महिला शरीर के अंगों का नाम



Female Body Parts: बुनियादी तौर पर महिला व पुरुष का शरीर एक समान है परन्तु लिंग आधार पर आदमी व औरत के शरीर में कई प्रकार की भिन्नता है जिसे आज हम इस लेख में जानेगे | महिला के अंगो के बारे में विज्ञान के पास कई प्रकार की रोचक जानकारी मौजद है जो जिसे पुरुष के शरीर से अलग बनाती है |

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Learn About Female Body Parts in Hindi तो आपकी खोज ख़तम हुई। क्योंकि इस लेख में आपको हम Female Body Parts के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसलिए इस लेख को शुरुआत से लेकर अंत तक आवश्य ही पढ़ें।

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महिला शरीर के अंगों का नाम | Female Body Parts Name in Hindi

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वैज्ञानिकों के बीच मानव शरीर हमेशा ही एक आश्चर्य का एक विषय रहा है और मानव अंगों के बारे में ज़्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन Female के जो महत्त्वपूर्ण Body Parts होते हैं उनके बारे में हम निम्नलिखित चर्चा करने जा रहे हैं।



भौहें (Eyebrows)

भौंहें महिलाओं और पुरुष, दोनों में ही होती हैं जोकि आँखों के ऊपरी भाग पर त्वचा द्वारा निर्मित मुख्यत बालों के रूप में होती हैं। लेकिन पुरुष और महिला की भौंहों में यह अंतर होता है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भौंहें मुलायम होती हैं और महिला की भौंहें पुरुष की भौंहों से थोड़ी छोटी होती हैं। 

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भौंहें हमारी आँखों की रक्षा करने में मददगार होती हैं और हमारी भावनाओं को व्यक्त करने में भी यह काफी काम में आती हैं। इसके अलावा भौंहें हमारे चेहरे को एक अलग पहचान प्रदान करती हैं। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि भौंहें मानव शरीर के लिए कितनी जरूरी हैं।

छाती (Chest)

छाती महिला के गले के थोड़ा नीचे की तरफ होती है जोकि शिशु के स्तनपान के लिए एक महत्त्वपूर्ण अंग है। छाती पर स्तन और निप्पल होते हैं जिनके द्वारा शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन की क्रिया के रूप में विकसित होते हैं। स्तन जो होते हैं वह वसायुक्त ग्लैंडुलर ऊतकों द्वारा बने होते हैं जो शिशु के दूध उत्पादन के लिए काफी जरुरी होते हैं।

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स्तनों में कई सूक्ष्म रक्त वाहिकायें, शिराएँ और नोड्स भी होते हैं जोकि इन्हें संचालित करने में काफी मददगार होती हैं। जब शिशु पैदा हो जाता है तो इसके पश्चात दोनों स्तनों का आकर कड़ा हो जाता है ताकि शिशु को दूध पीने के लिए आवश्यक दाब मिल सके।

कमर (Waist)

महिला शरीर का सबसे संकरा हिंसा कमर होती है जो पसली के नीचे और कूल्हों के ठीक ऊपर महसूस होती है। कमर द्वारा ही मानव शरीर को एक सही आकर मिलता है और सही तरीके से वह चल पाता है।

पर फैशन वर्ल्ड में जिस क्षेत्र को कमर कहा जाता है वह कमर के काफी नीचे होता है। यह क्षेत्र कपड़ों को हमारे शरीर पर टिकाने के लिए काफी मददगार होता है। बदकिस्मती से हमारे समाज में सबसे ज़्यादा यौन शोषण कमर का ही होता है इसलिए कई महिलाएं छोटी कमर रखने के दबाव में रहती हैं।

नाभि (Navel)

नाभि निचले धड़ के मध्य बिंदु पर स्थित पेट पर एक छोटा सा खरोज होती है जो भ्रूण के विकास के दौरान बनती है। यह तब होता है जब गर्भनाल भ्रूण से जुड़ जाती है। सभी की नाभि का आकार अलग अलग होता है लेकिन खानपान और व्यायाम के माध्यम से नाभि के आकार में बदलाव किया जा सकता है।

