DNA Test क्या होता है ?



दोस्तों! हम सब कही न कही DNA शब्द से परिचित अवश्य हैं, स्कूलो में यह एक महत्त्वपूर्ण टॉपिक के रूप में पढ़ाया भी जाता है। DNA टेस्ट का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में ख्याल आने शुरू हो जाते हैं कि, यह तो अपराधी को पकड़ने के लिए किया जाने वाला परीक्षण है या फिर अगर किसी को अपने जैविक रिश्तो के बारे में जानना हो तब यह परीक्षण इस्तेमाल किया जाता है। 

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DNA टेस्ट को करने के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों ही लैब में सुविधाएं होती हैं। जो लैब सरकारी होते हैं वहां पर अपराधियों का DNA टेस्ट करने के लिए सरकार से परमिशन लेनी होती है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में इसे आसानी से कराया जा सकता है। इस पेज पर हम जानेंगे कि “डीएनए टेस्ट क्या होता है” और “डीएनए टेस्ट कैसे होता है।”

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डीएनए टेस्ट क्या होता है (What is DNA Test in Hindi)

DNA test के परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है बच्चा अपने माता-पिता की किसी जेनेटिक बीमारी से प्रभावित हो सकता है या नहीं। इस टेस्ट के द्वारा अपनी बायोलॉजिकल फैमिली और ब्लड रिलेशंस का पता लगाया जा सकता है।



जिस तरह अगर आप किसी पंडित या ज्योतिष के पास जाते हैं और वह आपका भूत ,भविष्य वर्तमान सब कुछ खुल कर सामने रख देता है और आप उस पर विश्वास भी कर लेते हैं।

हालांकि वह कितना सच बोल रहा है वह तो आने वाले समय में ही पता चलता है। DNA एक ऐसा परीक्षण है जिसमें सच झूठ जैसा कुछ नही होता , इस टेस्ट में बिल्कुल सटीक जानकारी प्राप्त होती है।

मनुष्य के शरीर में DNA कोडिंग होती हैं, इन्हीं कोडिंग पर बच्चे के शरीर की बनावट निर्भर करती है। अतः डॉक्टर रिपोर्ट देखकर यह बात भी क्लियर कर देते हैं कि यह बच्चा भविष्य में कैसा दिखेगा?

सभी बच्चे के नैन-नक्ष , आंखों का रंग ,उसकी स्किन कलर लंबाई-चौड़ाई ,मसल्‍स की मजबूती,बाल, और बच्‍चा भविष्‍य में किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी का शिकार होगा या नहीं यह सब कुछ DNA के माध्यम से पता लगाया जा सकता हैं।

डीएनए का फुल फॉर्म

विज्ञान की भाषा में DNA का फुल फॉर्म Deoxyribonucleic acid होता हैं। यह जीवित कोशिकाओं में पाया जाता हैं,DNA का स्ट्रक्चर एक घुमावदार सीढ़ी जैसा होता हैं। जीव की संरचना और उसके गुणों का पता DNA से लगाया जा सकता हैं।

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वैज्ञानिक जेम्स और फ्रांसिस क्रिक ने वर्ष 1953 में DNA की खोज की, इनकी खोज के लिए इन्हें वर्ष 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। DNA कभी समाप्त नहीं होता बल्कि एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित हो जाता है, Deoxyribonucleic acid  4 प्रकार के न्यूक्लियोटाइड एडिनीन , ग्वानिन, थाइमिन, साइटोसिन से मिलकर बना है।

डीएनए टेस्ट कैसे होता है ?

DNA टेस्ट में ज्यादातर खून सैंपल लिए जाते हैं, कारण से अगर खून का सैंपल नहीं लिया जा सकता है तब मुख के झाग का इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा बाल और नाखून से DNA test को परफॉर्म किया जा सकता हैं। लैब टेस्टिंग में  जैव, क्रोमोसोम्स और प्रोटीन का मिलान किया जाता हैं।

किसी अजन्‍मे बच्‍चे का DNA परीक्षण करना हो तो, उसके लिए नसों के खून,बोन मैरो का सैंपल और एम्नियोसेंटेसिस सैंपल का इस्तेमाल किया जाता है।

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डीएनए जांच से क्या पता चलता है ?

