मुक्केबाजी के नियम



मुक्केबाज़ी एक बहुत ही आक्रामक खेल के रूप में जाना जाता है,  यह कलाई द्वारा लड़ी जाने वाली एक मार्शल कला है जिमसे एक ही भार के दो लोग अपनी मुट्ठी का प्रयोग कर लड़ाई लड़ते है | मुख्य रूप से इसमें एक से तीन मिनट के समय अंतराल वाले तीन राउंड वाले खेल होते है | खेल में खिलाडी के हार जीत का परिणाम रेफ्री द्वारा किया जाता है | इसमें जीत के तीन तरीके होते है |

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पहला ये कि मुक्केबाज़ गिर जाये और रेफ्री के दस तक गिनने तक वह उठ न पाए या फिर नॉक – आउट इसमें यदि मुक्केबाज़ के ज्यादा घायल हो जाने से वह खेल जारी रखने में असमर्थ हो इसके अतिरिक्त यदि दोनों खिलाड़ियों के तीनो राउंड पूरे हो जाने पर भी लड़ाई का कोई परिणाम न निकले तब रेफ्री अपनी अंक तालिका द्वारा विजेता का चुनाव करता है | यदि आप भी मुक्केबाज़ी देखने का शौक रखते है या मुक्केबाज़ी से जुडी और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े |

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मुक्केबाज़ी का ऐतिहासिक प्रारम्भ  

तीसरी शताब्दी के ईसा पूर्व सुमेरियाई नक्काशी में मुक्केबाजी का पहला चित्र मिला तथा दूसरा सहशताब्दी ईसा पूर्व में प्रथम मुक्केबाज़ योद्धा तथा दर्शको दोनों का ही चित्र मिस्त्र की नक्काशी में स्थित है | यह दोनों ही चित्र मुट्ठियों की इस प्रतियोगिता को दर्शाते है | डॉ॰ ई. ए. स्पीसर जो की एक पुरातत्ववेत्ता थे जिन्हे इराक देश के बग़दाद शहर में प्राप्त मेसोपोटेमियाई शिला खंड में चित्रित दो पुरुष इनामी लड़ाई के लिए तैयार होते दिख रहे थे | माना जाता है की यह चित्रित शिला खंड 7000 वर्ष पुरानी है | यह पहली प्रमाणित लड़ाई थी जो कि दस्ताने पहन कर लड़ी गई |



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आधुनिक समय के मुक्केबाज़ी के नियम (Modern Boxing Rules)

(1743) ब्रॉटन नियम (Broughton Law)

ब्रॉटन नियम का जैक ब्रॉटन के नाम पर रखा गया था | जैक ब्रॉटन मुक्केबाज़ी में उच्च समूह के विजेता थे जिन्होंने सन 1743 में मुक्केबाज़ी के कुछ नियमो को बनाया जिन्हे ब्रॉटन के नियम से जाना जाता है | इससे पहले के मुकाबलों में किसी भी तरह के लिखित नियमो के न होते किसी भी तरह की कोई सीमाएं और न ही कोई रेफरी होता था | जैक ब्रॉटन के नियमो के अंतर्गत यदि एक खिलाड़ी लड़ते हुए रिंग पर गिर जाता है और 30 सेकेंड में वह स्वयं से नहीं उठ पाता तो गिरे हुए खिलाड़ी की हार मानी जाती है तथा जो खिलाड़ी खड़ा रहता है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था | गिर हुए खिलाड़ी पर प्रहार करना या कमर के निचे के हिस्से में मारना नियमो के खिलाफ माना जाता था | मफलर तथा गद्देदार दस्ताने जिसका प्रयोग प्रशिक्षण व् प्रदर्शन में किया जाये का प्रयोग भी ब्रॉटन द्वारा करवाया गया | अठारवी शताब्दी के सफल मुक्केबाज़ ‘विलियम फ्युट्रेल’ ने शोध – पत्र का प्रकाशन किया | 9 जुलाई 1788 का एक मशहूर मुकाबला जिसमे स्मिथहैम बॉटम, क्रोयडॉन में जॉन जैक्सन जो की एक “सज्जन” एवं कम आयु का मुक्केबाज़ था जिसके साथ एक घंटे सत्रह मिनट चले इस मुकाबले से पहले तक अपराजित रहे | इस मुकाबले को देखने के लिए प्रिंस ऑफ वेल्स भी मौजूद थे |

