स्वतंत्रता दिवस पर निबंध



वर्ष 1947 में 15 अगस्त सभी भारतवासियों के लिए एक एतिहासिक दिन बन गया, क्योंकि इसी दिन हमारा देश पूरी तरह से अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था। यही वजह है की इस विशेष तिथि की याद में हर साल 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

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यह दिन प्रत्येक देशवासी को देश के प्रति सम्मान, त्याग, बलिदान की सीख देता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 15 अगस्त मनाने के लिए तैयारियां जोरों शोरों पर है। अतः आज हम इस लेख में आपके समक्ष स्वतंत्र दिवस पर निबंध | 15 August Essay in Hindi (15 अगस्त पर निबंध हिंदी में ) सांझा कर रहे है।

मेरी माटी मेरा देश अभियान क्या है?

15 August Essay in Hindi [200, 500 and 700 Words]

15 अगस्त पर निबंध या Essay निम्न प्रकार से शब्दों के अनुसार है : –



स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (200 शब्द)

15 अगस्त वर्ष 1947 में हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी मिली थी और आजादी की इसी खुशी को उत्सव के रूप में मनाने के लिए हर साल 15 अगस्त का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

दरअसल वर्ष 1947 से पूर्व, लगभग 200 वर्षों से हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से परेशान था। और अंग्रेजो द्वारा किए जाने वाले अत्याचार की वजह से भारत के कई क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजा दिया था।

इस प्रकार भले ही अंग्रेजो ने हमारे भारत देश पर लंबे समय तक शासन किया परंतु कभी भी वह शांति से शासन नहीं कर पाए। उन्हें कहीं ना कहीं विद्रोह का सामना करना ही पड़ा। इस प्रकार लंबी चौड़ी लड़ाई और कड़े संघर्ष के बाद साल 1947 में 15 अगस्त के दिन हमारा भारत देश आजाद हो गया।

15 अगस्त यानी कि स्वतंत्रता दिवस सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावनाओं का संचार करता है। यह दिवस समस्त देशवासियों को एकजुट रहने का संदेश भी देता है।

साथ ही उन्हें इस बात का भी एहसास दिलाता है कि भारत एक विशाल देश है, जहां पर कई अलग-अलग भाषाएं,धर्म और संस्कृति मौजूद है। और भारत की मजबूती अनेकता में एकता है, साथ ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।

हर साल 15 अगस्त का त्यौहार हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि किस प्रकार से अंग्रेजों की गुलामी से हमें आज के दिन ही आजादी मिली थी और भारत को उसकी खोई हुई पहचान मिली थी।

15 अगस्त क्यों मनाया जाता है?

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (500 शब्द)

गुलामी की जंजीरों से जकड़े हुए भारतवर्ष को वर्ष 1947 में 15 अगस्त के दिन आजादी मिली थी। तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस को भव्य समारोह के तौर पर मनाया जाता है।

भारत को भले ही आजादी 15 अगस्त वर्ष 1947 को मिली परंतु इस उपलब्धि के लिए भारतीयों का ब्रिटिशो के खिलाफ एक लंबे अरसे से संघर्ष चल रहा था। इस दौरान न जाने कितने ही भारतीय क्रांतिकारियों ने देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद करवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

15 अगस्त हमारे देश की आजादी का दिन है, साथ ही इस दिन को हमारे देश में एक त्योहार के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जिनमें मुख्य अतिथि के तौर पर दुनिया भर की सम्मानित हस्तियों को बुलाया जाता है।

15 अगस्त के मौके पर भारत के सभी स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है और सभी लोग मिलकर के तिरंगे को सलामी देते हैं।

इस दिन बच्चे अलग अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी भाग लेते हैं, साथ ही 15 अगस्त के मौके पर भाषण, डांस, नाटक जैसे कार्यक्रम का भी आयोजन होता है।

इस दिन नई दिल्ली में मौजूद लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री जी के द्वारा तिरंगे को फहराया जाता है। और उसके पश्चात प्रधानमंत्री के साथ ही साथ वहां पर उपस्थित सभी लोग खड़े होकर के भारत के राष्ट्रगान को गाते हैं।

साथ ही इस दिन तिरंगे को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। 15 अगस्त के मौके पर राजपथ पर भारत के हर प्रदेश की झांकी निकाली जाती है, जिसमें उस प्रदेश की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया जाता है।

तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री जी के द्वारा लाल किले से देश के नाम संबोधन किया जाता है। इस मौके पर वहां पर आमंत्रित किए गए अतिथि उपलब्ध होते हैं, जिनमें बड़े बुजुर्ग और बच्चे शामिल होते हैं।

इस दिन प्रधानमंत्री के द्वारा जो भी भाषण दिया जाता है उसका लाइव टेलीकास्ट अधिकतर टीवी चैनल पर दिखाया जाता है।  ताकि जो लोग वहां पर उपस्थित नहीं हो वह अपने घर बैठे ही प्रधानमंत्री को सुन सके साथ ही 15 अगस्त के कार्यक्रम को भी देख सकें।

