यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?



अब दुबारा से Uniform Civil Code का अर्थ जाने के लिए लगातार गूगल पर सर्च किया जा रहा है। वैसे आपको बताए तो विधि आयोग द्वारा इस पर परामर्श प्रक्रिया को जारी कर दिया गया है। परंतु अभी सबसे पहला सवाल यह है की आखिर यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ क्या है।

यदि आपको इस विषय से जुडी जानकारी नहीं है। तो कोई नहीं आज के इस लेख के तहत हम आपको यूनिफार्म सिविल कोड क्या है? यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे और नुकसान, यूनिफॉर्म सिविल कोड कब लागू हुआ? से जुड़ी सभी जानकारी देंगे। तो चलिए आगे बढ़ते है।

भारतीय संविधान क्या है?

Uniform Civil Code क्या होता है?

Uniform Civil Code in Hindi: यदि आपका सवाल यह है कि आपसे यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है। तो दोस्तों यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है जिसका अर्थ समान नागरिक संहिता है। भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए चाहे उनका संबंध किसी भी जाति समुदाय से हो संविधान सबको बराबर सम्मान और सबके लिए एक नियम कानून बनाता है। Uniform Civil Code नियम सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने के साथ-साथ उत्तर अधिकार जैसे कानून को एक कॉमन कानून के तहत ही नियंत्रित करने की बात करता है फिर चाहे वह व्यक्ति किसी भी वर्ग से संबंध रखता हो। परंतु इस समय सभी धर्मो के लोगो के बीच इसे लेकर अलग-अलग राय है।

समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या होगा 

यदि यूनिफॉर्म सिविल कोड पूरी तरह से लागू कर दिया जाता है। तो सभी नागरिक व्यक्तिगत कानूनों का एक ही सेट साझा होगा। किसी भी विशेष समुदाय द्वारा उनकी विशेष धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों के आधार पर प्राप्त भेदभाव या नीतियों या विशेष विश्लेषण अधिकारों के मुद्दों में राजनीतिकरण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

यूनिफॉर्म सिविल कोड कहाँ से आया था

ब्रिटिश सरकार के समय में सबसे पहले Uniform Civil Code आया था। ब्रिटिश सरकार ने सुबूत अपराध और अनुबंध से संबंधित रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून संहिताकरण से बाहर है। उसके बाद साल 1941 में हिंदू कानूनों को सहिंताबद्ध करने के लिए बीएन राव समिति का गठन भी किया गया था।  

Uniform Civil Code कहाँ पर लागू है

वैसे केंद्र सरकार भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने पर चर्चा कर रही है परंतु अभी तक कोई निश्चित निर्णय नहीं लिया गया है। भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड केवल एक ही राज्य में जारी है जो कि गोवा है। साल 1961 में ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर गोवा सरकार ने अपनी एक पहचान बनाई थी। वैसे आपको बता दें की हमारे भारतीय संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 44 के अंतर्गत बताया गया है की भारत के नागरिकों को समान नागरिक संहिता (UCC) का निर्माण के लिया कहा गया है। जिसको पूरे देश में लागु किया जाना चाहिए।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)

यूनिफॉर्म सिविल कोड में शामिल किए गए विषय

  • विवाह 
  • तलाक
  • गोद लेना 
  • व्यक्तिगत स्तर
  • संपत्ति का आधार एवं सञ्चालन

क्या Uniform Civil Code स्वतंत्रता का अतिक्रमण करती है

काफी समुदाय, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय समान नागरिक संहिता को उनके धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों पर अतिक्रमण मानते हैं। जिसके साथ उनको यह डर है कि एक समान संहिता उनकी परंपराओं की उपेक्षा करेगी। जबकि इस कानून क उद्देश्य केवल एक ही है कि सभी को एक समान नजर से देखना और न्याय करना है।

इन देशों में लागू है UCC

दुनिया के निम्नलिखित देशों में लागू है समान नागरिक संहिता वह देश कुछ इस प्रकार है:-

  • तुर्की 
  • इजिप्ट 
  • सूडान
  • मलेशिया 
  • अमेरिका 
  • पाकिस्तान 
  • इंडोनेशिया 
  • आयरलैंड 
  • बांग्लादेश