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(1838) लंदन में रिंग पुरस्कारिता के नियम

सन 1838 के लन्दन पुरस्कारिता के नियमो को संहिताबृद्ध कर नए नियमो को संसोधित कर 1853 में ये नियम लागु किये गए | यह नियम इस प्रकार थे |

  • रस्सी से घिरा हुआ एक वर्गाकार रिंग जो कि 24 फ़ीट जितना हो |
  • यदि कोई खिलाडी अपने विरोधी खिलाडी को गिरा देता है तब उस खिलाड़ी को खुद ही 30 सेकेंड के अंदर उठना अनिवार्य हो जाता है तब यह खेल फिर से प्रारम्भ हो जाता है |
  • मुक्केबाज़ी करते वक़्त काटना , सिर से मरना या कमर के निचे के हिस्से पर प्रहार करना नियमो के विपरीत होता है |

उन्नीसवीं शताब्दी के जाते – जाते मुक्केबाज़ी को दर्दनाक एवं क्रूर खेल के रूप में वैधता प्राप्त थी | प्राइज़फाइट को कई देशो जैसे अमेरिका और इंग्लैंड के ज्यादातर शहरों में इसे अवैध घोसित कर दिया गया | इसके बावजूद यह प्राइज़फाइट अक्सर जुवो के अड्डों पर गैर – कानूनी तरीके से आयोजित की जाती रही है | कई प्रतिबंधों के बाद भी ऐसी कुश्तिया आयोजित होती रही कभी – कभी मुक्केबाज़ी प्रतियोगता के दौरान दंगे व् उपद्रव होना आम बात थी |

मुक्केबाज़ी के नियम (Boxing rules)

  • इसमें तीन मिंटो वाले समय अंतराल होते है जिनकी एक निर्धारित श्रृंखला होती है |
  • यह अधिकतम 12 चक्र तक ही होती है |
  • समय अंतराल के प्रत्येक चक्र के मध्य एक मिनट का ब्रेक दिया जाता है |
  • इस दौरान खिलाड़ी अपनी प्रस्तावित जगह (अपने कोने) में जा अपने कर्मचारियों व् सलाहकारों से सहायता प्राप्त कर सकता है |
  • खेल के इस रिंग में एक रेफरी भी होता है जो कि नियमो का उल्लंघन करने व् मुक्केबाज़ के व्यव्हार पर नियंत्रण रख सही व् सुरक्षित तरीके से लड़ने पर नज़र रखता है |
  • यदि कोई खिलाड़ी नॉक-डाउन हो जाता है तो उसे दोबारा खेल में शामिल होने के लिए रेफरी द्वारा गिनती कर अवसर प्रदान किया जाता है |
  • मुकाबले में अंक देना, संपर्क,प्रतिरक्षा , नॉकडाउन तथा अन्य व्यक्तिगत मापनो के आधार पर खिलाड़ियों को अंक देने के लिए रिंग के पास ही तीन निर्णायक बैठे रहते है |
  • कभी – कभी परिणाम निकलने में विवाद उत्पन्न होते है जब किसी खिलाड़ी को यह लगे कि दिया गया फैसला गलत है |
  • दोनों ही मुक्केबाज़ों को एक – एक कोना निर्धारित होता है |
  • खेल चक्र शुरू होने से पहले मुक्केबाज़ कोने से रिंग में प्रवेश करता है फिर समय चक्र समाप्त होने का संकेत मिलते ही दोनों खिलाड़ियों को अपने – अपने कोने में लोट जाने का नियम होता है |

यहाँ आपको मुक्केबाज़ी खेलने के नियम के बारे में जानकारी दी गई है | यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप www.hindiraj.com पर विजिट कर सकते है | इसके साथ अपने विचार या सुझाव अथवा प्रश्न कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | हम आपके सुझावों का हमे इन्तजार है |

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