राजद्रोह कानून (Sedition Law) क्या है



देश में किये जाने वाले अपराधो को रोकने के लिये सरकार द्वारा अनेको नए कनूनो को संसद में पास कराया जाता रहा है । देश में लागू किये जाने वाले यह सभी ऐसे कानून होते है, जिनमे अपराध करने वाले अपराधी को सख्त से सख्त सजा सुनाई जाती है । इसी तरह राजद्रोह भी एक कानून है, जो नागरिक इस कानून को तोडने की कोशिश करता है, उसे इस कानून के तहत  कुछ साल या फिर उम्रकैद की सजा हो सकती है, लेकिन इसके बाद आज भी लोग इस कानून के अंतर्गत अपराध कर रहे है |

इसी तरह देशद्रोह भी एक कानून है, जिसमे लोगो को कुछ साल या उम्रकैद की सजा सुनाने का प्रावधान है | इसलिये यदि आपको राजद्रोह कानून (Sedition Law),  इतिहास, राजद्रोह और देशद्रोह में क्या अंतर है ? इस बारे में जानकारी प्राप्त करनी है, तो यहाँ पर आपको इस बारे पूरी जानकारी दी जा रही है |

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राजद्रोह कानून का क्या मतलब होता है ?  

राजद्रोह कानून इसे अंग्रेजी में “Sedition Law” कहते है यह  एक प्रकार का सख्त कानून माना जाता है, इस कानून के अंतर्गत अपराध करने वाले अपराधी पर भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC) की “धारा 124 ए” लगाई जाती है | इस कानून के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने का प्रयास करता है और साथ ही मे संविधान को नीचा दिखाता है, या फिर देश विरोधी नारेबाजी करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए में राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने का प्रावधान रखा गया है।

इसके साथ ही इस कानून में  अगर कोई शख्स देश विरोधी संगठन के खिलाफ अनजाने में भी संबंध रखता है या किसी भी प्रकार से सहयोग करता है, तो उसे भी इस राजद्रोह कानून में शामिल किया जाता है |

देशद्रोह कानून क्या है ? 

देशद्रोह भी राजद्रोह की तरह एक कानून है, जो वर्तमान समय में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A (देशद्रोह), 153A और 505 के प्रावधानों के दायरे के अंतर्गत आता है | आइयें जानते है ये धाराएँ कौन सी है, इसके नियम क्या है:-  

IPC की धारा 153A

IPC की धारा 153A के अंतर्गत,  जो व्यक्ति धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का प्रयास करते है या सद्भाव बनाए रखने के विरुद्ध कार्य करते  है, तो ऐसे व्यक्तियो को इस धारा के मुताबिक, दंडित किया जाता है । 

IPC की धारा 505

IPC की धारा 505 के अंतर्गत, विभिन्न समूहों के बीच द्वेष या घृणा उत्पन्न करने वाले व्यक्ति आते है | इस तरह के व्यक्तियों पर इसके तहत कार्यवाही की जाती है |

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राजद्रोह कानून (Sedition Law) के लिए सजा के प्रावधान


राजद्रोह एक गैर जमानती अपराध माना जाता है, जो व्यक्ति राजद्रोह करता हुआ पाया जाता है, उस आरोपी व्यक्ति को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई जाती है। इसके साथ- साथ उस आरोपी को  जुर्माना भी भरना पड सकता है । इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति एक बार इस कानून के अंतर्गत आ जाता है, तो वह  व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता और उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया जाता है |

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देशद्रोह कानून के लिये सजा का प्रावधान

देशद्रोह भी राजद्रोह की तरह एक सख्त कानून होता है, इसके अंतर्गत अपराध करने वाले व्यक्ति को तीन वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा दी जा सकती है और साथ ही ज़ुर्माना भी भरना पड सकता है | इसके अलावा देशद्रोह में अपराध करने वाला व्यक्ति किसी भी प्रकार की कोई भी सरकारी नौकरी नही कर सकता है, इसके साथ उस व्यक्ति का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया जाता है, और आवश्यकता पड़ने पर उसे न्यायालय में उपस्थित होना होता है |

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देश में राजद्रोह के मामले


राजद्रोह एक ऐसा कानून है, जो प्रमुख रूप से समाज में शांति और कानून- व्यवस्था को बनाये रखता है। वही 2010 में राजद्रोह के 10 मामले सामने आये थे, और 2020 में राजद्रोह के 70 से अधिक मामले  दर्ज किये गये थे, जिनमे से 67 पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज  किये गये  है । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों में साल 2019 के दौरान राजद्रोह के 93 मामले  सामने आये थे, जिनमें से 96 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी |

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सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ की सलाह 

अभी कुछ समय पश्चात ही मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ जानकारी देते हुए बताया गया है कि, यह महात्मा गांधी, तिलक को चुप कराने के लिए अंग्रेजों की ओर से इस्तेमाल किया गया एक औपनिवेशिक कानून है। फिर भी, आजादी के 75 साल बाद भी क्या यह जरूरी है? इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘यह ऐसा है, जैसे आप बढ़ई को आरी देते हैं, वह पूरे जंगल को काट देगा।

यह इस कानून का प्रभाव है।’इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी है कि, एक गांव में भी पुलिस अधिकारी राजद्रोह कानून लागू कर सकते हैं, और इन सभी मुद्दों की जांच की जानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘मेरी चिंता कानून के दुरुपयोग को लेकर है। क्रियान्वयन एजेंसियों की कोई जवाबदेही नहीं है। मैं इस पर गौर करूंगा। सरकार पहले ही कई बासी कानूनों को निकाल चुकी है, मुझे नहीं पता कि वह इस कानून को क्यों नहीं देख रही  हैं ।“

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राजद्रोह और देशद्रोह में क्या अंतर है ?

राजद्रोह 

  • राजद्रोह कानून में भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC) की धारा 124 ए लगाई जाती है | 
  • राजद्रोह कानून में जो व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान  करता है, संविधान को नीचा दिखाता है, तो ऐसे व्यक्ति राजद्रोह कानून के अंतर्गत आते है। 
  • इसके अलावा  देश विरोधी संगठन के खिलाफ अनजाने में संबंध रखने वाला व्यक्ति भी इस कानून के दायरे में आता है।   

भारतीय संविधान क्या है?

देशद्रोह

  • वही, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A (देशद्रोह), 153A और 505 लगाई जाती है । 
  • इसमे भी जो व्यक्ति धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का प्रयास करते है, तो ऐसे व्यक्ति देशद्रोह कानून के अंतर्गत आते है। 
  • विभिन्न समूहों के बीच द्वेष या घृणा उत्पन्न करने वाले व्यक्ति इस देशद्रोह के दायरे में शामिल किये जाते है |

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यहा पर आपको “राजद्रोह और देशद्रोह” के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है । अगर आप के मन में इससे संबंधित कोई अन्य प्रश्न हैं तो आप कमेंट के द्वारा पूछ सकते हैं | हम आप के द्वारा की प्रतक्रिया का इंतजार कर रहे है |

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