एस्ट्रोलॉजी क्या होता है



अगर आप हिंदू समुदाय से संबंध रखते हैं तो अक्सर आप अपना राशिफल देखने के लिए यूट्यूब या फिर टीवी चैनल देखते होंगे, जहां पर किसी पंडित या फिर राशिफल के जानकार के द्वारा आपको राशिफल की जानकारी दी जाती है।

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ऐसे लोगों को प्रायः एस्ट्रोलॉजर (Astrologer) अथवा ज्योतिष कहा जाता है जो कुछ गणनाओं के आधार पर आपको आपके राशिफल के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। काफी लोग तो यही नहीं समझ पाते हैं कि आखिर ऐसा वह किस आधार पर कहते हैं। अतः इस पेज पर हम विस्तार से एस्ट्रोलॉजी के बारे में विस्तार से चर्चा करेगे |

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एस्ट्रोलॉजी क्या होता है ? What is Astrology in Hindi

एस्ट्रोलॉजी (Astrology) को शुद्ध हिंदी भाषा में ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है और जो एस्ट्रोलॉजी का अध्ययन करता है या फिर जिस व्यक्ति के द्वारा एस्ट्रोलॉजी का अध्ययन किया जा चुका है उसे ज्योतिष कहा जाता है। काफी लोग यह मानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के द्वारा भविष्य के बारे में बताया जा सकता है परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एस्ट्रोलॉजी सिर्फ यही तक सीमित नहीं है। एस्ट्रोलॉजी के अंतर्गत ग्रह, राशि, नक्षत्र का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा अग्नि, आकाश, वायु, जल और पृथ्वी के साथ ही साथ  वात, पित्त और कफ के साथ इंसानी जीवन के जन्म से लेकर के मौत तक के सभी कामों का अध्ययन भी एस्ट्रोलॉजी में किया जाता है।



चाहे कोई व्यक्ति एस्ट्रोलॉजी पर यकीन करें या ना करें परंतु यह बात 100% सच है कि हर व्यक्ति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर कहीं ना कहीं ज्योतिष से जुड़ा हुआ ही रहता है। उदाहरण के लिए एक किसान का उदाहरण लेते हैं जिसे ज्योतिष के बारे में ठीक प्रकार से पता भी नहीं होता है परंतु किसान भी इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि उसे कौन सी ऋतु में कौन सी फसल उगानी है। हमारे देश में रितु का निर्धारण चंद्रमा और सूरज की गति के आधार पर होता है। इस प्रकार से यह बात सत्य साबित होती है कि इस जगत के जितने भी काम है वह कहीं ना कहीं ज्योतिष से जुड़े हुए हैं और कोई भी इससे अछूता नहीं है।

एस्ट्रोलॉजर किसे कहते हैं ?

ऐसा व्यक्ति जिसके द्वारा एस्ट्रोलॉजी अर्थात ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान रखा जाता है, उस लड़की को अंग्रेजी भाषा में एस्ट्रोलॉजर (Astrologer) और हिंदी भाषा में ज्योतिषी कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति अपने ज्ञान के आधार पर किसी दूसरे व्यक्ति के जन्म स्थान, उसके नाम और उसकी जन्मकुंडली की सहायता के द्वारा उस व्यक्ति के भविष्य से संबंधित घटनाओं का सही आकलन लगाने का प्रयास करते हैं, जिनमें कुछ घटनाएं अशुभ होती है तो कुछ घटनाएं बहुत ही शुभ होती है। इसके साथ ही ज्योतिष के द्वारा अशुभ घटनाओं से बचने के लिए व्यक्ति को आवश्यक सलाह और निर्देश भी दिए जाते हैं साथ ही उन्हें विभिन्न उपाय भी बताए जाते हैं।

एस्ट्रोलॉजी के जनक कौन हैं ?

ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से देखा जाए तो इसके जनक के तौर पर 18 महर्षि का नाम लिया जाता है जिनके नाम सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ट, अत्रि, पाराशर, कश्यप, नारद, गर्ग, मरीचि, मनु, अंगिरा, लोमेश, पौलिश, च्यवन, यवन, भृगु एवं शौनक है। हमारे भारत देश में कई विद्वान ज्योतिष हुए जिनके नाम गर्ग, आर्यभट्ट, भृगु, बृहस्पति, कश्यप, पाराशर, वराह मिहिर, पित्रायुस, बैद्यनाथ है।

भारतीय ज्योतिष का इतिहास

भारतीय ज्योतिष अर्थात इंडियन एस्ट्रोलॉजी के बारे में कहा जाता है कि यह उतना ही प्राचीन है जितना कि हिंदुओं के वेद ग्रंथ है। पहले के समय में नक्षत्र, ग्रह और दूसरे खगोल पिंड का अध्ययन करने की जो कला होती थी उसे ही ज्योतिष कहते थे।

ज्योतिष अर्थात एस्ट्रोलॉजी के गणित के भाग के बारे में यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि वेद के अंदर भी इसकी साफ और स्पष्ट घटनाएं मौजूद हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के आचार्य महर्षि गर्ग के द्वारा ज्योतिष की जो पांडुलिपि तैयार की गई थी उनकी संख्या 100000 से भी ज्यादा है।

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एस्ट्रोलॉजी में ग्रहों की संख्या

एस्ट्रोलॉजी में 9 ग्रह के जिक्र है जिनके नाम 

सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु है। जितने भी नवग्रह के नाम हमने आपको ऊपर बताए हुए हैं, उनमें से कुछ ऐसे ग्रह है जिसे व्यक्ति के लिए मित्र ग्रह की सूची में रखा गया है।

एस्ट्रोलॉजी में ग्रहों का महत्व

हिंदू समुदाय में किसी भी व्यक्ति का नाम उसकी राशि के अनुसार ही रखने का प्रचलन है। राशि की जानकारी व्यक्ति के जन्म कुंडली से हासिल की जा सकती है और जन्म कुंडली से ही सरलता से नक्षत्र तथा ग्रह की स्थिति के बारे में भी पता लगाया जा सकता है। इसलिए हिंदू एस्ट्रोलॉजर इस बात पर पूर्ण रुप से विश्वास करते हैं कि ग्रह का प्रभाव किसी भी व्यक्ति की जिंदगी पर प्रत्यक्ष रूप से असर डालता है। एस्ट्रोलॉजी मे नवग्रह कुंडली के 12 भाव के कारक होते हैं जिसे नीचे दी गई लिस्ट के अनुसार आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

ग्रह             भाव-कारकत्व |
सूर्य           प्रथम, नवम, दशम |
चंद्रमा           चतुर्थ |
मंगल           तृतीय, षष्टम |
बुध              चतुर्थ, दशम |
बृहस्पति        द्वितीय, पंचम, नवम, दशम, एकादश |
शुक्र               सप्तम, द्वादश |
  शनि               षष्टम, अष्टम, दशम |

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ज्योतिष का महत्व

प्राचीन काल से ज्योतिष विद्या हमारे देश में प्रचलन मे है। यहां तक कि ऋषि मुनि भी इसका इस्तेमाल करते थे। इसके अंतर्गत ग्रहों की गणितीय गणना की जाती है।

ज्योतिष विद्या के अंतर्गत इस बात की जानकारी प्राप्त की जाती है कि कौन सा ग्रह व्यक्ति के दुख का कारक है और उसके दुख को किस प्रकार से ज्योतिष उपाय के द्वारा दूर किया जा सकता है।

एस्ट्रोलॉजी में व्यक्ति के ग्रह और नक्षत्र की स्थिति का पता लगाया जाता है साथ ही उसकी कुंडली में अगर कोई दोष है तो इसकी भी जानकारी प्राप्त की जाती है और किस प्रकार से दोष का निवारण किया जा सकता है। इसके बारे में भी पीड़ित व्यक्ति को जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है।

किसी भी प्रकार का सुख आयोजन अथवा त्यौहार आने के अवस्था में हम ज्योतिष के पास जाकर के शुभ मुहूर्त और शुभ तारीख इत्यादि के बारे में सरलता से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हमारा भविष्य कैसा होगा, हम अपने जीवन में सफल होंगे या नहीं, हमारे जीवन साथी का स्वभाव कैसा होगा इन सभी की जानकारी ज्योतिष शास्त्र के द्वारा प्राप्त की जा सकती है।

भविष्य कोई भी नहीं देख सकता है। हालांकि ज्योतिष के द्वारा भविष्य का ठीक-ठाक आकलन किया जा सकता है।

एस्ट्रोलॉजर कैसे बने ?

एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए विभिन्न प्रकार के कोर्स मौजूद हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। इसके अलावा एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए आपको ग्रह, नक्षत्र, कुंडली मिलान, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त, इत्यादि की भी जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, साथ ही आपको संस्कृत के श्लोक को भी पढ़ने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा उनके भावार्थ को समझने की भी जरूरत होती है। एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए आपको मित्र ग्रह और दुश्मन ग्रह के बारे में जानकारी होनी चाहिए साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि कौन सा ग्रह किस भाव में होने पर जातक के ऊपर कैसा प्रभाव पड़ेगा।

ज्योतिष कैसे सीखे ? 

How to learn Astrology in Hindi : ज्योतिष अर्थात एस्ट्रोलॉजी सीखने के लिए आपको राशि, ग्रह, घर, पहलू, गोचर और प्रगति के अर्थ का अच्छा ज्ञान होना चाहिए साथ ही सभी ग्रहों के बारे में भी आपको पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। और यह भी पता होना चाहिए कि कुंडली के किस भाव में कौन सा ग्रह होने पर व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा अगर व्यक्ति की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष पाया जाता है तो उसे किस प्रकार से दूर किया जाएगा, यह सभी चीजें भी आपको ज्योतिष के अंतर्गत सीखनी होती है।

ज्योतिष सीखने के लिए आप अपने आसपास मौजूद किसी अच्छे जानकार पंडित का सानिध्य प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि जब आप ऐसा करते हैं तो आप काफी तेज गति के साथ ज्योतिष सीखने में कामयाबी हासिल करते हैं। आप ज्योतिष सीखने वाला एप्लीकेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं अथवा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी या फिर दूसरी यूनिवर्सिटी से ज्योतिष से संबंधित कोर्स भी कर सकते हैं। इसके अलावा यूट्यूब पर भी कई प्रसिद्ध चैनल है जिनके वीडियो को देख करके आप धीरे-धीरे ज्योतिष की जानकारी प्राप्त करना शुरू कर सकते हैं।

एस्ट्रोलॉजर बनने के लिए कोर्स 

अगर आप एस्ट्रोलॉजर अर्थात ज्योतिष बनना चाहते हैं और एस्ट्रोलॉजी में अपना करियर स्थापित करना चाहते हैं तो आप इसके लिए कोर्स भी कर सकते हैं। नीचे कुछ प्रमुख कोर्स के नाम हमने आपको दिए हैं जो एस्ट्रोलॉजर बनने में आपके लिए सहायक साबित हो सकते हैं।

  •   Certificate in Astrology.
  •   Diploma in Astrology.
  •   Bachelor of Arts in Astrology.
  •   Graduate Diploma in Astrology.
  •   Advanced Diploma in Astrology
  •   Astrologer Acharya.
  •   Palmistry Acharya and Shiromani.
  •   Astrology Shiromani.
  •   Vedic astrology.
  •   Natal astrology.
  •   Astrologer proficient.
  •   Jyotish Bhushan.

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भारत के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर कॉलेज की लिस्ट 

नीचे हमने आपको कुछ ऐसे कॉलेज के नाम दिए हुए हैं जिनमें एडमिशन ले कर आप एस्ट्रोलॉजी का कोर्स कर सकते हैं।

  •   महर्षि कॉलेज ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी |
  •   बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय |
  •   डीएवी गर्ल्स कॉलेज |
  •   पंजाब यूनिवर्सिटी |
  •   आईवीएस स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन |
  •   श्री शिवाजी साइंस कॉलेज |
  •   गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज |
  •   उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी |
  •   श्री नारायण संस्कृत महाविद्यालय |
  •   कृष्णाजी जोशी शिक्षाशास्त्री महाविद्यालय |

FAQ: 

कुंडली क्या बताती है ?

कुंडली के द्वारा जीवन की अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों के बारे में जाना जा सकता है।

ज्योतिष सीखने वाला ऐप कौन सा है ?

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