डिग्री, मेडिकल, इंजीनियरिंग, इंटर कॉलेज कैसे खोले



किसी भी व्यक्ति के विकास में शिक्षा का अहम् योगदान होता है, यही कारण है कि हमारे देश में शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है अर्थात सर्वोपरि माना जाता है | भारत में बच्चे जन्म के दो से तीन वर्ष के बीच ही उन्हें विद्यारम्भ करनें के लिए स्कूल भेजना शुरू कर दिया जाता है, ताकि उनका भविष्य उज्जवल बन सके | सभी माता –पिता हर संभव प्रयास करते है कि उनका बच्चा एक अच्छे स्कूल में पढ़े, परन्तु जब माता पिता सरकारी स्कूलों को अपनी अपेक्षाओं के आधार पर उन्हें तौलते है तो वह सरकारी स्कूलों को अपेक्षाओं पर खरा उतरा नहीं पाते है |

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यही कारण है कि अधिकांश अभिभावक सरकारी स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट या निजी विद्यालयों का रुख करते है | वर्तमान समय में हमारे आस-पास प्रतिवर्ष नए-नए शिक्षण संस्थान खुलते है, जिनमें डिग्री कालेज, इंटर कालेज मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि शामिल है | ऐसे में यदि आप भी डिग्री, मेडिकल, इंजीनियरिंग, इंटर कॉलेज खोलना चाहते है, तो इसके बारें में आपको पूरी जानकारी होना आवश्यक है | हालाँकि इस तरह के शिक्षण संस्थान खोंलनें का मतलब सिर्फ लाभ अर्जित करना नहीं होता, बल्कि व्यक्ति के अन्दर समाजसेवा का भाव होना भी जरूरी है | तो आईये जानते है डिग्री, मेडिकल, इंजीनियरिंग, इंटर कॉलेज कैसे खोले, इसके लिए मान्यता प्रक्रिया और नियमों के बारें में पूरी जानकारी |

प्राइवेट कॉलेज या महाविद्यालय खोलनें से सम्बंधित जानकारी 

भारत के किसी भी राज्य में प्राइवेट कॉलेज B.A /B.Sc / B.COM /M.A ./M.Sc. /M.COM  खोलना चाहते है, तो लगभग सभी राज्यों के लिए नियम एक जैसे ही है सिर्फ डिपार्टमेंट और स्टेट ही बदलता है | यदि आप उत्तर प्रदेश में इंटर कालेज या डिग्री कालेज खोलना चाहते है तो इंटर कालेज के लिए मान्यता उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत शिक्षा विभाग  द्वारा दी जाती है | किसी भी प्रकार का महाविद्यालय खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त की होती है | इसके लिए कुछ निर्धारित मापदंड होते है, जिनको पूरा करनें के बाद ही हमें कॉलेज की मान्यता प्राप्त होती है |

वर्तमान समय में महाविद्यालय की मान्यता के लिए ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण अर्थात  रजिस्ट्रेशन कराना होता है, साथ ही शिक्षा विभाग के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के लिए आवेदन करना होता है | शिक्षा विभाग द्वारा पहले अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तथा आगामी 5 वर्ष के बाद स्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है | शिक्षा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद हम अपने क्षेत्र की यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता के लिय आवेदन करना पड़ता है | 



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कॉलेज या महाविद्यालय की मान्यता हेतु आवश्यक दस्तावेज 

नया कालेज या महाविद्यालय की मान्यता के लिए नियमानुसार कुछ डाक्यूमेंट्स तैयार करना पड़ता है | मान्यता से लेने से पहले हमें सोसाइटी का गठन करना होता है, जिसका रजिस्ट्रेशन भी SSO ID के माध्यम से ऑनलाइन करना होता है |  यदि आपने पहले से ही समिति या सोसाइटी बना रखी है तो दुबारा बनाने की आवश्यकता नहीं है, यदि आपका पहले से कोई स्कूल संचालित है तो आप उसी सोसाइटी से कॉलेज की मान्यता ले सकते हो लेकिन कॉलेज की मान्यता लेने के लिए सोसाइटी के लिय कुछ अन्य नियम है, जो इस प्रकार है- 

  • सोसाइटी का गठन अधिनियम 1958,1959, 1992, 2013 के अनुसार होना चाहिए | 
  • सोसाइटी या समिति में कम से कम 2 सदस्य शिक्षा विज्ञान होना अनिवार्य है |
  • सोसाइटी में कम से कम 21 सदस्य होने चाहिए,  जिसमे 30% महिला सदस्यों का होना अनिवार्य है |
  • सोसाइटी से सभी सदस्य एक समुदाय अर्थात जाति से नहीं होंनें चाहिए | 