अंग्रेजों की गुलामी से हमारे भारत देश को आजाद कराने के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, साथ ही कई लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्र शेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पाण्डे, राजगुरु, सुखदेव, महात्मा गाँधी यह कुछ ऐसे महान बलिदानी हैं जिन्होंने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। और आज भी जब कभी भी 15 अगस्त या फिर 26 जनवरी का दिन आता है तब इन सभी महान लोगों को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

15 अगस्त के मौके पर स्कूल में विद्यार्थियों के द्वारा मिठाई का वितरण किया जाता है, साथ ही भारत में मौजूद सभी गवर्नमेंट ऑफिस में झंडा फहराया जाता है। 15 अगस्त के मौके पर पूरे देश भर में सार्वजनिक छुट्टी होती है। इस मौके पर हर राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा भी झंडा फहराने का कार्यक्रम किया जाता है।

स्वतंत्रता सेनानी किसे कहते है

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (700 शब्द)

वर्ष 1947 में 15 अगस्त के दिन देश को लम्बे समय बाद ब्रिटिशों के शासन से आजादी मिली थी। और देश आजाद होने के पश्चात ही लोगों को वास्तविक तौर पर इस बात की अनुभूति हुई कि आजादी होती क्या है ? आजादी हिंदुस्तान में रहने वाले हर व्यक्ति की रगों में खून बनकर दौड़ती है।

तुलसीदास जी ने भी कहा है कि पराधीन सपनेहु सुख नाही जिसका मतलब होता है कि पराधीनता में तो सपने में भी सुख नहीं होता है और पराधीनता किसी के लिए भी अभिशाप होती है।

हमारा देश जब अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में कैद था, तब उस समय हमारे देश को किसी भी प्रकार की इज्जत नहीं मिलती  थी। ना ही हमारे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान होता था ना ही हमारा खुद का कोई संविधान था परंतु अब हम पूरी तरह से स्वतंत्र हो चुके हैं और पूरी दुनिया में भारत की एक अलग पहचान भी बन चुकी है।

हमारे भारतीय संविधान की आज दुनिया भर में मिसाल दी जाती है जिसमें सभी देशवासियों को समानता का अधिकार दिया गया है। आज हमारे हिंदुस्तान का राष्ट्रीय तिरंगा भाईचारे, एकता और प्यार का प्रतीक है।

भारतीय संविधान की रचना करने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा भारत के हर नागरिक को विशेष तौर पर आजादी का एहसास करवाया गया है। देश के संविधान में अशिक्षित और पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें विशेष अधिकार भी दिए गए हैं।

जब से हमारा भारत देश आजाद हुआ है, तभी से यह लगातार आर्थिक और तकनीकी ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। और वर्तमान के समय में दुनिया भर के लिए हमारा भारत देश आशा की किरण बनकर उभर रहा है और यह सब आजादी के कारण ही संभव हो सका है और यह आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिली है।

इसके लिए न जाने कितने ही शूरवीर और आजादी के मतवालों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इसलिए हमें सदैव हर उस व्यक्ति का आभारी रहना चाहिए जिसमें भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपनी भूमिका अदा की है।

आजाद होने के पश्चात आज हम खुली हवा में जी पा रहे हैं और ये भारत माता के उन्हीं सपूतों की वजह से संभव हो पाया जिन्होंने देश प्रेमी बनकर के देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।

आजाद भारत के प्रसिद्ध इतिहासकारों और लेखकों तथा विद्वानों ने भारत में सामाजिक सुधार किया और भारत की आजादी में चार चांद लगाए।

वर्तमान के समय में पूरे दुनिया भर में भारत का डंका बज रहा है और एक बार फिर से भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

आजादी प्राप्त करने के पश्चात भारत में कई सुधार हुए। कई सामाजिक कुप्रथा को बंद किया गया, गरीबों का शोषण करना बंद किया गया साथ ही लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाएं भी चालू की गई ताकि भारत का हर व्यक्ति खुशहाल जिंदगी जी सकें और अपने भारतीय होने पर गर्व कर सकें।

यह हमारा सौभाग्य है कि हमें हिंदुस्तान जैसे ऋषि और मुनियों की धरती पर पैदा होने का मौका मिला और भारतीय संस्कृति को जी भर के जीने का मौका मिला। देश प्रेम की जो अलख भारतीय क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के समय में जगाई है उसे आगे भी जिंदा रखना हम सभी भारतवासी का कर्तव्य है।

हालांकि कुछ लोग अपने स्वार्थ की वजह से हमारे भारत देश को भ्रष्टाचार की चादर में समेट रहे हैं और भोली भाली जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ हमें एकजुट होकर के प्रतिकार करना होगा और भ्रष्टाचार पर शीघ्र अति शीघ्र लगाम लगाने का प्रयास करना होगा।

अगर हमें फिर से भारत को सोने की चिड़िया बनाना है साथ ही आजादी का वास्तविक मतलब समझना है तो हर भारतवासी को अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। ऐसा करके ही हम फिर से भारत को विश्व गुरु बनाने के रास्ते पर अग्रसर हो सकेंगे।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना क्या है

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