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पुराने पश्चिमी समय में नाभि को दिखाना अनैतिक या अश्लील माना जाता था लेकिन आजकल के समय में नाभि को दिखाने का फैशन सा शुरू हो गया है। बहुत सारी महिलाएं ऐसे कपडे पहनने लगी हैं जिसमें उनकी नाभि दिख रही होती है। हालांकि भारतीय महिलाओं के ऐसे कपडे पहले से ही फैशन में हैं जैसे कि लेहंगा और साडी।

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कूल्हा (Hip)

मादा कूल्हे एक जटिल संरचना होती है जोकि महिलाओं को चलने, उठने, बैठने और बच्चा पैदा करने में मदद करती है। यह एक बॉल-एंड-सॉकेट होता है जिसमें जांघ की हड्डी और श्रेणी शामिल होते हैं। कूल्हों की मासपेशियां फीमर और श्रोणि साथ जुडी होती हैं ताकि कूल्हे के जोड़ अच्छे से हिल सकें।

अक्सर लोग कहते हैं कि शादी के बाद महिलाओं के कूल्हों का आकर बढ़ जाता है। इसकी असली वजह शादी के बाद कुछ हार्मोन में बदलाव होने और अच्छे से खानपान ना होने की होती है। शादी के बाद भी अगर महिलाएं अपने खानपान को सही रखती हैं और अच्छे से व्यायाम करती हैं तो उनके कूल्हों का आकार सही रह सकता है।

योनि (Vagina)

यौनि एक लचीली और मांसपेशिया ट्यूब होती है जो महिलाओं के सबसे महत्त्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसकी भित्ति कोमल, लचीली और परतदार होती है। इसकी पतली परत की झिल्ली को हाईमन कहा जाता है और यह महिला के पेट के नीचे की तरफ होती है। बच्चा पैदा करने में यौनि बहुत ही मददगार होती है।

संभोग क्रिया के दौरान भी यौनि अति आवश्यक होती है क्योंकि संभोग के दौरान यह आवश्यक हार्मोन्स का उत्पादन करती है जिससे संभोग क्रिया भी आसान होती है और महिला को भी आनंद मिलता है। महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान भी यौनि शरीर से आवश्यक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करती है।

गर्भाशय (Womb)

मूत्राशय के ऊपर और नाशपाती के आकार का अंग गर्भाशय होता है जोकि भ्रूण के विकास के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण अंग होता है। यदि सरल शब्दों में हम कहें तो गर्भाशय को बच्चेदानी भी कहा जा सकता है। इसका जो ऊपरी भाग होता है वह अंडाशय से जुड़ा हुआ होता है जो अंडे को गर्भाशय तक लाने का काम करता है।

प्रजनन क्रिया के बाद जब शुक्राणु और अंडाणु का मेल तैयार हो जाता है तो इसका विकास गर्भाशय में होता है। असल में यह भ्रूण के विकास का प्राथमिक स्थान होता है जहां भ्रूण के विकास के लिए सभी महत्त्वपूर्ण दशाएं मौजूद रहती हैं।

अंडाशय (Ovary)

गर्भाशय के ऊपरी हिस्से में छोटे छोटे अंग अंडाशय होते हैं। शरीर में इसकी संख्या दो होती है जो शरीर के दाएं और बाएं तरफ स्थित होते हैं। इसका मुख्य कार्य अंडो का निर्माण करना होता है जोकि युग्मनज (शुक्राणु और अंडाणु का मेल) के लिए महत्त्वपूर्ण तत्व होते हैं।

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मुख्य रूप से अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करता है जोकि यौन क्रियाओं के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा अंडाशय द्वारा उत्पादित होने वाले हार्मोन महिलाओं के मासिक चक्र को नियमित करने के लिए भी काफी मददगार साबित होते हैं।

स्तन (मेमरी ग्लैंड)