DNA जांच से अपने बायोलॉजिकल परिवार और खून के रिश्तेदारों के बारे में तो पता कर ही सकते हैं इसके अलावा अगर कहीं पर कोई हादसा या मर्डर हुआ है तो उस स्थान से प्राप्त बालों ,नाखूनों, यूरिन, स्पर्म और सलाइवा से यह पता लगाया जा सकता है कि वहां कौन कौन से व्यक्ति मौजूद थे।

DNA टेस्ट के माध्यम से जेनेटिक बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता हैं। इसके अलावा बच्चे में संभावित बीमारियों का पता लगाने के लिए भ्रूण का DNA टेस्ट भी कराया जाता हैं।

डीएनए टेस्ट कौन और कहां कर सकते है?

ऐसी गवर्नमेंट लेबोरेटरी, जहां पर डीएनए टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है वहां पर आसानी से आप डीएनए टेस्ट करा सकते हैं। इसके अलावा जिन प्राइवेट लेबोरेटरी में डीएनए टेस्ट की सर्विस अवेलेबल है वहां पर भी आप जाकर के डीएनए टेस्ट करवा सकते हैं। 

गवर्नमेंट लेबोरेटरी के द्वारा सिर्फ क्रिमिनल मामले में या फिर गवर्नमेंट ऑर्डर पर ही इस प्रकार का टेस्ट करती है, वहीं प्राइवेट लेबोरेटरी में कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर डीएनए टेस्ट करवा सकता है।

डीएनए टेस्ट की कीमत कितनी है ?

अगर किसी व्यक्ति के द्वारा गवर्नमेंट लेबोरेटरी में डीएनए टेस्ट करवाया जाता है, तो इसकी कीमत कम होती है, वहीं प्राइवेट लेबोरेटरी में डीएनए टेस्ट की कीमत अधिक होती है। देश के अलग-अलग इलाकों में मौजूद डीएनए टेस्ट को करने वाले लेबोरेटरी में डीएनए टेस्ट की कीमत अलग-अलग होती है।

सामान्य तौर पर देखा जाए तो इस टेस्ट की कीमत की शुरुआत ₹6000 से होती है और कीमत का आंकड़ा ₹200000 तक भी जा सकता है। हालांकि 15000 से लेकर के ₹20000 में आसानी से डीएनए टेस्ट हो जाता है।

डीएनए टेस्ट करवाने के तकरीबन 10 से लेकर के 25 दिनों के बाद आपको रिपोर्ट प्राप्त होती है। कुछ इमरजेंसी मामले में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट जल्दी प्रकाशित की जाती है।

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डीएनए टेस्ट क्यों किया जाता है ? 

डीएनए टेस्ट करने के या फिर डीएनए टेस्ट करवाने के कई कारण हो सकते है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारणों की सूची निम्नानुसार है।

पत्नी पर विश्वास की कमी

कई बार शादीशुदा जोड़ों में से पत्नी किसी अन्य मर्द से संबंध बना लेती है और उससे कोई संतान पैदा हो जाती है। ऐसी अवस्था में अगर पति को यह शक है कि उसकी जो संतान है वह उसकी नहीं है तो इस शंका का समाधान करने के लिए भी डीएनए टेस्ट करवाया जा सकता है। पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए और मन की शांति के लिए अथवा अफेयर के आधार पर डाइवोर्स देने के लिए कोर्ट के द्वारा इस टेस्ट को करवाने की परमिशन दी जाती है।

अस्पताल में अदला–बदली 

कई बार अस्पतालों में बच्चा पैदा होने के बाद जानबूझकर अथवा अनजाने में उनकी अदला बदली हो जाती है अर्थात किसी माता का बच्चा किसी अन्य महिला को दे दिया जाता है। ऐसी अवस्था में अगर माता-पिता को इस बात पर शक है कि अस्पताल में उनके बच्चे को बदल दिया गया है तो ऐसी अवस्था में वह डीएनए टेस्ट करवा सकते हैं और अपनी इस शंका को दूर कर सकते है।

महिला को बताना की असली पिता कौन है

कभी कबार ऐसी अवस्था पैदा हो जाती है जब महिला को यह विश्वास ही नहीं होता है कि उसके बच्चे का असली पिता कौन है। ऐसी सिचुएशन में बच्चे और उसके पिता के डीएनए सैंपल के द्वारा यह तय किया जा सकता है कि बच्चे का असली पिता कौन है। महिला चाहे तो प्रेगनेंसी के दरमियान भी इस प्रकार के टेस्ट को करवा सकती है‌

विरासत उद्देश्य

अगर किसी व्यक्ति के द्वारा यह दावा किया जाता है कि वह फलाने आदमी का बेटा है परंतु फलाना आदमी इस बात को स्वीकार नहीं करता है तो ऐसी अवस्था में कोर्ट चाहे तो दोनों ही लोगों का डीएनए टेस्ट करवा सकती है। अगर दोनों ही व्यक्ति के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट एक समान आती है तो यह माना जाएगा कि व्यक्ति के द्वारा जो दावा किया जा रहा है वह बिल्कुल सही है।

डीएनए टेस्ट के लिए किसके सैंपल आवश्यक हैं ?

