क्या है नया हिट एंड रन कानून ?



Hit and Run New Law in Hindi: भारत में हिट एंड रन कानून के नए नियम के मुताबिक, यदि किसी वाहन से टक्कर लगने के वजह से किसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर पुलिस को बिना बताए वहां से फरार हो जाता है, तो ऐसे में फरार हुए ड्राइवर को 10 साल तक की सजा मिलेगी।  साथ ही उस पर 7 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। केंद्र सरकार के इस नए हिट एंड रन कानून पर देश भर में बवाल मचा हुआ है। देश भर के लगभग सभी राज्यों के ड्राइवर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। क्योंकि ड्राइवर का कहना है कि यह कानून गलत है और केंद्र की मोदी सरकार को इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए।

तो आइये विस्तार से जानते हैं कि यह हिट एंड रन का नया कानून क्या है?, पहले क्या नियम था, नए नियम की क्यों जरूरत पड़ी, हिट एंड रन कानून में ऐसा क्या है जिसका विरोध हो रहा है।

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जानिए क्या होता है हिट एन्ड रन

तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और फिर वहां से भाग जाने को हिट एंड रन कहा जाता है।

किसी वाहन का एक्सीडेंट ऐसी चीज से हो जाता है जो सड़क पर हो जैसे- फुटपाथ, सड़क पर खड़ी या चल रही कोई कार, कोई भी ऐसी चीज जो अचल रूप में मौजूद हो। और एक्सीडेंट के बाद वाहन चालक अपनी पहचान छुपाने के लिए दुर्घटना स्थल से भाग जाता है। ऐसी स्थिति में फरार वाहन चालक पर हिट एंड रन कानून के तहत केस दर्ज होता है।

हिट एंड रन का नया कानून क्या है?

तो आईए जानते हैं की हिट एंड रन का नया कानून क्या है, तो हम आपको बता दे की भारत में हिट एंड रन कानून को नई बनी भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 104 में समाहित किया गया है।‌ यह धारा लापरवाही से मौत के कारण के लिए दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान करती है।  धारा 104 (A) के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर अपनी गलत ड्राइविंग या फिर लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट कर देता है और उसकी मौत हो जाती है।  तो ऐसे में ड्राइवर को अधिकतम 7 साल की सजा होगी और जुर्माना भी लगेगा। धारा ‌104 (B) के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन जाता है और  घटना के बाद तुरंत पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो उसे 10 साल की सजा होगी और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।

पहले क्या था हिट एंड रन कानून

भारत में अभी तक हिट एंड रन कानून में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। साथ ही आरोपी को दो साल की सजा भी मिल सकती है। इसके अलावा किसी खास मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है।

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नए हिट एंड रन नियम की जरूरत क्यों पड़ गई?

सड़क दुर्घटना के आंकड़ों के अनुसार हिट एंड रन के मामलों के कारण हर साल तकरीबन 50000 लोग अपनी जान गवा देते हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2021 की तुलना में 2022 में हिट एंड रन के मामले 17 फीसदी ज्यादा सामने आए हैं और इनमें मौत भी पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा लोगों की हुई है घायलों की संख्या भी 20 फीसदी बढ़ी है। भारत में साल 2005 से लगातार हर साल लगभग साढ़े चार लाख सड़क हादसे हो रहे हैं। इस वजह से नया हिट एंड रन नियम लाया गया है ताकि सड़क के नियमों का सख्ती से पालन हो सके।

ड्राइवर्स क्यों कर रहे हैं हिट एंड रन नियम का विरोध और क्या हैं उनकी मांग?

जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि इस समय भारत में ड्राइवर्स हिट एंड रन के नए नियम के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। उनकी इस हड़ताल का नेतृत्व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AITMC) कर रही है और AITMC का कहना है कि इस नए कानून में कई कामियां हैं जिनपर सरकार को दोबारा सोचे जाने की जरूरत है। देशभर के ड्राइवर नए कानून के तहत आने वाले कड़े प्रावधानों यानी कि 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने की राशि को लेकर चिंतित थे। देशभर के लगभग सभी राज्यों के वाहन चालक पीएम मोदी से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं

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