नेफ्रोलॉजी (Nephrology) क्या होता है ?



जैसा कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही जागरूक हो रहे हैं | अतः इसे एक अच्छी बात मानी जाएगी क्योंकि इसी की वजह से लोग खुद का ध्यान रख रहे हैं और बेहतर जीवन की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहे है।

यूं तो स्वास्थ्य संबंधी प्रत्येक जानकारी होना सभी के लिए संभव नहीं है, फिर भी स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ विषयों की जानकारी होना जरूरी है जिसके माध्यम से हम अपने अंतर क्रियाओं को समझ सकें | ऐसे में आज हम आपको नेफ्रोलॉजी (Nephrology ) से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी देंगे,  जो  निश्चित रूप से ही आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं |

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नेफ्रोलॉजी (Nephrology ) क्या है?

दरअसल नेफ्रोलॉजी (Nephrology ) एक ग्रीक भाषा का शब्द माना गया है जिसमें ‘’नेफ्रोस’’ और ‘’लॉजी’’ हां ठीक है शब्द का इस्तेमाल होता है |  जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ किडनी का अध्ययन होता है। नेफ्रोलॉजी विज्ञान की एक शाखा है जिसके माध्यम से आप अपनी किडनी या गुर्दे से संबंधित बीमारियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं या फिर किसी प्रकार की कमी को भी आप सही तरीके से समझ सकते हैं।

कभी किसी कारणवश किडनी के आकार में भी समस्या खड़ी होती है, जिसका अध्ययन नेफ्रोलॉजी  के माध्यम से किया जा सकता है | ऐसे में अगर किडनी अथवा गुर्दे में किसी भी प्रकार की समस्या आ जाती है तो फिर नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) के माध्यम से उस समस्या को दूर किया जा सकता है।

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) कौन होते हैं?

दरअसल नेफ्रोलॉजिस्ट एक ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टर के रूप में जाने जाते हैं जो निश्चित रूप से ही मानव किडनी से संबंधित बीमारियों के बारे में संपूर्ण जानकारी रखते हैं और ऐसे में इन्हें  एक्सपर्ट माना जाता है |

यह हमेशा किडनी की बीमारी, उच्च रक्तचाप, गुर्दे की विफलता, किडनी में स्टोन जैसे समस्या के बारे में गहनता से अध्ययन करते हैं और उसके बाद इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष रूप से अपने कार्य की शुरुआत करते हैं |

किडनी रोग का प्रकार

किडनी  रोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, जिनके लिए हमें नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) की आवश्यकता होती है ताकि सही तरीके से उन  रोग  को जांच परख करते हुए आगे  का इलाज किया जा सके |

  • एक्यूट संक्रमण — यह एक ऐसा संक्रमण होता है, जो किडनी को काफी हद तक नुकसान पहुंचा देता है और जिसके लिए कई प्रकार की दवाइयों का सहारा लिया जाता है | अगर किसी प्रकार से दवाइयों से भी फायदा नहीं होता है, ऐसे में नेफ्रोलॉजिस्ट डायलिसिस से इलाज करना बेहतर समझते हैं |
  • क्रॉनिक किडनी डिजीज — यह  एक ऐसी बीमारी है, जो धीमी गति से होती है और जिस में किडनी का साइज अपने आप ही कम होने लगता है | ऐसी स्थिति में नेफ्रोलॉजिस्ट के द्वारा ही सही तरीके से इलाज किया जा सकता है।

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) कैसे बने?

अगर आप भी किडनी से संबंधित जानकारियां हासिल करते हुए इसी में ही अपने भविष्य को सवारना चाहते हैं तो आप  भी नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) बन सकते हैं | इसके लिए आपको कड़ी मेहनत की आवश्यकता होगी साथ ही साथ आपको इन  के माध्यम से आगे बढ़ना होगा |

  • नेफ्रोलॉजिस्ट बनने के लिए सबसे पहले आपको बारहवीं कक्षा  में विज्ञान विषय लेना होगा और फिर 12वीं होने के बाद एमबीबीएस की डिग्री पूरी करनी होगी |
  •  जब आपका एमबीबीएस पूरा हो जाता है उसके बाद 3 वर्ष का स्नातकोत्तर प्रशिक्षण इंटरनल मेडिसिन या फिर पेडिट्रिक्स में  करना होगा |
  •  इसके बाद आपको नेफ्रोलॉजी से संबंधित 2 से 3 साल का कार्यक्रम डीएम  या डीएनबी पूरा करना होगा |
  •  इसके बाद आपको नेफ्रोलॉजिस्ट के प्रमाण परीक्षा पास करना होगी जिसके बाद आप एक विशेषज्ञ के रूप में अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं |

