भारत के राज्यों के लोक नृत्य की सूची



भारत देश विविधता में एकता हमारे भारत देश की पहचान है। भारतीय संस्कृति में भारत के हर राज्य, हर क्षेत्र की अपनी परंपराएं व मान्यताएं हैं। एक ऐसी ही की प्राचीन व प्रचलित लोकप्रिय परंपरा है, भारत के सांस्कृतिक लोक नृत्य। भारत के प्रत्येक राज्य व क्षेत्र के अपने अलग-अलग कुछ प्रचलित लोकनृत्य हैं, इसलिए आज इस आर्टिकल में आपको भारत के राज्यों के लोक नृत्य की सूची दी गई है।



भारत के लगभग सभी राज्यों में आदिवासी या जिन्हें हम वनवासी भी कहते हैं, का लोक नृत्य भारतीय परंपराओं व संस्कृति को अब तक जीवित रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता ह आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप Bharat Ke Lok Nritya in Hindi (List) के बारे में जानेंगे।

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लोक नृत्य क्या होते हैं ?

लोक नृत्य से आशय एक विशेष प्रकार के नृत्य से है, जिसमें नृत्य की आधुनिक पद्धतियों के स्थान पर परंपरागत पद्धतियों का उपयोग किया जाता है, जो किसी एक व्यक्ति द्वारा न होकर अनेक व्यक्तियों के द्वारा किया जाता है, इसमें पुरुष व महिलाओं दोनों का सम्मिश्रण तो होता ही है, साथ ही महिला एवं पुरुष के अलग-अलग लोक नृत्य भी होते हैं।



लोक नृत्य सामान्यता अपनी भावनाओं को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करने की एक कला है, जिसमें लोक नृत्यों के माध्यम से अपनी भावनाओं और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है। भारत के लोक नृत्यों में हर राज्य से ऐसी कई टोलियां मिल जाएंगी, जिन्होंने लोक नृत्यों में कीर्तिमान स्थापित किए है और भारत के राष्ट्रीय मंच के अलावा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है।

Bharat Ke Lok Nritya in Hindi (List)

लोकनृत्यों में आमतौर पर अपने देश, राज्य व क्षेत्र की संस्कृति और परम्पराओं को दर्शाने की कला होती है, जो हर जाति या समुदाय की अलग-अलग होती है। लोक नृत्य बहुत ही सरल एवं सहज होते है और इन्हें करने की कोई विशेष पद्धति न होकर सामान्य रूप से किए जा सकते हैं। 

भारत के लोकनृत्यों को वर्गीकृत करना कठिन है, लेकिन सामान्यतः इन्हें चार वर्गों में विभाजित किया गया है।

  1. वृत्तिमूलक –  जुताई, बुआई, मछली पकड़ना और शिकार के लिए।
  2. आनुष्ठानिक – तांत्रिक अनुष्ठान करके देवी या दानव-प्रेत आत्माओं के कोप से मुक्ति पाने के लिए)।
  3. धार्मिक 
  4. सामाजिक – यह लोकनृत्य का एक ऐसा प्रकार है, जो सभी वर्गों में शामिल है।

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भारत के राज्यों के लोक नृत्य की सूची

भारत के प्रत्येक राज्य के अपने अपने लोक नृत्य है जो अपनी विविधता और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। नीचे आपको भारत के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की सूची दी गई है। 