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कालेज या महाविद्यालय का नाम रखनें से सम्बंधित जानकारी   

किसी कालेज या महाविद्यालय की मान्यता हेतु आवेदन करनें से पहले आपको अपने कॉलेज का नाम रखना होता है, इसके लिए भी कुछ नियम है जो इस प्रकार है-

  • कालेज या महाविद्यालय के नाम रखनें में इस बात का ध्यान रखना होता है, कि आपने जिस नाम का निर्धारण किया है वह नाम क्षेत्र में मिलता जुलता न हो |
  • कालेज या महाविद्यालय के नाम से पहले या बाद में India, National, International आदि नाम नही होना चाहिए |
  • कन्या महविद्यालय से पहले कन्या शब्द लगाया जा सकता है |

अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु नियम 

  • नए कॉलेज खोलने के लिए 5 बीघा जमीन तथा खेल मैदान और अन्य गतिविधियों के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन होनी चाहिए |
  • विद्यार्थियों के सुविधायें जैसे- टोलेट्स (500 छात्रों हेतु 10), शिक्षक स्टाफ (50 छात्रों पर एक शिक्षक) के अनुसार | 
  • विधार्थियों के लिय निर्धारित क्लास रूम– 20×30 फिट, 1 ऑफिस (15 X 20), प्रधानाध्यापक ऑफिस हेतु (12*12) , पुस्तकालय , वाचनालय , सभा भवन , भंडार कक्ष होना आवश्यक है |
  • बैंक में कम से कम 1 लाख की राशि प्रूफ के साथ जमा करना अनिवार्य है |
  • प्रत्येक कक्षा की फीस चार्ट |
  • स्टाफ का पूरा विवरण जैसे नाम , फ़ोटो, योग्यता , आधार नंबर आदि | 
  • समिति का प्रस्ताव महाविद्यालय प्रारम्भ करने के लिए |
  • भूमि का पट्टा , जमबा बंदी , नक्शा , भूमि रुपान्तरण आदेश ,शुल्क व शपथ पत्र सहित (परिशिष्ट -1)
  • स्वयं भूमि पर प्रस्तावित भवन निर्माण का ब्लू प्रिंट |
  • आवेदन शुल्क रसीद |
  • जिस भवन में विद्यालय का संचालन किया जाना है, उस भवन की 5 फ़ोटो |

अस्थाई प्रमाण पत्र मिलने पर आवश्यक कार्यवाही 

  • अस्थाई प्रमाण पत्र मिलने पर शिक्षण संस्थान द्वारा सांख्यिकी पुस्तिका व महाविद्यालय विवरणिका को नियमानुसार भेजनी होगी |
  • अस्थाई अनापति प्रमाण पत्र मिलें के बाद क्षेत्र के महाविद्यालय या यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता के लिए आवेदन करना होगा |
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट aishe.nic.in पर रजिस्टर करना होगा |
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद DCF फाइल को विभागीय पत्र डाक के साथ ई मेल पर भी भेजना होगा |

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NOC प्राप्त करनें हेतु आवेदन शुल्क 

नए  विद्यालय या महाविद्यालय की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्राप्त करनें के लिए हमें शिक्षा विभाग को आवेदन शुल्क जमा करना होता है | यह आवेदन शुल्क इस प्रकार है-

सहशिक्षा महाविद्यालय

65 हजार रु

आरक्षित व पिछड़े क्षेत्र

20 हजार रु

NOC में अभिवृद्धि

30 हजार रु

स्थान परिवर्तन या नाम में संशोधन हेतु 

25 हजार रु

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कॉलेज या यूनिवर्सिटी की स्थाई मान्यता हेतु 

कॉलेज या यूनिवर्सिटी की स्थाई मान्यता के लिए तभी आवेदन कर सकते है, जब हमारे शिक्षण संस्थान की मान्यता से 5 वर्ष पूरे कर लिए हो अर्थात पांच वर्ष पूरे होनें के बाद ही स्थायी मान्यता के लिए आवेदन कर सकते है |  