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) द्वारा किए गए इन  बीमारियों का इलाज

सामान्य रूप से नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) किडनी संबंधित रोगों को दूर करने का कार्य करते हैं | ऐसे में अगर कोई किडनी संबंधित दूसरी समस्या भी हो तो नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) इन समस्याओं का निवारण करते हैं | इनमें से कुछ मुख्य बीमारियां इस प्रकार से हैं |

  1. किडनी में होने वाला कोई खतरनाक संक्रमण |
  2.  पेशाब में बार-बार प्रोटीन आना |
  3.  यूरिन के रास्ते में संक्रमण हो जाना |
  4.  पॉलीसिस्टिक किडनी रोग होना |
  5.  नेफ्रोटिक सिंड्रोम होना |
  6.  उच्च रक्तचाप का भी इलाज करना |
  7.  इलेक्ट्रोलाइट और एसिड बेस पदार्थों में गड़बड़ होना |
  8. एक किडनी वाले लोगों का सफलतापूर्वक इलाज करना |
  9.  किडनी की विफलता का इलाज करना |
  10.  किडनी में आने वाली सूजन का इलाज करना |

किसी नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist )  द्वारा की जाने वाली इलाज की प्रक्रिया

जब भी हम किसी रोग को लेकर नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) के पास जाते हैं तो उनके द्वारा इलाज की कई सारी प्रक्रियाएं की जाती हैं जिनके माध्यम से सफलता की गारंटी ली जा सकती है और यह इलाज कई चरणों में पूर्ण होता है जिसके माध्यम से धीरे-धीरे करके ही इलाज को आगे बढ़ाया जाता है |

इसके माध्यम से  डायलिसिस जैसी क्रियाओं को पूर्ण  किया जाता है, साथ ही साथ अगर जरूरत पड़े तो किडनी का बायोप्सी भी कराया जाता है |  इसके अलावा अगर कुछ ज्यादा ही किडनी में समस्या आ पड़ी हो तो किडनी का प्रत्यारोपण भी किया जाता है लेकिन यह प्रक्रिया मुश्किल प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति से किडनी को निकाल कर दूसरी किडनी को लगाया जाता है | इस तरह से नेफ्रोलॉजिस्ट अपने इलाज को कई चरणों में पूर्ण होता है |

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नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) के माध्यम से रोजगार की संभावनाएं

अगर आपने भी नेफ्रोलॉजिस्ट का कोर्स कर लिया हो, तो ऐसी स्थिति में आपके सामने कुछ रोजगार की संभावनाएं खुलते हैं जिनके माध्यम से आप निरंतर रूप से आगे बढ़ सकते हैं |

  1. इसके लिए आप किसी भी सरकारी अस्पताल में किडनी संबंधी चिकित्सा केंद्र में काम कर सकते हैं |
  2.  लगभग सभी अस्पतालों में नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट से एक स्पेशलिस्ट की आवश्यकता होती है जिसमें आप भी सारे डिग्रियों को हासिल करते हुए अप्लाई कर सकते हैं |
  3.  अगर आपके पास नेफ्रोलॉजिस्ट का अनुभव है, तो आप ऐसी स्थिति में खुद के लिए क्लीनिक खोल सकते हैं जिसमें लोगों का उचित मार्गदर्शन किया जा सके |
  4.  इसके अलावा अगर आप चाहें तो दूसरे किसी मेडिकल स्कूल या कॉलेज में जाकर भी शिक्षण कार्य कर सकते हैं जिससे  आप दूसरों को मार्गदर्शन देते हुए उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर सकें |

कुछ विशेष लक्षण जो किडनी लिए भी हो सकते हैं घातक

कुछ विशेष लक्षण होते हैं जिनके माध्यम से हम किडनी के रोगों  को पहचान सकते हैं और फिर उन्हें पीछे करते हुए आगे बढ़ सकते हैं लेकिन उससे पहले हमें खुद पर ध्यान देना आवश्यक माना गया है।

