शिक्षामित्र की नौकरी एक सरकारी नौकरी नहीं होती हैं, फिर भी जिसे प्राप्त करने के लिए पहले तो आसान था लेकिन वर्तमान समय में इस नौकरी को प्राप्त करने के लिए कई परीक्षाओं में शामिल होना होता है जिसके बाद आवेदनकर्ता इस नौकरी को प्राप्त करने में सफल हो पाते है | शिक्षक की इस भर्ती में प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिये शिक्षामित्रों की भर्ती की जाने लगी | शिक्षामित्र के अध्यापकों को उप-शिक्षक (Para-teachers ) कहा जाता है लेकिन इनकी सैलरी पूर्ण शिक्षकों के बराबर नहीं होती है और इसके साथ ही इनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर सत्रवार की जाती है। पूर्ण सरकारी अध्यापकों की सैलरी शिक्षामित्रों से कई गुना अधिक होती है लेकिन शिक्षामित्रों की नौकरी भी सरकारी नौकरी कही जाती है | इसलिए यदि आप भी शिक्षामित्र के बारे में जानना चाहते है, तो यहाँ आपको शिक्षामित्र क्या है, शिक्षामित्र कैसे बने, योग्यता, वेतन और नई खबर की जानकारी प्रदान की जा रही है |

शिक्षामित्र
पहले अधिकतर विद्यालयों में अध्यापको बहुत अधिक कमी रहती थी, जिससे बच्चों को अच्छे से शिक्षा नहीं प्राप्त हो पा रही थी, इसके बाद 2001 में इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को सार्वभौमिक बनाने के लिए 65 % तथा राज्य के 35% के सहायोग से प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षको की कमी दूर करने के लिए योजना बनाई | इस योजना को केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के साथ कई प्रदेश में लागू कर दी | इसके बाद सरकार के सहयोगियों ने संविदा पर शिक्षको को रखने की योजना की शुरुवात कर दी | इसके साथ ही इसमें प्रस्ताव रखा गया की, जिस गाँव में सरकारी विद्यालय होंगे, तो उसी गाँव के शिक्षित युवक या युवती को वहां शिक्षा देने के लिए नियुक्त किया जाएगा लेकिन नियुक्त किये जाने वाले संविदा शिक्षको को नियुक्त के पहले एक माह के आवासीय प्रशिक्षण के लिए सम्बंधित जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान से प्रकाशित किये जाने का प्रावधान रखा गया है और इसके साथ ही इन्हे शिक्षा मित्र का नाम दे दिया गया।
एग्जाम और क्लास में टॉपर कैसे बनें
शिक्षामित्र कैसे बने
शिक्षामित्र की नौकरी प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता को अब टीईटी में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य हो गया है | जब तक अभ्यर्थी टीईटी की परीक्षा में सफल नहीं हो जाते हैं, तब तक वो शिक्षामित्र की नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते है | इसलिए इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को कड़ी से कड़ी मेहनत करनी होती है | इसके बाद जो अभ्यर्थी शिक्षामित्र के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होंगे उन्हें 25 फीसद अंक प्राप्त करने अनिवार्य रहेंगे | इसके साथ ही अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के 60 फीसदी अंकों वाले पोर्शन में भी अच्छी मेरिट बनानी आवश्यक है क्योंकि, लिखित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर लेने अभ्यर्थी के प्राप्तांक का 60 फीसदी और अधिकतम 40 अंक के शैक्षिक गुणांक से अच्छी रैंक बनाकर अभ्यर्थी सफलता प्राप्त कर सकते है |
शिक्षामित्र बनने के लिए योग्यता
शिक्षामित्र का पद प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को बारहवीं के बाद बीएड, या बीटीसी करना अनिवार्य है, इसके साथ ही इन दोनों में सफलता प्राप्त कर लेने वाले अभ्यर्थियों को टीईटी की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करनी अनिवार्य हो गई क्योकि, अब जब तक टीईटी की परीक्षा में सफलता नहीं प्राप्त कर लेते है, तब तक शिक्षामित्र की लिखित परीक्षा में नहीं बैठ सकते है |
योगा टीचर (YOGA TEACHER) कैसे बनें
40 अंक के शैक्षिक गुणांक
5.40 अंक के शैक्षिक गुणांक तय करने के लिए अभ्यर्थियों के दसवीं, बारहवी, ग्रेजुएशन और बीटीसी में प्राप्त अंकों के 10 फीसदी अंक शिक्षामित्र की भर्ती के लिए जोड़े जाते है | इसके अलावा जो अभ्यर्थी इस पद के लिए दो बार परीक्षा में शामिल हो चुके हैं, लेकिन सफलता प्राप्त करने में कामयाब नहीं पाए हैं, तो इसके बाद वो अभ्यर्थी फिर से इस पद के लिए अप्लाई नहीं कर सकते है |
शिक्षामित्र का वेतन
पहले शिक्षामित्रों को बहुत कम वेतन दिया जाता है, इन्हे पहले प्रति माह 2250 रुपए वेतन की शुरुआत की गई थी, लेकिन इसके बाद 2006 में राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों की सेवाओ से प्रभावित होकर इनकी सैलरी में इजाफा करके 3500 प्रतिमाह कर दी | वहीं अब, वर्तमान समय में एक शिक्षामित्र को 10,000 प्रतिमाह वेतन प्रदान किया जाता हैं |
कॉलेज प्रोफेसर (COLLEGE PROFESSOR) कैसे बनें
यहाँ पर हमने आपको शिक्षामित्र से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | इसके साथ ही आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.hindiraj.com पर विजिट करे |
सुबह जल्दी कैसे उठे और पढ़ाई कैसे करें