क्रमांकराज्यों के नाम                 प्रचलित लोकनृत्य 
1आंध्र प्रदेश कुचिपुड़ी, आंध्र नाट्यम विलासिनी,  नाट्यम, भामा कल्पम, धीम्सा, कोलट्टम, बुट्टा बोम्मलु, लंबाडी, टप्पेटा गुल्लू, दप्पू वीरनाट्यम
2असमबीहू, बीछुआ, नटपूजा, महारास, कालिगोपाल, बागुरुम्बा, नागा नृत्य, खेल गोपाल, कानोई, झूमूरा होबजानाई।
3बिहारजाट– जातिन, पनवारिया, बिदेसिया, कजारी।
4गुजरातगरबा, डांडिया रास, टिप्पनी जुरुन, भावई।
5हरियाणाझूमर, फाग, डाफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, जागोर।
6हिमाचल प्रदेशझोरा, झाली, छारही, धामन, छापेली, महासू, नटी, डांगी। 
7जम्मू और कश्मीररऊफ, हीकत, मंदजात, कूद डांडी नाच। 
8कर्नाटकयक्षगान, हुट्टारी, सुग्गी, कुनीथा, करगा, लाम्बी। 
9केरलकथकली (शास्त्रीय), मोहिनीअट्टम, कूरावारकली ।   
10महाराष्ट्रलावणी, डिंडी, काला, दहीकला दसावतार।   
11 ओडिशागोतिपुआ, छाउ, घुमूरा, रानाप्पा, संबलपुरी नृत्य।
12 पश्चिम बंगाललाठी, गंभीरा, ढाली, जतरा, बाउल, छाऊ, संथाली डांस।
13 पंजाब भांगड़ा, गिद्दा, दफ्फ, धामल, दंकारा।
14 राजस्थानघूमर, गणगौर, झूलन लीला, कालबेलिया, छारी।   
15तमिलनाडुभरतनाट्यम, कुमी, कोलट्टम, कवाडी अट्टम।
16उत्तर प्रदेशनौटंकी, रासलीला, कजरी, चाप्पेली। 
17उत्तराखंडभोटिया नृत्य, चमफुली और छोलिया।
18गोवादेक्खनी, फुग्दी, शिग्मो, घोडे, जगोर, गोंफ, टोन्या मेल।  
19मध्य प्रदेशजवारा, मटकी, अडा, खाड़ा नाच, फूलपति, ग्रिदा नृत्य, सालेलार्की, सेलाभडोनी, मंच।  
20छत्तीसगढ़गौर मारिया, पैंथी, राउत नाच, पंडवाणी, वेडामती, कपालिक, भारथरी चरित्र, चंदनानी।
21 झारखंडझूमर, जनानी झूमर, मर्दाना झूमर, पैका, फगुआ, मुंदारी नृत्य, सरहुल, बाराओ, झीटका, डांगा, डोमचक, घोरा नाच।  
22 अरुणाचल प्रदेशबुईया, छालो, वांचो, पासी कोंगकी, पोनुंग, पोपीर, बारडो छाम।  
23 मणिपुरडोल चोलम, थांग टा, लाई हाराओबा, पुंग चोलोम, खांबा थाईबी, नूपा नृत्य, रासलीला।  
24 मेघालयशाद सुक मिनसेइम, शाद नॉन्गरेम, लाहो।  
25 मिजोरमछेरव नृत्य, खुल्लम, चैलम, च्वांगलाईज्वान, जंगतालम, सरलामकई/ सोलाकिया, तलंगलम।         
26नगालैंडरेंगमा, बांस नृत्य चंगी नृत्य, आलूयट्टू। 
27 त्रिपुराहोजागिरी, गारिया, झूम। 
28 सिक्किमसिंघी छामऔर याक छाम, तमांग सेलो, मारूनी नाच।
29लक्षद्वीप लावा, कोलकाली, परीचाकली।  

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लोक नृत्यों की विशेषताएं 

लोक नृत्य अपने आप में एक विशेष महत्व रखते है, जिनमें समुदाय और क्षेत्रीयता का मिला-जुला सम्मिश्रण होता है। लोक नृत्यों की विशेषताएं निम्न हैं:

  • स्वतंत्र रूप से किए जाते हैं। 
  • कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं।
  • किसी भी पेशेवर व्यक्ति की जरूरत नहीं।
  • सामान्य प्रशिक्षण से सीखे जा सकते हैं।
  • ये अपने देश, राज्य व क्षेत्र की संस्कृति को अभिव्यक्त करते हैं।
  • कोई भी विशेष नियमों की आवश्यकता नहीं।
  • सामान्य व्यक्तियों द्वारा किए जा सकते हैं।
  • एकल न होकर अधिकतम लोक नृत्य सामूहिक होते हैं।
  • लोकनृत्य अपनी संस्कृति व समुदाय में प्रचलित मान्यताओं को जीवित रखने का अच्छा साधन हैं।

इनके अलावा भी ऐसे लोकनृत्य हैं, जो अपने आप में एक विशेष महत्त्व रखते हैं, इन्हें किसी भी विशेष प्रशिक्षण आदि की आवश्यकता नहीं होती है और सामान्य रूप से किए जा सकते हैं।

लोक नृत्य भारत की संस्कृति के साथ साथ विविधताओं को भी दर्शाते हैं जिनसे हमें अपने भारत को जमीनी स्तर पर जान सकते हैं वो लोक नृत्य ही हैं जो आज तक अपनी संस्कृति को जोड़े हुए है हालांकि समय के साथ इनमें परिवर्तन भी होते रहते है।साथ ही लोक नृत्य अपनी भावनाओं को भी प्रकट करते हैं |

ऊपर मैने आपको लोक नृत्यों से जुड़ी सभी जानकारी साझा कर दी है, उम्मीद है आपको आर्टिकल पसंद आया होगा। धन्यवाद!

FAQ’s 

लोक नृत्य किन अवसरों में किए जाते हैं ?

सामान्यतः लोकनृत्य किसी सामान्य या विशेष अवसरों पर ही किए जाते हैं, जैंसे ऋतु आगमन पर तो किसी विशेष त्योहार के स्वागत पर, कहीं फसलों की कटाई की खुशी में तो कहीं जनजातियों के किसी विशेष त्योहारों पर ही लोक नृत्यों को किया जाता है, जिनमें लोक संस्कृति की झलक अलग ही दिखाई देती हैं।

भारत में कितने प्रकार के लोक नृत्य हैं ?

बात अगर भारत के लोक नृत्यों की करें तो भारत देश विविधताओं का देश है जहां हर राज्य एवं क्षेत्र की अपनी अलग पहचान है, अलग-अलग परंपरा एवं संस्कृति है, जो अपने महत्व को दर्शाती है. हालांकि ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही है, कि भारत में कुल कितने लोक नृत्य हैं, पर भारत सरकार व राज्य सरकारों ने जो प्रचलित लोकनृत्य हैं, उनकी एक सूची तैयार की है, जो आपको ऊपर दी गई है, जिसमें कुछ लोक नृत्यों को राज्य सरकारों ने राजकीय लोक नृत्य की संज्ञा दी है |

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