  1. हाथ पैर में सूजन होना — अगर आपके हाथ और पैरों में  सूजन आ रही हो  तो यह सोचने वाली बात हो सकती है क्योंकि कहीं ना कहीं इनका सीधा संबंध किडनी से होता है | ऐसे में अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हो, तो निश्चित रूप से ही आपको किसी अच्छे नेफ्रोलॉजिस्ट से मिलना होगा |
  2. शरीर में खुजली होना— हमारे शरीर में होने वाली खराबी को किडनी अपने माध्यम से दूर करती है लेकिन अगर किडनी में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो, तो ऐसे में शरीर में लगातार खुजली होने लगती है। खुजली की वजह से ही कई दूसरे रोग  होने लगते हैं, जो कहीं ना कहीं हमारे लिए घातक हो सकते हैं |
  3. सोचने की शक्ति कम होना— कई बार हमारे सोचने समझने की शक्ति कम होने लगती है ऐसी स्थिति में हमें यह समझ नहीं आता कि यह समस्या क्यों खड़ी हो रही है? ऐसे में हम आपको बताते हैं कि सोचने की शक्ति कम होना भी किडनी के रोगों का कारण लक्षण हो सकता है | ऐसे में आपको ध्यान रखना आवश्यक है |
  4. बार-बार कमजोरी या चक्कर की शिकायत होना— कई बार ऐसा होता है कि बार-बार हमें चक्कर और  कमजोरी की शिकायत होने लगती है और ऐसी स्थिति में सही तरीके से दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और फिर किडनी भी कार्य करना बंद करने लगती है। ऐसे में इस लक्षण को समझते हुए नेफ्रोलॉजिस्ट को दिखाना सही सलाह मानी जाएगी |
  5. यूरिन के रंग में परिवर्तन होना— अगर कभी यूरिन के रंग में अचानक परिवर्तन होने लगे इसका मतलब यह है कि किडनी संबंधित समस्या शुरू हो रही है | ऐसे में  बेहतर यही होगा कि आप किसी अच्छे एक्सपर्ट की सलाह ले  ले |
  6. ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाना— अगर आपका ब्लड प्रेशर पिछले कुछ दिनों से सही था लेकिन अचानक ही इसमें बढ़ोतरी हो रही है तो यह भी एक लक्षण किडनी संबंधित रोग का हो सकता है | ऐसे में आपको ध्यान रखना होगा और निश्चित रूप से आप को प्रति महीने अपनी जांच करवाना होगा |

नेफ्रोलॉजिस्ट बनने  के लिए भारत के कुछ प्रमुख कॉलेज

अगर आप  नेफ्रोलॉजिस्ट  भारत के किसी अच्छे कॉलेज से करना चाहते हैं, तो  हम  इसमें आपकी मदद कर सकते हैं |

  1. श्री वेंकटेश्वर चिकित्सा विज्ञान संस्थान, तिरुपति |
  2.  किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई |
  3.   AIIMS, नई दिल्ली |
  4.  नेफ्रो यूरोलॉजी संस्थान, बेंगलुरु |
  5.  सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर |
  6.  श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, इंदौर |
  7.   सेठ गोरधनदास सुंदरदास मेडिकल कॉलेज, मुंबई |

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) बनने के बाद मिलने वाली सैलरी

अगर आपने किसी अच्छे संस्थान से अपनी डिग्री हासिल की है तो उसके बाद आप किसी प्राइवेट अस्पताल में काम करते हुए महीने का 1,00000 से लेकर ₹200000 प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप सरकारी अस्पताल में काम करते हैं तो आपको ₹60000 से लेकर ₹90000 प्रति माह की सैलरी मिल सकती है। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में काम करने पर पेंशन, मुक्त आवास और अन्य भत्ते  भी  दिए जाते हैं। ऐसे में अगर आपका अनुभव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, तो बाद में आपकी सैलरी और भी ज्यादा हो सकती है |

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist ) का विशेष कौशल

सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि अगर आप किसी  नेफ्रोलॉजिस्ट  के पास जाते हैं, ऐसे में अपने रोगियों को सही ढंग से समझ पाने का विशेष कौशल  आपके  पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा अपने काम के प्रति ईमानदारी, दृढ़ संकल्प होना भी विशेष कौशल के अंतर्गत आता है | कई बार कुछ मरीज ऐसे होते हैं जिनके पास धैर्य की कमी होती है | ऐसे में  धैर्य  के साथ अपनी बात को समझाना भी बहुत ही जरूरी माना जाता है |  इन सभी विशेष कौशल के माध्यम से एक उच्च कोटि का नेफ्रोलॉजिस्ट बना जा सकता है और रोगियों की मदद की जा सकती है |

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