भारत में UCC की दिशा में अब तक किए गए प्रयास

  • तो सबसे पहले 1954 के विशेष विवाह अधिनियम के माध्यम से किसी भी धर्म का नागरिक को विवाह करने की अनुमति दी जाती है। यह अधिनियम भारतीय नागरिकों को धार्मिक रीति-रिवाजों से हटाकर विवाह करने की अनुमति प्रदान करता है।
  • इसके साथ ही साल 1995 के सरला मुद्गल केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के साथ साथ 2019 के ‘पाउलो कॉटिन्हो बनाम मारिया लुइज़ा वेलेंटीना परेरा’ मामले में यूसीसी को लागू किये जाने को कहा गया था।
  • जान बलवंत केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यह दुख की बात है कि अनुच्छेद 44 को आज तक लागू नहीं किया गया है। परन्तु अब संसद को देश में एक समान नागरिक संहिता लागू के लिए कदम उठाना चाहिए।
  • अब 1985 का शाह बानो केस इस केस में शाहबानो को उसके पति ने भरण पोषण देने से इनकार किया था। तो सीआरपीसी की धारा 125 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के पक्ष में अपना फैसला दिया था। जो कि यह था कि सभी भारतीय नागरिकों को अपनी बीवी और बच्चों साथ ही माता-पिता के भरण-पोषण और रखरखाव के आदेश दिए जाते हैं।

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Uniform Civil Code के फायदे

अब जरूरी है कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे भी जाने तो विश्व के 125 देशो में यूनिफॉर्म सिविल कोड जारी है। जिसके माध्यम से उनको निम्नलिखित लाभ हुए हैं। जो कि कुछ इस प्रकार है:-

  • इस यूनिफॉर्म सिविल कोड के माध्यम से समुदाय के नागरिकों को एक समान अधिकार दिए जाते हैं। 
  • यदि यह कोड जारी कर दिया जाता है तो इस नागरिकों को कानून को समझने में सरलता और अस्पष्टता प्रदान होगी। 
  • जैसे की हम जानते है बहुत से समुदाय के पर्सनल लॉज़ में महिलाओं के अधिकार सीमित है। ऐसे में अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड को जारी किया जाता है। तो महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किया जा सकेगा। 
  • इसके साथ ही देशों में लेंगिग समानता को भी बढ़ावा मिला है। 
  • इसके साथ ही महिलाओं का अपने पिता और संपत्ति पर अधिकार होने के साथ-साथ Uniform Civil Code के तहत गोद लेने का अधिकार भी मिल सकेगा। 
  • इस समय मुस्लिम समाज में तलाक हो रही हैं। जिनका असर मुस्लिम महिलाओं पर काफी बढ़ रहा है। तो यूसीसी के लागू हो जाने से सभी समुदाय में तलाक की प्रक्रिया एक समान की जा सकेगी।

Conclusion

आज की इस आर्टिकल के माध्यम से हमें आपको Uniform Civil Code से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई है। यदि आपका इस विषय से जुड़ा कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट माध्यम से पूछ सकते हैं। हम एवं हमारी टीम सदैव अपने पाठकों की सेवा हेतु तत्पर है। इसके साथ ही आपसे निवेदन भी है कि ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट को बुकमार्क जरूर कर दें।

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यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़े कुछ सवाल

यूसीसी की फुल फॉर्म क्या है?

UCC का फुल फॉर्म यूनिफॉर्म सिविल कोड है। जिसको हिंदी में हम समान नागरिक संहिता के नाम से भी जानते हैं।

विष के किनकिन देशों में यूनिफॉर्म सिविल कोड जारी है?

तुर्की ,इजिप्ट ,सूडान, मलेशिया ,अमेरिका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया ,आयरलैंड, बांग्लादेश

मुसलमानों का कानून किस पर आधारित है ?

हमारे मुस्लिम समुदाय का कानून शरीअत पर आधारित है।

Uniform Civil Code किनकिन विषयों को शामिल किया गया है?

यूसीसी के तहत विवाह ,तलाक, गोद लेना , व्यक्तिगत स्तर, संपत्ति का आधार एवं सञ्चालन जैसे विषयों को शामिल किया गया है।

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