आतंकवाद भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है, और यह एक ऐसी विकराल समस्या है जिसकी जड़ें लगातार फैलती जा रही है | जब भी आतंकवाद से सम्बंधित घटनाओं का जिक्र होता है, तो सबसे पहले पाकिस्तान का नाम लिया जाता है |
दरअसल पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाए जानें के कारण जून 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था | हालाँकि वह इससे निकलनें के लिए निरंतर कोशिश कर रहा है | अब यहाँ एक प्रश्न उठता है, कि एफएटीएफ क्या है,फुल फार्म और एफएटीएफकाली सूची क्या है (fatf grey list meaning)?
एफएटीएफ का फुल फार्म (FATF Full Form)
एफएटीएफ (FATF) का फुल फार्म “Financial Action Task Force (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स)” है | हिंदी में इसे “वित्तीय कार्यवाही टास्क फोर्स” के नाम से जाना जाता है |
FATF Full Form In English |
Financial Action Task Force |
एफएटीएफफुल फार्म इन हिंदी |
वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल |
एफएटीएफ क्या है (What is FATF Meaning in Hindi)
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्सअर्थात एफएटीएफ एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है | इस संस्था का गठन वर्ष 1989 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा किया गया था | यह संस्था दुनिया भर में आतंकी संगठनों की फंडिंग अर्थात आर्थिक रूप से मदद करने वाले देशों पर नज़र रखती है | इसके साथ ही यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखना है |
यदि कोई देश इस संस्था द्वारा बनाये गये नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस देश को एफएटीएफकी ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है | एफएटीएफ की बैठक का आयोजन एक वर्ष में तीन बार किया जाता है |
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एफएटीएफ सूचियों की जानकारी (Information on FATF Lists)
वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स अर्थात एफएटीएफ ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट दो प्रकार की सूचियाँ जारी करती है, इसका विवरण इस प्रकार है-
एफएटीएफ ग्रे लिस्ट (FATF Grey List)
ग्रे लिस्ट में ऐसे देशों को शामिल किया जाता है, जिन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक रूप से सहायता करना अर्थात टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग करनें का आरोप होता है| किसी भी देश को ग्रे लिस्ट में शामिल करनें का मतलब यह एक एक तरह की चेतावनी होती है कि आप ब्लैक लिस्ट में शामिल हो सकते हैं |
यदि वह देश एफएटीएफद्वारा दिए गये निर्धारित समय में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए कदम नहीं उठाता है, तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है | ग्रे लिस्ट में डाले जानें वाले देश को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में, वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों से पैसे मिलने या ऋण लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है |
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एफएटीएफ काली सूची अर्थात ब्लैक लिस्ट (FATF Black List)
यदि यह सिद्ध हो जाता है, कि अमुख देश से आतंकी संगठन को फंडिंग हो रही है और एफएटीएफके नियमों के अनुसार उसे जो कार्यवाही करनी चाहिये वह नहीं कर रहा है, तो उसका नाम ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल दिया जाता है | इन देशों को नॉन कोऑपरेटिव कंट्रीज ऑर टेरिटरीज (NCCTs) कहा जाता है |
यदि कोई देश ब्लैक लिस्ट में है, तो इसका सीधा मतलब है, कि वो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डिंग को सपोर्ट कर रहा है | यह लिस्ट समय –समय पर अपडेट होती रहती है | किसी भी देश के ब्लैक लिस्ट में जाने पर उस देश को आईएमएफ, विश्व बैंक जैसे संस्थानों से किसी भी सूरत में लोन नहीं मिल सकता है | वर्तमान में ईरान और उत्तर कोरिया इस ब्लैकलिस्ट में आते हैं |
एफएटीएफ कार्य कैसे करता है (How Does FATF Work)
कोई भी देश टेरर फंडिंग कर रहा है या नहीं,गलत गतिविधियों को रोकनें के लिए कोई कदम उठाये है या नहीं, एफएटीएफ द्वारा इसके मापन का एक अलग अपना पैमाना है | इसके लिए एफएटीएफ नें 40 पाइंट्स निर्धारित किये है, इन्ही पॉइंट्स के आधार पर उस देश का मूल्यांकन किया जाता है | एफएटीएफ नें अक्टूबर 2001 में मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयासों को शामिल किया और अप्रैल 2012 में इसकी कार्यसूची में सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण का मुकाबला करने के प्रयासों को जोड़ा गया |
एफएटीएफ सदस्यों देशों की संख्या (List of FATF Countries)
वर्तमान में एफएटीएफ के कुल 39 सदस्य हैं, जिसमें 37 सदस्य देश और 2 रीजनल ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं जो दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में सबसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।एफएटीएफमें सदस्यों की संख्या इस प्रकार है-
अर्जेंटीना | यूरोपीय यूनियन | भारत |
ऑस्ट्रेलिया | फिनलैंड | आयरलैंड |
ऑस्ट्रिया | फ्रांस | इजराइल |
बेल्जियम |
जर्मनी |
इटली |
ब्राजील |
ग्रीस |
जापान |
कनाडा |
गल्फ़ कोऑपरेशन काउंसिल |
कोरिया गणराज्य |
चीन |
हांगकांग, चीन |
लक्समबर्ग |
डेनमार्क |
आइसलैंड |
मलेशिया |
मेक्सिको |
सऊदी अरब |
तुर्की |
नीदरलैंड |
सिंगापुर |
यूनाइटेड किंगडम |
न्यूजीलैंड |
दक्षिण अफ्रीका |
अमेरिका |
नॉर्वे |
स्पेन |
एफएटीएफ पर्यवेक्षक |
पुर्तगाल |
स्वीडन |
इंडोनेशिया (पर्यवेक्षक) |
रूसी संघ |
स्विट्जरलैंड |
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भारत एफएटीएफ का सदस्य कब बना (India as a Member of FATF)
एफएटीएफ का निर्णय लेने वाले निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है | एफएटीएफ प्लेनरी ने 24 जून 2010 को भारत में पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाया और 25 जून 2010 को एफएटीएफ के 34वें सदस्य देश के रूप में भारत को शामिल किया |
एफएटीएफ के अध्यक्ष (President of FATF)
वर्तमान समय में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्सअर्थात एफएटीएफ के अध्यक्ष पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के जियांगमिन लियू हैं | जियांगमिन लियू नें 1 जुलाई 2019 को अमेरिका के मार्शल बिलिंगस्ले के स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया था | हालाँकि भारत से अभी तक कोई भी इस संगठन का अध्यक्ष नहीं बन पाया है |
यहाँ आपको एफएटीएफ (FATF) काली सूची के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है | यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | इसके साथ ही आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.hindiraj.com पर विजिट करे |