय मुद्दे राष्ट्रीय स्तर (National Party) की पार्टी से छूट जायेंगे |
  • एक साथ इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराने से देश बड़े सुरक्षा बल (Security Force) की जरुरत होंगी जिसका फ़ायदा आतंकवादी उठा सकते है |
  • बड़े पैमाने में चुनाव कराने पर रिजल्ट आने में ज्यादा समय लगने की आशंका है जैसे कि अमेरिका में देखा गया है |

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इस प्रकार हमने देखा कि आप किस प्रकार देश में नये चुनाव सुधार की जरुरत है और उसमे किस प्रकार की समस्या भी होंगी जिस पर सरकार को पहले काम करना होंगा| एक सुदृढ़ नीति से इस व्यापक चुनाव सुधार को लागू करना ही होंगा | अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो कृप्या आगे शेयर जरूर करे |

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