शिशु को जनम देने के बाद महिलाओं में काफी सारे बदलाव आते हैं जैसे कि बच्चे को स्तनपान करवाना आदि। महिला का शरीर इसके लिए स्तनों में स्थित मेमोरी ग्लैंड को उपयोग में लाता है जिसकी सहायता से महिलाओं को बच्चे के स्तनपान से संबंधित आवश्यक जानकारी याद रखने में मदद मिलती है। 

महिलाओं के इस अंग में शिशु स्तनपान से संबंधित सभी सूचनाएं स्टोर हो जाती हैं। इसके अलावा महिलाओं को मातृत्व सम्बंधित अन्य चीजों में भी यह अंग काफी मदद करता है जोकि बाल विकास के लिए काफी आवश्यक होते हैं।

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जांघ (Thigh)

महिला शरीर की महत्त्वपूर्ण और जटिल संरचना जांघ होती है जोकि कूल्हे के नीचे स्थित होती है। इस हिस्से में मानव शरीर की सबसे बड़ी हड्डी फीमर पायी जाती है। शरीर का यह हिस्सा कूल्हे से सॉकेट और अन्य जटिल संरचनाओं द्वारा जुड़ा होता है जिससे शरीर को भार उठाने में मदद मिलती है।

आजकल फैशन के इस दौर में जांघों को महिला के शरीर का महत्त्वपूर्ण हिस्सा माना जाने लगा है क्योंकि जांघों से ही महिला का फिगर, खूबसूरती और उनकी अदा झलकती है।

लिंग के आधार पर मानव शरीर का विभाजन

मौलिक रूप से अगर देखा जाए तो सभी मानवों का शरीर एक जैसा ही होता है और सभी मनुष्यों का शरीर मान कोशिकाओं से बना होता है जिसमें श्वसन, पाचन, उत्सर्जन, ऊर्जा संग्रहण और ऊर्जा उपयोग की प्रक्रिया सामान्य रूप में होती है। लिंग के आधार पर मानव शरीर के लिंग को हम तीन श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं जोकि हैं:-

  • (Female)
  • (Male)
  • (ट्रांसजेण्डर)

अंतर की अगर हम बात करें तो यह अंतर असल में यौन अंगों के आधार पर होता है जोकि असल महिला और पुरुष के यौन संबंधों के लिए जरुरी भी होता है।  ट्रांसजेंडर लोगों का जनम भी महिलाओं द्वारा होता है लेकिन शारीरिक और जेनेटिक कारणों की वजह से इनके अच्छे से विकसित नहीं हो पाते जिससे प्रजनन करने में यह सक्षम नहीं होते। इसलिए इन्हें ट्रांसजेंडर की कैटेगरी में रखा जाता है।

महिला शरीर में पाए जाने वाले जरुरी हार्मोन

महिला के शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन होते हैं जोकि महिला शरीर के लिए काफी जरुरी होते हैं। इन हार्मोन्स की जानकारी कुछ इस प्रकार है:-

  • (Testosterone) – महिला के मासिक चक्र और यौन उत्तेजना को नियमित करने के लिए शरीर द्वारा इस हार्मोन का निर्माण होता है।
  • (Progesterone) – अंडाशय द्वारा अंडे के उताप्दन के लिए इस हार्मोन का निर्माण किया जाता है जोकि युग्मनज के लिए बहुत ही जरुरी है।
  • (Estrogen) – महिला शरीर में पाया जाने वाला सबसे प्रमुख हार्मोन एस्ट्रोजन है जो महिलाओं की यौन क्रियाओं को नियमित करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

कुदरत ने महिला का शरीर कुछ इस तरह बनाया है कि वह अपने शिशु का ख़याल भी अच्छे से रख सकती है और अपने साथी को भी आकर्षित कर लेती है। इस लेख में आपने महिला शरीर के अंगों की महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करली है। यदि इस लेख में बताई गई जानकारी आपको पसंद आती है तो इस लेख को अपने दोस्तों और जानने वालों के साथ जरूर सांझा करें ताकि उन्हें भी यह रोचक और यूज़फुल जानकारी मिल सके।

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