प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है



प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक जांच एजेंसी होती है, जो प्रमुख रूप से भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कमा करती है | यह एक ऐसी महत्वपूर्ण एजेंसी है, जो भारत में विदेशी सम्पत्ति मामला, धन-शोधन (Money Laundering), आय से अधिक संपत्ति की जांच और पूछताछ करने का काम करती है | ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हे ऐसी महत्वपूर्ण एजेंसियों के बारे में अच्छी से जानकारी नहीं होती है | इसलिए आपको भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है, फुल फॉर्म ,कार्य ,अधिकार के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है | 

प्रवर्तन निदेशालय केंद्र सरकार के आधीन सरकारी संस्था है जिसके द्वारा देश में भ्रष्टचार को मिटाने पर कार्य किया जाता है | प्रवर्तन निदेशालय या Directorate of enforcement एक गैर संविधानिक संस्था है अर्थात इसके बारे में संविधान में कही भी वर्णन नहीं किया गया है | यह भारत सरकार के फेरा और फेमा कानून के तहत कार्य करता है | भारत में आयकर विभाग जैसे भी बहुत लोकप्रिय संस्था है |

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) का क्या मतलब होता है ?

ईडी (Directorate of enforcement) मुख्य रूप से भारत में विदेश से जुड़ी संपत्ति मामले और अन्य तरह की संपत्ति की जांच करती है। वहीं ईडी के अंतर्गत जो भी अधिकारी काम करते हैं, उनका चुनाव आईएएस , आईपीएस इत्यादि रैंक के आधार पर ही किया जाता है। यह एक ऐसी खुफिया एजेंसी होती है, जो हमारे देश में वित्तीय संबंधित अपराधों पर  पूर्ण रूप से अपने नजर बनाये रखने का काम करती है और साथ ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच करती है। आर्थिक स्थिति चाहे जैसी भी हो, लेकिन ईडी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है कि, वह सही तरह से उस मामले की जांच करें। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कानून लागू करने का अधिकार भी ईडी को ही सौंपा जाता है | 

ईडी (ED) की स्थापना कब हुई थी ?

ईडी की स्थापना 1 मई 1956 को हुई थी। वर्तमान समय में ईडी फेरा 1973 और फेमा 1999 के अंतर्गत काम करता है। वहीं, वर्तमान समय में ईडी के पांच मुख्य कार्यालय है जो कि मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में स्थित है।

ईडी का फुल फॉर्म | ED Full Form

ईडी का फुल फॉर्म “Directorate of Enforcement या Directorate General of Economic Enforcement” होता है। इसे हिन्दी भाषा में “प्रवर्तन निदेशालय” कहा जाता है | इसके अलावा 1 जून 2000 को फेमा लागू किया गया था लेकिन कुछ समय के बाद फेमा से सम्बंधित सभी मामलें भी ईडी के अधिकार क्षेत्र में ही शामिल कर दिए गए | इसलिए अब वर्तमान समय में ईडी फेरा 1973 और फेमा 1999 के अंतर्गत कार्यवाही करता है।

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकार क्या है ? (Rights of ED in Hindi)

  1. प्रवर्तन निदेशालय को प्रवर्तन निदेशालय को फेरा 1973 और फेमा 1999 यह दो अधिनियम के तहत भारत सरकार की सभी तरह की वित्तीय जांच करने का अधिकार प्राप्त है | 
  2. इसके अलावा सरकार ने ईडी को विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत उल्लंघन से निपटने की भी पूरी छूट प्रदान कर रखी है।
  3. ईडी को विदेश में किसी भी संपत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार प्रदान किया गया है।
  4. मनी लांड्रिंग के आरोप में पाए गए लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और खोज करने का अधिकार भी ईडी के पास है | 
  5. ईडी वित्तीय रूप से देश में गैर कानून हो रहे कार्य को लेकर उस पर कार्रवाई कर सकता है |

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्य 

  1. प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुख्य रूप से फेमा के प्रावधानों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच करता है। 
  2. यह लेन-देन से संबंधित मामलों की पूरी जांचा करता है |
  3. फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े मामलों की जांच करता है |  
  4. विदेश में किसी तरह की कोई भी संपत्ति खरीदने पर ईडी (Directorate of enforcement) उसकी भी जांच करता है।
  5. ईडी मुख्य रूप से फेमा उल्लेखन के तहत दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति को ज़ब्त कर सकता है |

यहाँ पर हमने आपको प्रवर्तन निदेशालय (ED) एजेंसी के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है |  यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करे और अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही निवारण किया जायेगा |अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

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