ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Tank) क्या है



देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते इससे संक्रमित होनें वाले लोगो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है | वर्तमान समय में भारत के कुछ राज्यों की स्थितियां बहुत ही चिंताजनक हो चुकी है, जिसके कारण यहाँ चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है | आपको बता दें, कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात ऐसे राज्य है जहाँ प्रतिदिन कोरोना से संक्रमित मामलों की संख्या लगभग 4 लाख से अधिक पहुँच चुकी है |

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ऐसे में मरीजों को अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ता है, जहाँ उनकी गंभीर स्थितियों को देखते हुए ऑक्सीजन देनी पड़ती है | आखिर यह ऑक्सीजन सिलेंडर क्या है, Medical Oxygen Cylinder कैसे प्राप्त करे? इसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दे रहे है |    

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आक्सीजन सिलेंडर का क्या मतलब होता है ?

दरअसल ऑक्सीजनकी मात्रा हवा और पानी दोनों में पाई जाती है | यदि हम हवा में आक्सीजन की बात करे, तो हवा में इसकी मात्रा 21 फीसदी होती है जबकि 78 फीसदी नाइट्रोजन होती है | इसके आलावा शेष बचे 1 प्रतिशत में अन्य गैसे जैसे कि आर्गन हीलियम, नियोन और क्रिप्टोन जैसी गैंसें शामिल होती हैं। चूँकि पानी में भी ऑक्सीजन की मात्रा शामिल होती है, परन्तु पानी में मिश्रित ऑक्सीजन की मात्रा स्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकती है |



ऑक्सीजन को प्राण वायु गैस भी कहते है | जब कोई मरीज किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है तो उस पेशेंट को ऑक्सीजन दी जाती है | इस ऑक्सीजन को मेडिकल आक्सीजन के नाम से भी जाना जाता है | जब किसी सीरियस पेशेंट को किसी एक हॉस्पिटल से किसी दूसरे अस्पताल के लिए रेफ़र किया जाता है, तो एम्बुलेंस में मौजूद आक्सीजन सिलेंडर द्वारा उस मरीज को आक्सीजन दी जाती है |      

मेडिकल आक्सीजन कैसे बनती है (How Medical Oxygen Is Made)

मरीजो को दी जानें वाली आक्सीजन को प्रोसेस के तहत तैयार किया जाता है | दरअसल यह मेडिकल आक्सीजन गैस जिस प्रॉसेस से बनायीं जाती है, उसे क्रायोजेनिक डिस्टिलेशन प्रॉसेस कहते है | इस प्रक्रिया में सबसे पहले धूल-मिट्टी को हटानें के लिए हवा को फ़िल्टर किया जाता है | इसके पश्चात इसी फिल्ट्रेशन प्रक्रिया द्वारा हवा में उपस्थित अन्य गैसों को पृथक कर ऑक्सीजन निकालते हैं | इस दौरान हवा पर भरी दबाव डाला जाता है और एयर को मॉलीक्यूलर छलनी एडजॉर्बर से ट्रीट करते हैं | इससे हवा में मौजूद पानी के कण, कार्बन डाई ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन अलग हो जाते हैं |

इस प्रोसेस के दौरान प्राप्त ऑक्सीजन कोसिलेंडर में भर दिया जाता है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजो के साँस लेने में किया जाता है | हालाँकि इस आक्सीजन का उपयोग पेशेंट के आलावा विभिन्न प्रकार के उद्योगों में भी किया जाता है | इसकी सबसे अधिक आवश्यकता स्टील निर्माण उद्योग, पेट्रोलियम आदि उद्योगों में किया जाता है |

ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता (Oxygen Cylinder Required)

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत में स्थितियां बहुत ही नाजुक हो चुकी है | वर्तमान समय में देश में आक्सीजन डिमांड काफी बढ़ चुकी है | जब किसी कोरोना से संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे चला जाता है, ऐसे में पेशेंट की कंडीशन क्रिटिकल मानी जाती है | ऐसी क्रिटिकल कंडीशन में पेशेंट को तत्काल रूप से आक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है |

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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यदि पेशेंट वेंटीलेटर पर है तो पेशेंट के मस्तिष्क में 3 मिनट की ऑक्सीजन रहती है और यदि वेंटीलेटर से पेशेंट को सौ फ़ीसदी ऑक्सीजन दे दी जाये, तो मरीज का मस्तिष्क 7 से 8 मिनट तक बिना ऑक्सीजन के रह सकता है | इसके पश्चात यदि पेशेंट को आक्सीजन नहीं मिलती है, तो उनकी मृत्यु हो जाती है |

देश में स्थितियां इतनी भयावह हो चुकी है, कि बहुत से लोग अपनें घरों में क्वॉरंटीन हैं | ऐसे में उन्हें किसी भी समय ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसके कारण लोग अब अपनें घरों में पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर रख रहे हैं |

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ऑक्सीजन सिंलेडर की कीमत (Oxygen Cylinders Price)

वर्तमान समय में अस्पतालों से लेकर घरों में क्वॉरंटीन लोगो को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत पड़ रही है | ऐसे में पोर्टेबल सिलेंडर की डिमांड सबसे अधिक है, क्योंकि पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर आकार में छोटा होता है | हालाँकि अस्पतालों में आमतौर पर 7 क्यूबिक मीटर वाले मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग किया जाता है | इस सिलेंडर की कीमत लगभग 5500 रुपये होती है | 

हालाँकि इसे रिफिल करानें में लगभग 175 रुपये से लेकर 200 रुपये तक खर्च आता है, हॉस्पिटल के सभी खर्चों को मिलाकर यह लगभग 350 रुपये तक मिल जाता है |  सिलेंडर के साथ वॉल्व, रेगुलेटर और मेडिकल ऑक्सीजन से भरा मास्क होता है | सिलेंडर की कीमत पंप काउंट और वॉल्यूम पर निर्भर करती है |

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पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर कितना चलता है (How Much Run Portable Oxygen Cylinder)

2.7 किग्रा2 घंटा 4 मिनट
3.4 किग्रा3 घंटा 27 मिनट
4.9 किग्रा5 घंटा 41 मिनट
13.5 किग्रा14 घंटे 21 मिनट

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ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे प्राप्त करे (How To Get Oxygen Cylinder)

आक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करनें के लिए सबसे पहले आपको डॉक्टर द्वारा लिखित पर्ची दिखानी होगी, जिसमे डॉक्टर द्वारा पेशेंट के लिए आक्सीजन की आवश्यक बताया है, उसे ही आक्सीजन उपलब्ध करायी जाएगी। दरअसल आक्सीजन की कमीं होनें के कारण सभी मरीजो के मन में अनेक प्रश्न उठ रहे थे | हालाँकि केंद्र सरकार नें राज्य सरकारों के साथ विचार विमर्श कर देश में आक्सीजन उपलब्ध कराये जानें के हर संभव प्रयास किये जा रहे है |

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यहां आपको ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Tank) के विषय में जानकारी दी गई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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