अगर किसी बच्चे और एक आदमी के बीच के रिश्ते को साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जा रहा है तो ऐसी अवस्था में बच्चे के भी डीएनए सिंपल की आवश्यकता होगी, साथ ही आदमी के भी डीएनए सैंपल की आवश्यकता होगी। हालांकि देश में कुछ ऐसी भी लेबोरेटरी है जो डीएनए टेस्ट करने के लिए मां के सेपल लेती है, परंतु इसकी बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा जो भी लेबोरेटरी करती है, वह सिर्फ एक्स्ट्रा पैसा कमाने के उद्देश्य से इस प्रकार के काम को करती है।

डीएनए टेस्ट के लिए डीएनए कैसे निकाला जाता है ? 

लेबोरेटरी के द्वारा डीएनए टेस्ट निकालने के लिए व्यक्ति की बॉडी में से थोड़ी मात्रा में खून निकाला जाता है। इसके लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। अगर खून निकाला जाना संभव नहीं है तो ऐसी अवस्था में सैंपल मुख झाड़ से भी निकाला जाता है। 

इसके अलावा डीएनए सैंपल निकालने के लिए व्यक्ति के बालों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर व्यक्ति की हड्डी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि व्यक्ति की हड्डी का इस्तेमाल तभी किया जाता है, जब व्यक्ति की मौत हो चुकी होती है और किसी काम के लिए अथवा किसी मैटर में उसके डीएनए सैंपल की आवश्यकता होती है।

क्या बच्चे के जन्म से पहले डीएनए टेस्ट किया जा सकता है ?

इस बात का जवाब है हां! बच्चा पैदा होने से पहले भी उसके डीएनए टेस्ट को किया जा सकता है। ऐसे लोग जो गर्भावस्था के दरमियान ही इस बात का पता लगाना चाहते हैं कि महिला के पेट में पल रहा बच्चा उनका है अथवा नहीं, वह लोग डीएनए टेस्ट करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

हालांकि इस प्रक्रिया में आपको सामान्य से थोड़ा अधिक पैसा डीएनए टेस्ट करवाने के लिए खर्च करना पड़ सकता है। 

आप चाहे तो बच्चा पैदा होने के पश्चात भी बच्चे का डीएनए टेस्ट करवा सकते हैं। कोई महिला अगर प्रेग्नेंट है तो गर्भावस्था के 8 सप्ताह के पश्चात उसके बच्चे का डीएनए टेस्ट किया जाता है, क्योंकि इस समय तक मां का खून उस बच्चे की बॉडी के डीएनए में शामिल हो जाता है। 

इस प्रकार से व्यक्ति अर्थात पिता के खून के साथ मां के खून की कंपैरिजन करके इस बात तक पहुंचा जा सकता है कि पेट में पल रहा बच्चा उस व्यक्ति का है अथवा नहीं, जिस व्यक्ति के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि वह बच्चा उसका है।

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FAQ: 

डीएनए टेस्ट से क्या क्या पता चलता है ?

डीएनए टेस्ट के द्वारा ब्लड रिलेशन का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा सकता है कि बच्चे का बाप कौन है।

डीएनए टेस्ट करने में कितना खर्चा आता है ?

गवर्नमेंट और प्राइवेट लैबोरेट्री में डीएनए टेस्ट करवाने का खर्चा अलग अलग होता है।

लड़की का डीएनए टेस्ट कैसे होता है ?

लड़की का डीएनए टेस्ट करने के लिए उसकी बॉडी में से खून का सैंपल, त्वचा का सैंपल, बाल का सैंपल, हड्डी का सैंपल अथवा नाखूनों का सैंपल लिया जाता है।

डीएनए टेस्ट कैसे बनाते हैं ?

यह एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसे लेबोरेटरी ऑपरेटर ही समझ सकते हैं।

डीएनए टेस्ट घर पर कैसे करे ?

अगर आप टेस्ट करने के लिए अनुभव नहीं रखते हैं तो आप घर पर टेस्ट नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको डीएनए टेस्ट करने वाले डॉक्टर को अपने घर पर बुलाना होगा।

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