मेडिकल कालेज खोलनें से सम्बंधित जानकारी 

मेडिकल का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत होनें के साथ ही बहुत ही अहम् है | हमारे देश के अधिकांश छात्र इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है, परन्तु देश में कालेजो की संख्या कम होनें के कारण सभी छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनानें का अवसर नहीं मिल पाता है | हाल ही केंद्र सरकार नें देश में वर्ष 2021 तक नए 75 कालेज खोलनें की घोषणा की है, जिस पर योजना के अनुरूप कार्य जारी है | हालाँकि देश में प्राइवेट कालेज भी खोले जा रहे है, परन्तु उनके अनुरूप शुल्क का वहन करना प्रत्येक छात्र के लिए संभव नहीं है | ऐसे में यदि आप भी मेडिकल कालेज खोलकर देश को मेडिकल के क्षेत्र में अग्रणी बनाना चाहते है तो इसके बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है |

मान्यता से सम्बंधित जानकारी 

किसी भी प्रकार का शिक्षण संस्थान खोलनें के लिए सरकार द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार निर्धारित विभाग से मान्यता प्राप्त करनी होती है | जैसे की मेडिकल कॉलेज खोलनें के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से मान्यता प्राप्त करनी होती है | हालाँकि देश में अधिकांश मेडिकल कालेज जैसे शिक्षण संस्थान उच्च कोटि के डाक्टरों द्वारा खोले जाते है, क्योंकि मेडिकल कालेज खोलनें के लिए मेडिकल से सम्बंधित अनेक प्रकार की जानकारी होना भी आवश्यक है |   

डेंटल कॉलेज की मान्यता हेतु  

चूँकि मेडिकल का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है, एमबीबीएस के अलावा बहुत से छात्र डेंटल सर्जरी में बैचलर (बीडीएस) और मास्टर (एमडीएस) डिग्री करते हैं। डेंटिस्ट्री से संबंधित कोर्स और कॉलेज को मान्यता डेंटल कॉलेज ऑफ इंडिया (डीसीआई) द्वारा प्रदान की जाती है | यदि आप डेंटल कॉलेज की मान्यता से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए डेंटल कॉलेज ऑफ इंडिया की वेबसाइट https://dciindia.gov.in/ से प्राप्त कर सकते है |

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होम्योपैथी कालेज की मान्यता हेतु  

होम्योपैथी से संबंधित कालेज खोलनें के लिए सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (सीसीएच) द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है | इसके अंतर्गत आप बीएचएमएस या होम्योपैथी से संबंधित कोई अन्य डिग्री कालेज का संचालन कर सकते है | होम्योपैथी कालेज खोलनें के लिए भी मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है | यदि आप होम्योपैथी कालेज खोलनें और मान्यता प्राप्त करनें हेतु विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (सीसीएच) की वेबसाइट www.cchindia.com/colleges.htm से प्राप्त कर सकते है |

फार्मेसी से संबंधित कॉलेज खोलनें हेतु 

फार्मेसी से संबंधित कॉलेज खोलनें के लिए मान्यता फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (एफसीआई) द्वारा प्रदान की जाती है | इसके अंतर्गत बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा), मास्टर ऑफ फार्मेसी(एम.फार्मा) जैसे फार्मा से जुड़े कोर्स हेतु कालेज खोल सकते है | इस प्रकार के मेडिकल शिक्षण संस्थान की मान्यता प्राप्त करनें तथा इससे सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करनें के लिए हेतु फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट www.pci.nic.in से प्राप्त कर सकते है |    

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इंजीनियरिंग कालेज खोलनें हेतु जानकारी 

देश में किसी भी प्रकार का इंजीनियरिंग अर्थात टेक्निकल कालेज खोलनें हेतु ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है | ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) देश में तकनीकी संस्थानों को खोलने, नए पाठय़क्रम चलाने और मान्यता देने का कार्य करती है | एआईसीटीई भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत कार्य करता है, साथ ही यह ऐसे कालेजो को स्वीकृति प्रदान करता है जो विश्वविद्यालय से सम्बद्ध  इंजीनियरिंग और प्रबंधन डिग्री प्रोग्राम चलाते है | भारत में प्रबंधन शिक्षा और तकनिकी शिक्षा को प्रबंधन करनें की जिम्मेदारी एआईसीटीई को दी गयी है, जो भारतीय संस्थानों में विशिष्ट श्रेणियों के अंतर्गत मान्यता प्रदान करता है | देश में तकनीकी संस्थानों को खोलने के लिए तथा मान्यता प्राप्त करनें से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करनें के लिए  ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की वेबसाइट www.aicte-india.org से प्राप्त कर सकते है |

यहाँ आपको डिग्री, मेडिकल, इंजीनियरिंग, इंटर कॉलेज कैसे खोले इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई गई है | यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करके अपना सुझाव प्रकट करे | आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |

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